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जादवपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में 'गांजे' की खेती का पता चला, रैगिंग से तंग छात्र की हुई थी मौत

पुलिस को छात्र की मौत की जांच के दौरान ही ये दिलचस्प बात पता चली.

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फॉरेंसिक जांच के दौरान मोबाइल फोन के डिलीटेड डेटा से हमें एक तस्वीर बरामद हुई. जो कि एक फूल के गमले में गांजे की खेती से जुड़ी थी. (फोटो- ट्विटर)

छात्र आत्महत्या मामले के चलते विवादों में आई कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी को लेकर एक और बड़ी जानकारी सामने आई है. आरोप लगा है कि यूनिवर्सिटी के अंदर 'गांजे की खेती' की जा रही है. पुलिस की छात्र आत्महत्या मामले की जांच के दौरान ही जादवपुर यूनिवर्सिटी में कथित गांजे की खेती के बारे में पता चला.

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बीती 9 अगस्त को स्वप्नोदीप कुंडू नाम के एक छात्र ने जादवपुर यूनिवर्सिटी के एक हॉस्टल की दूसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी. (Jadavpur University). बताया गया कि उससे पहले यूनिवर्सिटी के कुछ सीनियर और पूर्व छात्रों ने स्वप्नोदीप की रैगिंग की थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्र का 'यौन शोषण' हुआ था. उसे ‘नग्न’ कर हॉस्टल में घुमाया गया और बार-बार 'गे' बुलाया गया. पुलिस के मुताबिक इस सबसे प्रताड़ित छात्र ने हॉस्टल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. 

तस्वीरें फोन से डिलीट की गईं

इंडिया टुडे से जुड़े संवाददाता राजेश सहा की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की जांच के दौरान कोलकाता पुलिस को एक छात्र के मोबाइल फोन से कुछ संदिग्ध तस्वीरें बरामद हुई हैं. इन्हीं तस्वीरों के आधार पर कहा गया है कि यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में 'गांजा' उगाया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कथित गांजे के सैंपलों की फॉरेंसिक जांच कराई. जांच में सामने आया है कि ये तस्वीरें गांजे की खेती की ही हैं.

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सूत्रों के मुताबिक छात्र के फोन से ये तस्वीरें अब हटा ली गई हैं. पुलिस ने रैगिंग वाले मामले में जांच के लिए कुछ पुख्ता सबूत जुटाने के लिए हॉस्टल के छात्रों और वहां रहने वालों के मोबाइल फोन जब्त किए थे. ये मोबाइल फोन बरामद कर पुलिस ने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे थे. जांच के दौरान एक छात्र के फोन में संदिग्ध पदार्थ की खेती से जुड़ी कुछ तस्वीरें मिलीं.

इंडिया टुडे से बात करते हुए कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया,

“फॉरेंसिक जांच के दौरान मोबाइल फोन के डिलीटेड डेटा से हमें एक तस्वीर बरामद हुई. जो कि एक फूल के गमले में गांजे की खेती से जुड़ी थी. इस फोटो को फोन से छात्र की मौत के बाद डिलीट कर दिया गया था. हमें ये थोड़ा संदेह भरा लगा. इसलिए हम इस मामले की जांच कर रहे हैं.”

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक तस्वीर की प्रमाणिकता स्थापित होने के बाद यूनिवर्सिटी पर एक और केस दर्ज किया जाएगा. ये केस नारकोटिक्स एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज किया जा सकता है.

(ये भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में रैगिंग के कारण छात्र की मौत, रैगिंग के खिलाफ अबतक कोई कानून क्यों नहीं बना?)

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