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B-52 से लेकर F-15 तक… अमेरिका ने भारत के करीब खड़ा किया जंगी बेड़ा, निशाने पर कौन?

Diego Garcia हिंद महासागर में स्थित हैं. और यह Middle East से लेकर South East Asia तक फैले अमेरिकी सैन्य अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण अग्रिम बेस के तौर पर काम करता है.

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डिएगो गार्सिया में अमेरिकी विमानों की तैनाती का सैटेलाइट इमेज सामने आया है. (एक्स)

अमेरिका ने डिएगो गार्सिया (Diego Garcia) सैन्य अड्डे पर बमवर्षक और लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ा दी है. इसका खुलासा एक सैटेलाइट इमेज के जरिए हुआ है. माना जा रहा है कि ये तैनाती ईरान (Iran) पर अमेरिकी (US) और इजरायली (Israel) हमले के बाद पैदा हुए तनाव को देखते हुए की गई है.

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डिएगो गार्सिया हिंद महासागर में स्थित हैं. और यह मिडिल ईस्ट से लेकर साउथ ईस्ट एशिया तक फैले अमेरिकी सैन्य अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण अग्रिम बेस के तौर पर काम करता है. इसका स्ट्रेटजिक लोकेशन और व्यापक हवाई क्षेत्र इसे लंबी दूरी के हमले और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण लॉन्चिंग पॉइंट बनाता है. इस बेस पर अमेरिकी वायुसेना की तैनाती से संकेत मिलता है कि अमेरिका क्षेत्र में सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार है.

सैटेलाइट इमेज से खुला राज

ओपन-इंटेलिजेंस एक्सपर्ट एमटी एंडरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक सैटेलाइट इमेज शेयर किया है. इस सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि डिएगो गार्सिया में अमेरिकी वायुसेना के कई विमान तैनात हैं. इनमें चार B-52 स्ट्रेटजिक बमवर्षक, छह F-15 लड़ाकू जेट और छह KC-135 हवाई ईंधन भरने वाले टैंकर शामिल हैं. डिएगो गार्सिया ईरान से लगभग 2,200 मील और दक्षिणी चीन से 3 हजार मील दूर स्थित है. यह अमेरिकी एयरक्राफ्ट्स के लॉन्ग रेंज मिशन के लिए एक सुरक्षित लॉन्च पॉइंट है.

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अमेरिका ने इस साल मार्च से ही इस सैन्य अड्डे पर अपनी गतिविधियां तेज कर दी थीं. उस समय सैन्य विशेषज्ञों ने आशंका जताई थी कि अमेरिका ईरान पर हमले के लिए इस बेस का इस्तेमाल कर सकता है. हालांकि मई में अमेरिकी एयरफोर्स ने बताया था कि डिएगो गार्सिया में तैनाती के बाद B-2 स्पिरिट बमवर्षक मिसौरी लौट आए हैं. 13 जून को अमेरिका ने मिसौरी के वाइटमैन एयरफोर्स बेस से उड़ान भरने वाले B-2 स्टील्थ बमवर्षकों के जरिए ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर हमला किया था.

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तैनाती का मकसद क्या है?

इजरायल और ईरान के बीच भले ही सीजफायर हो गया है. लेकिन अभी इस पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसके चलते अमेरिका और ईरान के बीच की कूटनीतिक वार्ता भी रुकी हुई है. मिडिल ईस्ट या फिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ने पर अमेरिकी सेना डिएगो गार्सिया से तेजी से प्रतिक्रिया देने की स्थिति में रहेगी. 

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