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गाय के मूत्र और गोबर से बना ये साबुन आम साबुन से कई गुना महंगा है

इतनी महंगी क्यों बिक रही है बट्टी?

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दुनिया में किस्म-किस्म के साबुन हैं. उनमें से ज़्यादातर भारत में भी हैं. 2 रूपए प्रति बट्टा मिलने वाले मटमैले रंग वाले साबुन से जो सफ़र शुरू हुआ वो ‘Explore your beauty’ वाले एक साबुन पर आकर रुक सा गया था. साबुनों की दुनिया काफ़ी आविष्कारी रही है. अब मोदी सरकार ने साबुन की इस आविष्कारी दुनिया में नया आविष्कार जोड़ दिया है. गौमूत्र और गाय के गोबर से बना साबुन बाज़ार में आ गया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को खादी और ग्रामोद्योग आयोग के बनाए इस साबुन को लॉन्च किया.

इस साबुन के साथ ही गडकरी ने बांस से बनी पानी की बोतलें भी लॉन्च की. बांस की इस बोतल की कीमत रखी गई है 560 रुपए.
ये है बांस से बनी बोतल
ये है बांस से बनी बोतल

# कित्ते का है साबुन

महंगा है. हम आप जो साबुन ख़रीदते हैं. हमारे यहां साबुन का एवरेज रेट होता है 30 रूपए. मगर गोबर वाले साबुन का दाम होगा 125 रूपए. साबुन का वज़न होगा 125 ग्राम. अब सवाल ये है कि मोदी सरकार ने गोबर गौमूत्र का साबुन बाज़ार में तो उतार दिया है लेकिन क्या ये पहले से मौजूद तमाम साबुनों के ब्रांड से टक्कर ले सकेगा?


नितिन गडकरी ने ही ये साबुन ख़रीदा भी
नितिन गडकरी ने ही ये साबुन ख़रीदा भी

# इसका उपाय भी गडकरी जी के पास

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने अच्छा प्रदर्शन करने वाली निर्यात इकाइयों से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय ने एक योजना का प्रस्ताव किया है जिसके तहत इस प्रकार की इकाइयों (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) में 10 प्रतिशत इक्विटी भागीदारी केंद्र सरकार की होगी.

मंत्री ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग को अगले दो वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करना चाहिए और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करना चाहिए.




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