रहीम अल-हुसैनी (Rahim Al-Hussaini) को आगा खान (New Aga Khan) का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है. उनके पिता का बीते दिनों निधन हो गया था. इसके बाद उन्हें दुनियाभर के इस्माइली मुसलमानों का नया लीडर घोषित किया गया है. बता दें कि 'आगा खान' एक पदवी है. इन्हें पैगंबर मोहम्मद का सीधा वंशज माना जाता है.
रहीम अल-हुसैनी होंगे नए आगा खान, इस्माइली मुसलमानों के नए धार्मिक लीडर होंगे
दी आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क ने रहीम अल-हुसैनी के नए लीडर बनने की जानकारी X पर शेयर की. उनकी उम्र 53 वर्ष है. पिता की वसीयत के मुताबिक, उन्हें आगा खान पंचम का दर्जा मिला है.

दी आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क ने रहीम अल-हुसैनी के नए लीडर बनने की जानकारी X (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर की. उनकी उम्र 53 वर्ष है. पिता की वसीयत के मुताबिक, उन्हें आगा खान पंचम (Aga Khan V) का दर्जा मिला है. रहीम को शिया इस्माइली मुसलमानों के 50वें इमाम के तौर पर नामित किया गया है.
Prince Rahim al-Hussaini Aga Khan V is the 50th hereditary Imam of the Shia Ismaili Muslims, as designated by Mawlana Shah Karim in accordance with the historical Shia Imami Ismaili Muslim tradition and practice of nass.
The announcement was made in the presence of the Imam’s… pic.twitter.com/nuVjyHl1lx— The Ismaili (@TheIsmaili) February 5, 2025
इस्माइली मुसलमानों के धार्मिक और आध्यात्मिक नेता और रहीम के पिता आगा खान IV करीम अल-हुसैनी का 88 साल की उम्र में 4 फरवरी को पुर्तगाल में निधन हो गया था. वह इस्माइली मुस्लिमों के 49वें इमाम थे. उनके तीन बेटे और एक बेटी है. रहीम उनके सबसे बड़े बेटे हैं.
गार्जियन के मुताबिक, प्रिंस रहीम जिनेवा और पेरिस में बीच पले-बढ़े. सर्दियों के दिनों में वह स्विट्जरलैंड के सेंट-मोरिट्ज़ (Saint-Moritz) में रहा करते थे. जबकि गर्मी के दिन भूमध्य सागर में मौजूद आइलैंड सार्डिनिया (Sardinia) में बिताए. अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी में साहित्य की पढ़ाई की. बाद में बार्सिलोना में बिज़नेस की बारीकियां समझीं.
इसके बाद आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क (AKDN) में शामिल हो गए. नेटवर्क की कई संस्थाओं के बोर्ड मेंबर रह चुके हैं. रहीम की क्लाइमेट चेंज से लड़ने और पर्यावरण को बचाने में विशेष रुचि है. उन्होंने 2013 में मॉडल केंड्रा स्पीयर्स (Kendra Spears) से शादी की. उनके दो बेटे हैं. 2022 में दोनों का तलाक हो गया था.
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ग़ौरतलब है कि आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क दुनियाभर में हेल्थ, एजुकेशन, आर्थिक विकास से जुड़ी चीज़ों के लिए काम करता है. 30 से ज़्यादा देश में मौजूद इस NGO का सालाना बजट 1 बिलियन डॉलर है.
जुलाई 1957 में उनके पिता आगा खान करीम को महारानी एलिजाबेथ ने “महामहिम” (His Highness) की उपाधि दी थी. 1957 में आगा खान करीम अपने दादा सुल्तान महमूद शाह आगा खान की जगह इस्माइली समुदाय के आध्यात्मिक गुरु बने. बाद के दशकों में वह एक व्यवसायी और परोपकारी शख़्स के रूप में विकसित हुए.
उन्हें इस्लामी संस्कृति और मूल्यों का रक्षक माना जाता था. उन्होंने मुस्लिमों और वेस्ट के बीच पुल बनाने का काम किया. सीधे तौर पर कभी राजनीति में शामिल नहीं रहे. आगा खान के नाम वाले अस्पतालों का एक नेटवर्क उन जगहों पर है, जहां सबसे गरीब लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा की कमी थी. इनमें बांग्लादेश, ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देश शामिल हैं. यहां उन्होंने इकोनॉमी को विकसित करने के लिए करोड़ो डॉलर खर्च किए.
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