क्या JNU से जिस नजीब के गायब होने पर खूब हल्ला मचा था, उसने ISIS जॉइन कर लिया.
इस वक्त फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सऐप पर फोटो और वीडियो के साथ मैसेज खूब वायरल हो रहा है कि JNU से गायब नजीब ने ISIS जॉइन कर लिया है.
लेकिन ये सच नहीं है. नाम एक है, लेकिन खबरों में दो नजीब आए हैं. जिस नजीब ने ISIS जॉइन किया, वो केरल का रहने वाला था. उसके ISIS जॉइन करने की खबर सितंबर 2017 में आई थी. जेएनयू से गायब होने वाला नजीब अलग है. लेकिन फेक न्यूज़ के महारथी लोगों ने दोनों को जोड़ दिया.
15 अक्टूबर, 2016 को जेएनयू से नजीब अहमद नाम का लड़का गायब हुआ था. नजीब अहमद के गायब होने के पहले उसकी एबीवीपी के एक मेंबर से जेएनयू कैंपस में ही हथापाई हो गई थी. इसलिए कई लोगों ने नजीब के गायब होने का इल्जाम BJP, उसकी स्टूडेंट विंग एबीवीपी (ABVP- Akhil Bhartiya Vidyarthi Parishad) और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) जैसे संगठनों पर लगाया.

जेएनयू स्टूडेंट नजीब अहमद.
अगस्त 2017 में केरल से एक नजीब गायब हुआ. सितंबर 2017 में एक टेलिग्राम मैसेज सामने आया. वो मैसेज केरल वाले नजीब ने अपनी मां को लिखा था. उस मैसेज में उसने बताया था कि वो इस देश में नहीं रहना चाहता और जिहाद करना चाहता है. अपने इसी मकसद को पूरा करने के लिए वो कट्टर इस्लामिक संगठन ISIS जॉइन कर रहा है.
न जाने क्यों इन लोगों ने दोनों नजीब को एक करने में सितंबर से अब तक का वक्त लिया. खैर, 'जब जागे तभी गंद' की तर्ज पर 'JNU, सिकुलर, वामी, कांगी' और न जाने किन-किनको लताड़ते हुए मैसेज किया जाने लगा कि नजीब ने ISIS जॉइन कर लिया.
केवल मैसेज करने से बात पुख्ता नहीं होती, तो कुछ बड़े मीडिया हाउस के स्क्रीनशॉट और वीडियो भी शेयर किए जाने लगे. किसके पास वक्त था कि उस वीडियो को कायदे से देखकर मामला समझ पाता.
इन फर्जी मैसेज को कई नेता और सोशल मीडिया में रुतबा रखने वाले लोगों ने भी शेयर कर दिया. BJP के बड़े नेता राम माधव भी इसकी चपेट में आ गए. सीधे तो कुछ नहीं लिखा, लेकिन एक मैसेज को रीट्वीट कर दिया.

इस वायरल करो मुहिम में एक आदमी का ट्वीट बहुत बार रीट्वीट किया गया है, जसवंत सिंह. जसवंत सिंह खुद को भारतीय जनता पार्टी का सदस्य बताते हैं और इन्हें ट्विटर पर ऑफिस ऑफ यूनियन और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी फॉलो करते हैं. उनका ये ट्वीट देख लीजिए:

जसवंत सिंह का वो ट्वीट देखिए.
इस ट्वीट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में उनकी मदद की बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी राम माधव ने. उन्होंने भी जसवंत सिंह वाले इस ट्वीट को रीट्वीट कर दिया. रीट्वीट ट्विटर का फीचर है, जिसमें किसी और के किए हुए ट्वीट को आपके फॉलोवर्स भी देख सकते हैं. ये हूबहू फेसबुक के शेयर पोस्ट फीचर जैसा है.

गनीमत बस ये रही कि राम माधव को शायद किसी ने बताया होगा कि उन्होंने क्या कर दिया है. उन्होंने पहले वाला ट्वीट डिलीट किया. माफी मांगते हुए दूसरा ट्वीट किया, लेकिन इसमें लिखा कि उन्होंने पुरानी स्टोरी रीट्वीट कर दी है. जबकि उन्हें भी पता होगा कि पुरानी नहीं, फेक स्टोरी रीट्वीट की थी.

जैसे ही राम माधव को उस ट्वीट की सच्चाई पता लगी, उन्होंने वो ट्वीट डीलीट कर माफी मांग ली.
जब एक बड़ी पार्टी का नेता तक माफी मांग चुका है, तो अमचों-चमचों को भी अपनी टुच्चेपंती बंद कर देनी चाहिए.
अगर आप अब भी कंफ्यूज़ हैं, तो बस ये याद रखिए कि दो नजीब हैं.
1. नजीब अहमद. उत्तर प्रदेश का रहने वाला JNU का स्टूडेंट. अक्टूबर 2016 में गायब हुआ. तब से कोई खोज-खबर नहीं.
2. नजीब. केरल का रहने वाला. VIT वेल्लोर से एम टेक का स्टूडेंट. अगस्त 2017 में गायब हुआ. सितंबर में ISIS जॉइन करने की खबर आई.
हां, जाते-जाते एक चीज और जान लीजिए. JNU वाले नजीब के बारे में भी एक बार ये खबर उड़ी थी कि उसने ISIS से जुड़ी चीजें तलाशी हैं. उस खबर में इस बात का भी हवाला दिया गया था कि दिल्ली पुलिस को गूगल और यूट्यूब से नजीब की सर्च हिस्ट्री मिली है. लेकिन इस खबर का पुलिस ने खुद ही गला घोंट दिया था. दिल्ली पुलिस में डीसीपी (पीआरओ) मधुर वर्मा ने कहा था, 'गूगल और यूट्यूब से इस बारे में न तो कुछ मांगा गया था, न ही कुछ मिला है. इस बारे में पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट में भी कोई रिपोर्ट नहीं दी है.'

ये भी पढ़ें:
क्या किसी 'लव जिहादी' ने पूजा का सिर धड़ से अलग किया?
हार्ट फेल और हार्ट अटैक में क्या अंतर है और कैसे इन दोनों से बचा जाए, जान लो
महामहिम : जब नेहरू को अपने एक झूठ की वजह से शर्मिंदा होना पड़ा
हार्ट फेल और हार्ट अटैक में क्या अंतर है और कैसे इन दोनों से बचा जाए, जान लो
वीडियो देखें: बेअंत सिंह की मौत की कहानी उनके पोते की ज़ुबानी