अंग्रेज़ी के दो ही शब्द पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा जाने पहचाने जाते हैं. और ये वही शब्द हैं जो इंसान की ज़्यादातर मुश्किलों को आसान बना सकते हैं. वो दो शब्द हैं ‘thanks’ और ‘sorry’. किसी ने आपके लिए कुछ किया तो शुक्रिया कहिए और अगर आपको लगता है कि आपसे ग़लती हो गई है तो माफ़ी मांगिए. लेकिन ऐसे बिरले ही मौक़े इंसान की ज़िंदगी में आते हैं जब उसे सामने वाले को ये दोनों शब्द कहने पड़ते हैं और एक साथ कहने पड़ते हैं. ‘thanks & sorry’. लेकिन एक ऐसा पेशा है जिसमें हर काम के बाद ये मौक़ा आता है. चोरी. चोर को असल में दोनों चीज़ें कहने का मौक़ा मिलता है. ‘धन्यवाद और क्षमा’. एक चोर ने ऐसा किया भी. वो भी चिट्ठी लिख के. और चिट्ठी भी लिखी तो सीधे भगवान को.
मंदिर में चोरी के बाद चोर ने भगवान को ही चक्कर में डाल दिया
चिट्ठी में ऐसी बात लिखी कि आप भी चौंक जाएंगे.

# क्यों लिखी चिट्ठी?
मध्य प्रदेश के बैतूल ज़िले का सारनी शहर. शहर के राधाकृष्णन वार्ड 2 के हनुमान मंदिर में चोरी हो गई. चोर ने चोरी की. चोर है तो चोरी ही करेगा. मंदिर की दानपेटी तोड़ी, पैसा निकाला और फिर एक ‘थैंक्यू नोट’ टाइप की चिट्ठी लिख मारी. भगवान के नाम लिखी इस चिट्ठी में चोर ने भगवान से दो चीज़ें मांगी हैं. मतलब भगवान का चढ़ावा तो लेकर जा ही रहे हैं साथ में दो और चीज़ें मांग रहे हैं. जैसे दफ़्तर से छुट्टी पर निकला आदमी लौटने से पहले ही दोबारा छुट्टी मांग रहा हो.

चोर ने भगवान को 500 रूपए की भारी रक़म ऑफर की है
एक तो सुधरने का मौक़ा मांगा है, और दूसरी चीज़ मांगी है भगवान का धरती पर साक्षात अवतार.
चोर अपनी चिट्ठी में लिखता है-
हे भगवान, मैंने जो भी गलती अभी तक की है, उसके लिए आपने क्षमा किया है. आज से मैं पूरी तरह छोड़ दूंगा. भगवान धर्म की खातिर और आई, पापाजी की खातिर आपको आना ही पड़ेगा. अब सब कुछ ठीक हो जाता है तो मैं समझूंगा, आपने मुझे लास्ट मौका दिया सुधरने के लिए. इसके बाद अब और कोई मौका नहीं रहेगा...
भगवान अब अगर सबकुछ ठीक हो गया तो मैं आपके किसी भी मंदिर में 500 रुपए का दान करूंगा...
# बंदे का स्वैग देखिए
ये स्वैग नहीं तो और क्या है. बंदा एक तो आपका चढ़ावा लिए जा रहा है. और उस पर ये भी कह रहा है कि अगर अब सब ठीक हुआ तो 500 रुपया चढ़ाऊंगा. बायोलॉजी पढ़ने वालों को मालूम होगा कि इंसानी खून में WBC और RBC होता है. व्हाइट ब्लड सेल और रेड ब्लड सेल. हमारे देश की नसों में एक और एक्स्ट्रा सेल पाया जाता है. GBC माने घूस ब्लड सेल. और ये इत्ते तगड़े से बह रहा है कि इंसान भगवान तक को घूस दे देता है.
ये चिट्ठी दानपेटी के पास ही रखी मिली. मंगलवार सुबह मंदिर में आए श्रद्धालुओं ने पहले पेटी टूटी देखी, फिर ये चिट्ठी देखी. मंदिर सार्वजनिक है, यहां कोई पुजारी नियुक्त नहीं है. मंदिर से जुड़े सदस्यों ने बताया मंदिर की दान पेटी पिछले 3 साल से नहीं खोली गई थी. पेटी में लगभग 40 से 50 हजार रुपए नकद राशि होनी चाहिए थी.
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