मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप लगने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने फिलहाल भर्ती पर रोक दी है. शिवराज ने कहा है कि संदिग्ध सेंटर के परिणाम की फिर से जांच की जाएगी.
MP पटवारी परीक्षा भर्ती पर रोक लगी, उम्मीदवारों के बवाल के बाद शिवराज का फैसला
मुख्यमंत्री शिवराज ने उस एग्जाम सेंटर की जांच कराने की बात कही, जहां से 7 टॉपर निकलने की बात सामने आई थी.
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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस भर्ती परीक्षा में धांधली को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा-
“कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं. सेंटर के परिणाम का पुन: परीक्षण किया जाएगा.”
दरअसल, रिजल्ट की घोषणा के बाद से ये आरोप लग रहे थे कि ज्यादातर टॉपर वो हैं जिन्होंने ग्वालियर के एक एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी. इस पर शक तब और गहराया जब मंडल की तरफ से टॉपर्स की लिस्ट ही जारी नहीं की गई. छात्रों ने मांग की कि टॉपर लिस्ट जारी हो और किसने कहां पेपर दिया है ये भी बताया जाए.
आखिरकार, 10 जून को टॉपर लिस्ट जारी की जाती है. और सामने आता है कि टॉप 10 में से 7 कैंडिडेट्स ने ग्वालियर के NRI कॉलेज एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी. उसके बाद से सवाल उठने लगे कि क्या वाकई ऐसा संभव है कि एक ही एग्जाम सेंटर में परीक्षा देने वाले ज्यादातर लोग टॉप कर जाएं? या फिर सब कुछ पहले से तय था?
आज, यानी 13 जुलाई को इस मसले पर एमपी के कई शहरों के कलेक्टर ऑफिस पर छात्रों ने प्रदर्शन भी किए. हालांकि हालांकि, शाम ढलते-ढलते भर्ती को टालने का ऐलान खुद मुख्यमंत्री ने कर दिया.
इस मामले में दी लल्लनटॉप मध्य प्रदेश सरकार से संपर्क में है. परीक्षा को लेकर लगे आरोपों पर सरकार की तरफ से जवाब आने पर खबर में शामिल किया जाएगा.
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