The Lallantop

इस फैसले से सचिन वाझे की एक और मुश्किल बढ़ सकती है!

मनसुख हिरेन की मौत के मामले में सवालों के घेरे में हैं सचिन वाझे.

Advertisement
post-main-image
अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी गाड़ी मिलने की जांच कर रही NIA को मनसुख हिरेन की मौत का भी केस सौंप दिया गया है. (फोटो-PTI)
मुंबई के एंटीलिया केस में स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) करेगी. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिए हैं. पहले इस मामले की जांच महाराष्ट्र ATS कर रही थी. NIA के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है. कहा है कि इस आशय का आदेश मिल गया है. NIA एक्ट के सेक्शन-8 के तहत जांच एजेंसियों द्वारा इंटरलिंक मामलों की जांच की जा सकती है. एक अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने मनसुख हिरेन मामले की जांच NIA को सौंप दी है. इस बीच, NIA की एक टीम ठाणे के साकेत परिसर पहुंची, जहां सचिन वाझे रहते हैं. इससे पहले, NIA की टीम ठाणे में मनसुख की शॉप पर गई थी. मनसुख का शव 5 मार्च को मुम्ब्रा की खाड़ी से बरामद हुआ था. उनकी पत्नी ने सचिन वाझे पर हत्या करवाने का आरोप लगाया था. पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस द्वारा इस मामले को विधानसभा में उठाने के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इसकी जांच ATS को सौंप दी थी. जांच के दौरान ATS ने अब तक 25 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. वहीं दूसरी ओर शनिवार, 20 मार्च को मुंब्रा के रेती बंदर में जहां मनसुख हिरेन का शव मिला था, अब उसी जगह पर एक और लाश मिली है. शव की शिनाख्त 48 साल के शेख सलीम अब्दुल के रूप में हुई है जो मुंब्रा के रेती बंदर का ही निवासी था. शक की सुई सचिन वाझे पर ATS वाझे के मनसुख की हत्या में शामिल होने का शक जता चुकी है. ठाणे सेशन कोर्ट में वाझे की कस्टडी की मांग कर चुकी है. ATS यह जानना चाहती थी कि 4 से 5 मार्च के बीच क्या हुआ था? घटनाओं का क्रम क्या था? 17 से 25 के बीच स्कॉर्पियो कार कहां थी? क्या वाझे के पास थी? हालांकि, अदालत ने इस पर कोई फैसला नहीं दिया था. अगली सुनवाई 30 मार्च तक के लिए टाल दी थी. हिरेन और वाझे मिले थे NIA और एटीएस ने CCTV फुटेज खंगालने के बाद एक और बड़ा दावा किया था. एजेंसियों का कहना है कि 17 फरवरी को सचिन वाझे और मनसुख हिरेन की मुलाकात हुई थी. ये मुलाकात करीब 10 मिनट चली थी. मनसुख हिरेन ओला कार के जरिए इस मीटिंग के लिए पहुंचे थे. एजेंसी का दावा है कि इस ओला कार के ड्राइवर ने बताया कि सफर के दौरान हिरेन को 5 फोन कॉल आए थे. पहले मीटिंग की जगह पुलिस हेडक्वॉर्टर के सामने रूपम शोरूम की रखी गई. बाद में इसे बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल कर दिया गया. एजेंसियों ने दावा किया कि उनके पास CCTV फुटेज हैं जिसमें हिरेन और वाझे मीटिंग करते दिखाई दे रहे हैं. 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक स्कॉर्पियो मिली थी. उसमें जिलेटिन की 20 स्टिक्स रखी थीं. जांच हुई तो पता चला कि कार मनसुख हिरेन नाम के शख्स की थी. मनसुख ने पुलिस के सामने दावा किया कि कार 17/18 फरवरी को चोरी हो गई थी. इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में भी दर्ज कराई थी. पुलिस जांच कर ही रही थी कि 5 मार्च को मनसुख का शव ठाणे से बरामद हुआ. मनसुख की पत्नी ने आरोप लगाया कि हिरेन की हत्या की गई है. इस प्रकरण में जिस शख्स पर सवाल उठे, वो असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे हैं. मनसुख हिरेन की मौत कैसे हुई अब इसकी जांच NIA करेगी.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement