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मणिपुर पर बंटी JDU, प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से वापस लिया समर्थन, पार्टी ने पद से हटाया

पार्टी के सीनियर नेताओं ने बताया कि मणिपुर में बीजेपी सरकार को समर्थन अब भी जारी है. जेडीयू ने अनुशासनहीनता के आरोप में प्रदेश अध्यक्ष के बीरेन सिंह को पद से हटा दिया है.

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जेडीयू के राष्ट्रीय नेताओं ने मणिपुर के फैसले का खंडन किया है. (फाइल फोटो)

बिहार और केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की एक महत्वपूर्ण सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU) मणिपुर में बंटी दिख रही है. 22 जनवरी को कुछ ऐसी घटना हुई कि पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं को सामने आकर बयान देना पड़ा. JDU के मणिपुर अध्यक्ष ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर राज्य की बीजेपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया. बताया कि राज्य में पार्टी के एकमात्र विधायक अब्दुल नासिर अब विपक्ष के खेमे में बैठेंगे. हालांकि थोड़ी देर में ही पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने इस फैसले का खंडन कर दिया.

पार्टी के सीनियर नेताओं ने बताया कि मणिपुर में बीजेपी सरकार को समर्थन अब भी जारी है. जेडीयू ने ‘अनुशासनहीनता’ के आरोप में प्रदेश अध्यक्ष के बीरेन सिंह को पद से हटा दिया है.

के बीरेन सिंह की राज्यपाल को लिखी चिट्ठी वायरल होने के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई. जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने दी लल्लनटॉप को बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने एकतरफा फैसला लिया, इसकी जानकारी पार्टी को नहीं थी. उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि बीरेन सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है. त्यागी ने ये भी साफ किया कि पार्टी राज्य सरकार के समर्थन में है.

इसके अलावा जेडीयू के एक और सीनियर नेता अफाक अहमद ने दी लल्लनटॉप को बताया, 

"प्रदेश अध्यक्ष को घोर अनियमितता और अनुशासनहीनता के आरोप में पदमुक्त कर दिया गया है. उन्होंने पार्टी से कोई सलाह नहीं ली थी. पार्टी के एकमात्र विधायक (अब्दुल नासिर) जो वहां हैं, वे इस फैसले के खिलाफ थे."

अफाक ने साफ किया है कि पार्टी के भीतर ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ.

क्या लिखा था बीरेन सिंह ने?

22 जनवरी को जेडीयू मणिपुर के अध्यक्ष के. बीरेन सिंह ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी. बताया कि जेडीयू सरकार से समर्थन वापस ले रही है. हालांकि, इस पत्र में समर्थन वापस लेने की वजह नहीं बताई गई है. उन्होंने उस घटना का भी जिक्र किया, जब मणिपुर में जेडीयू के पांच विधायक दल बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे.

दरअसल, 2022 के मणिपुर विधानसभा चुनाव में जेडीयू के 6 विधायक चुनकर आए थे. लेकिन कुछ महीनों बाद, सितंबर 2022 में पांच विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. इसी का जिक्र करते हुए बीरेन सिंह ने राज्यपाल को लिखा कि संविधान की 10वीं सूची के तहत पांच विधायकों के दल-बदल का मामला स्पीकर के ट्राइब्यूनल में है. उन्होंने आगे लिखा कि INDIA गठबंधन का हिस्सा बनने पर जेडीयू ने राज्य सरकार से समर्थन वापस लिया था. इसके बाद, जेडीयू के एकमात्र विधायक अब्दुल नासिर आखिरी विधानसभा सत्र में विपक्ष की बेंच पर बैठे थे.

के बीरेन सिंह ने समर्थन वापस लेने का जिक्र कर लिखा कि पार्टी के एकमात्र विधायक को सदन में विपक्ष का विधायक माना जाए.

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JDU प्रदेश अध्यक्ष की राज्यपाल को लिखी चिट्ठी.

पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने जरूर कहा है कि इसमें अब्दुल नासिर का समर्थन नहीं है. हालांकि इस मामले में अब तक नासिर का बयान नहीं आया है. मणिपुर जेडीयू के भीतर तनातनी की खबर तब आई है, जब पिछले कुछ समय से पार्टी के स्टैंड को लेकर कई तरह की अटकलें चल रही थीं.

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राज्य में बीजेपी अपने दम पर बहुमत में है. 60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के 37 विधायक हैं. इसके अलावा उसके पास नागा पीपल्स फ्रंट (NPF) के पांच, जेडीयू के एक और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन है.

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