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मणिपुर में फिर हिंसा, 70 घर जला दिए, दो पुलिस चौकी और सरकारी दफ्तर फूंक दिए

Manipur Violence: अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों ने लमताई खुनौ, डिबोंग खुनौ, नुनखाल और बेगरा गांवों में 70 से ज्यादा घरों को आग लगा दी. ग्रामीणों को अपने घर खाली कर राहत शिविर में शरण लेनी पड़ी.

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230 से ज्यादा मैतेई लोगों को हिंसा वाले इलाकों से निकाला गया (फोटो- इंडिया टुडे)

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की घटना की खबर आई है. जिरीबाम जिले में 8 जून को हथियारबंद उपद्रवियों की भीड़ ने दो पुलिस चौकियों पर आग लगा दी (Manipur Jiribam Ethnic Violence). इतना ही नहीं वन विभाग समेत कई सरकारी दफ्तरों और लगभग 70 घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया. मोंगबुंग, लमलाई खुनौ और आसपास के गांवों के 230 से ज्यादा मैतेई लोगों को जिला मुख्यालय में दो राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है. इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. 

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों ने लमताई खुनौ, डिबोंग खुनौ, नुनखाल और बेगरा गांवों में 70 से ज्यादा घरों को आग लगा दी. ग्रामीणों को अपने घर खाली कर राहत शिविर में शरण लेनी पड़ी. स्थिति को कंट्रोल करने और उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में सुरक्षा कर्मियों की मदद के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर से 70 से ज्यादा राज्य पुलिस कमांडो की एक टुकड़ी को जिले में भेजा गया.

बता दें, जिरीबाम जिला मणिपुर के सबसे पश्चिमी किनारे पर स्थित है. राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 220 किलोमीटर दूर है और असम के कछार जिले की सीमा से लगता है. जिरीबाम मेइतेई, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी वासियों का घर है.

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हिंसा बढ़ने पर मणिपुर के नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद बिमोल अकोइजाम ने संयम बरतने की अपील की है. इनर मणिपुर सीट से निर्वाचित सांसद अकोइजाम ने मीडिया से कहा,

शांति बहाल करने के लिए हमें सक्रिय ताकतों से सावधान रहना चाहिए और हिंसा को बरकरार रखने की किसी भी साजिश के आगे नहीं झुकना चाहिए. मैंने जीवन और संपत्ति दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिरीबाम जिला प्रशासन से बात की है. शहर के लोगों को सुरक्षा दी जा रही है जबकि परिधीय क्षेत्रों के लोगों को नहीं. 

बता दें कि 6 जून को जिले में एक बुजुर्ग किसान की हत्या के बाद हिंसा भड़की थी. एक अधिकारी ने बताया कि 59 साल के सोइबम सरतकुमार सिंह अपने खेत पर जाने के बाद लापता हो गए. बाद में उनका शव बरामद हुआ और शरीर पर नुकीले हथियार से चोट के निशान मिले थे. 

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पुलिस ने बताया कि हत्या से गुस्साए स्थानीय लोगों ने एक ढांचे में आग लगा दी थी. जवाब में, जिरीबाम के जिला मजिस्ट्रेट ने आगे की हिंसा को रोकने के लिए CRPC की संबंधित धाराओं के तहत कर्फ्यू लगा दिया. 

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