होमवर्क से जुड़ी सबसे पुरानी याद यही है - होमवर्क एज़ क्लासवर्क. जो क्लास में लिखा, उसी को घर से गोद लाओ. तब लगता था कि मास्टर थोड़ी तो क्रिएटिविटी दिखाएं. लेकिन क्रिएटिविटी तुक्का होती है, सही बैठा तो ठीक. वरना मैटर हो जाता है. जैसै लंदन के थॉमस टैलिस स्कूल में हुआ. यहां होमवर्क के नाम पर 60 बच्चों को उनकी इंग्लिश टीचर ने अपने घर वालों को आखिरी खत लिख कर लाने को कह दिया!
ये आइडिया आया कहां सेबात दरअसल ये थी कि इंग्लिश की क्लास में शेक्सपियर का लिखा मैकबेथ पढ़ाया जा रहा था (वही जिस पर अपने यहां विशाल भरद्वाज ने 'मक़बूल' बनाई). इस नाटक को एक महान ट्रैजिडी माना जाता है. नाटक में मैकबेथ और लेडी मैकबेथ (माने मैकबेथ की पत्नी) मिलकर किंग डंकन की हत्या कर देते हैं. बाद में लेडी मैकबेथ को पछतावा होने लगता है. इतना, कि वो पागल होकर अपनी जान ले लेती है. ये सीन पढ़ाने के बाद एक राइटिंग एक्सरसाइज़ के तौर पर टीचर ने बच्चों से एक सूसाइड लेटर लिखने को कहा.
टीचर के हिसाब से ये भाषा और रचनात्मकता का टेस्ट था. लेकिन बच्चों के माता-पिता को ये बिल्कुल पसंद नहीं आया. काहे कि जिन साठ बच्चों को ये होमवर्क मिला था, उनमें से कई ऐसे थे जिनके दोस्तों ने खुदकुशी की थी. तो उनके लिए ये एक भावनात्मक मुद्दा था. एक लड़की तो ऐसी भी थी जो अपने तीन करीबी दोस्तों को इस तरह से खो चुकी थी. ये बच्ची इस होमवर्क के चलते स्ट्रेस का शिकार हो गई थी. तो बच्चों के माता-पिता ने स्कूल को धड़ाधड़ चिट्ठियां लिख दीं, अखबारों को बाइट दे दी.
इतना बवाल कट गया तो स्कूल की हैडमास्टरनी जी ने भी बच्चों के माता-पिता की एक मीटिंग बुलाई और इस कांड के लिए माफी मांग ली.
प्रतीक फोटो (रॉयटर्स)पश्चिम में टीनएजर्स में डिप्रेशन के मामले लगातार बढ़े हैं. अपनी परेशानी में घुलते जा रहे कई बच्चों ने अपनी बात किसी से कहने के बजाए अपनी ज़िंदगी खत्म करना ठीक समझा. इसलिए वहां इस तरह के मामलों में अतिरिक्त सावधानी बरती जाती है. इसी के चलते ब्रिटेन में जब ऑनलाइन गेम 'ब्लूव्हेल' लॉन्च होने लगा, तो उसे बैन करने की मांग ज़ोरों-शोरों से उठी. इस गेम के चलते रूस में लगभग 130 टीनएजर अपनी जान ले चुके थे. इसलिए लोग नहीं चाहते थे कि ब्रिटेन में ये गेम लॉन्च हो. यही वजह थी कि एक राइटिंग एक्सरसाइज़ जिसमें आत्महत्या का ज़िक्र था, उसे लेकर इतनी तीखी प्रतिक्रिया हुई.
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