लखीमपुर-खीरी केस में मोदी के मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष को हाई कोर्ट ने ज़मानत क्यों दी? फोटो- आजतक
लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) हिंसा की जांच कर रही SIT ने इस मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. कुल 5000 पन्नों की इस चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भईया को मुख्य आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में ये कहा गया है कि आशीष मिश्रा घटना के समय मौके पर मौजूद था. उसके अलावा चार्जशीट में 13 अन्य लोगों पर आरोप तय किए गए हैं.
लखीमपुक हिंसा का मुख्य आरोपी, आशीष मिश्रा (बीच में). फोटो साभार- आजतक
टेनी का रिश्तेदार भी आरोपी
आजतक की खबर के मुताबिक पुलिस ने चार्जशीट में एक और आरोपी का नाम शामिल किया है. वीरेंद्र शुक्ला. बताया गया है कि वीरेंद्र, मंत्री अजय मिश्रा टेनी का रिश्तेदार है.
वीरेंद्र शुक्ला पलिया से ब्लॉक प्रमुख भी है. पुलिस के मुताबिक, घटना को अंजाम देते वक्त आशीष की गाड़ी (थार) के पीछे जो दो अन्य गाड़ियां चल रही थीं, उनमें से एक वीरेंद्र की स्कॉर्पियो थी. SIT ने चार्जशीट में उस पर सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं.
इससे पहले वीरेंद्र ने घटना में शामिल गाड़ी को कोई और स्कॉर्पियो बताया था. आरोप है कि असल में उसने अपनी गाड़ी को छिपा दिया था. अब एसआईटी ने आईपीसी की धारा 201 के तहत उस पर सबूत मिटाने की साजिश के आरोप लगाए हैं. वीरेंद्र के अलावा मामले के अन्य सभी 13 आरोपी जेल में बंद हैं.
पुरानी चार्जशीट में तय हुए थे आरोप
इससे पहले SIT की तरफ से कहा गया था कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों के कारों से कुचलने की घटना कोई हादसा या गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं है. SIT के मुताबिक, आशीष मिश्रा ने अपने साथियों के साथ हथियारों से लैस होकर इस साजिश को अंजाम दिया गया है. अपनी जांच में SIT ने आशीष मिश्रा के हथियारों से फायरिंग होने की पुष्टि की है. उसका कहना था कि खुद मुख्य आरोपी की रिवाल्वर और राइफल से भी फायरिंग हुई. हालांकि आशीष मिश्रा ने अपनी सफाई में कहा था कि एक साल से उसके हथियारों से कोई फायर नहीं किया गया था. वहीं पुलिस ने बैलेस्टिक रिपोर्ट के आधार पर फायरिंग की पुष्टि की.