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अंगूठी-नग बेचने वाला 'छांगुर बाबा' कैसे बना 100 करोड़ का मालिक, धर्मांतरण केस में अब ED की एंट्री

जमालुद्दीन उर्फ ‘छांगुर बाबा’ पहले अंगूठी और नग (रत्न) बेचकर अपना गुजारा करता था. लेकिन फिर 100 करोड़ रुपये का मालिक कैसे बन गया? अब ED इसकी जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत करेगी.

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जमालुद्दीन उर्फ 'छांगुर बाबा' यूपी ATS की गिरफ्त में है (फोटो: आजतक)
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आशीष श्रीवास्तव

यूपी ATS ने जमालुद्दीन उर्फ 'छांगुर बाबा' को गिरफ्तार किया. जिस पर आरोप है कि वह एक नेटवर्क चला रहा था. जो लड़कियों को पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाता था. अब तक इस मामले की जांच यूपी ATS और STF (स्पेशल टॉस्क फोर्स) कर रहा था, लेकिन अब इस केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भी एंट्री हो गई है.

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ED करेगी मामले की जांच

पुलिस जांच में पता चला कि गैंग के सदस्यों ने खुद के नाम से और अलग-अलग संस्थाओं के नाम से 40 से भी ज्यादा बैंक अकाउंट खुलवाए थे. जिनमें तकरीबन 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की धनराशि का लेन-देन हुआ है. आजतक से जुड़े आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी ATS ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को 100 करोड़ के इस लेन-देन का ब्यौरा सौंपा है. ED इस मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कर सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि इस विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल कथित तौर पर लड़कियों को बहलाकर धर्म परिवर्तन करने के लिए किया जाता था. STF ने बताया कि जानकारी मिली है कि ज्यादातर विदेशी फंडिंग खाड़ी देशों से आई है. जिसकी जांच चल रही है. जांच में सामने आया है कि इस रकम से छांगुर बाबा ने कथित तौर पर आलीशान कोठियां और लग्जरी गाड़ियां खरीदीं. ATS की टीम गिरोह के दूसरे सदस्यों के खातों का भी ब्यौरा निकाल रही है.

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14 सदस्यों की तलाश

यूपी ATS और STF की टीमें छांगुर बाबा के नेटवर्क के 14 महत्वपूर्ण सदस्यों की तलाश कर रही है. इनमें महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, कथित पत्रकार पैमैन रिजवी और सगीर शामिल हैं. इनमें से कई लोगों के खिलाफ आजमगढ़ के देवगांव थाने में पहले से ही FIR दर्ज है. ATS ने आजमगढ़ पुलिस से इन मामलों की डिटेल्स मांगी है.

कई जिलों में फैला नेटवर्क

रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में यह गिरोह बलरामपुर में एक्टिव था. लेकिन कुछ समय बाद यह नेटवर्क यूपी के कई जिलों में फैल गया. बताया जा रहा है कि गिरोह के कई सदस्य औरैया, सिद्धार्थनगर और आजमगढ़ के रहने वाले हैं और अक्सर उतरौला (बलरामपुर) के मधपुर गांव में आकर रुकते थे. STF की टीमें मधपुर गांव में डेरा डाले हुए हैं और ग्रामीणों से छांगुर बाबा के बारे में जानकारी जुटा रही हैं.

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कॉलेज खोलने की थी तैयारी

रिपोर्ट के मुताबिक, जमालुद्दीन उर्फ ‘छांगुर बाबा’ पहले अंगूठी और नग (रत्न) बेचकर अपना गुजारा करता था. इसके बाद कथित तौर पर उसे विदेशी फंडिंग मिलने लगी. जिसके बाद उसकी जिंदगी बदल गई. उसने उतरौला के मधपुर गांव में आलीशान कोठी बनवाई, जहां से उसका पूरा नेटवर्क संचालित होता था. रिपोर्ट के मुताबिक, गांव के लोगों ने बताया कि छांगुर बाबा के करीब दस प्रमुख सहयोगी इस कोठी में बिना रोक-टोक के आते-जाते थे. ATS की FIR में इन लोगों के नाम भी दर्ज हैं. 

मधपुर में आलीशान कोठी बनाने के बाद, छांगुर बाबा ने उसी परिसर में डिग्री कॉलेज खोलने की योजना बनाई थी. इसके लिए उसने भवन का निर्माण भी शुरू कर दिया था. फिलहाल गिरफ्तारी के बाद उसकी ये योजनाएं ठप पड़ गई हैं.

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