पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन 5 फिल्म रिव्यू - किस्सा कप्तान जैक स्पैरो और पानी वाले मुर्दे का
केपीएस गिल, जिन्होंने दिखाया कि एक पुलिसवाला आतंकवाद कैसे खत्म कर सकता है
82 साल की उम्र में आज नहीं रहे.

पंजाब के खालिस्तानी उग्रवाद को काबू में लाने वाले वहां के पूर्व पुलिस डायरेक्टर जनरल कंवर पाल सिंह गिल की 82 साल की उम्र में मौत हो गई है. ये के पी एस गिल के नाम से फेमस थे. आइए पढ़ते हैं उनके बारे में: 1. 80 के दशक से शुरू हुआ खालिस्तानी उग्रवाद इंडिया को कई जगह से काटने लगा था. इसके जवाब में ऑपरेशन ब्लूस्टार में आर्मी ने भिंडरावाले को मार गिराया. इसकी कीमत पीएम इंदिरा गांधी की हत्या से चुकाई गई. इसके बाद पंजाब में उग्रवाद आतंकवाद की शक्ल लेने लगा. तभी एक पुलिस अफसर ठीक उसी अंदाज में पहुंचा जैसे कर्नल स्लीमैन ठगों के आतंक से निपटने पहुंचा था. ये के पी एस गिल ही थे. इन्होंने ही कहा था- एथलीटों को तो मैं ए के 47 चलाना सिखाऊंगा. दौड़ तो सभी लेते हैं. 1988 में जब गिल पंजाब आए तो पुलिस का मनोबल टूटा हुआ था. इंडिया टुडे के मुताबिक उस वक्त हर महीने 200 से ज्यादा लोग मरते थे. हजारों लोग आतंकवादियों के भोग यानी मैय्यत के समारोह में इकट्ठा होते थे. 2. इंगलिश लिटरेचर में मास्टर्स किये हुए गिल को पंजाब में फैल रहे आतंकवाद को काबू करने में वक्त तो लगा, पर काबू कर लिया. वही चीज जो नक्सली समस्या के साथ नहीं हो पाई. गिल ने छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह को इस समस्या से निपटने के लिए एक प्लान भी दिया था. पुलिस ऑफिसर गिल ने जो टैक्टिक पंजाब में अपनाई थी, उसे आर्मी ने डॉक्यूमेंट में तब्दील किया था. 3. इंडिया टुडे के मुताबिक कई लोग गिल पर रुथलेस होने का आरोप लगाते थे. एक शाम एक सिख नेता ने गिल से कहा कि आपकी पुलिस क्रूरता कर रही है. कुछ देर के बाद गिल ने कहा कि पंजाब में जो हो रहा है वो जाट सिख आतंकवादियों और जाट सिख पुलिस के बीच का मामला है. आप भापा सिख इसमें क्या कर रहे हो? कुछ लोगों को ये गिल का जातिवादी कमेंट लग सकता है. पर ये गिल का तरीका था. आतंकवाद को नैरो करना. आतंकवादियों ने बहुत सारे लोगों को निशाना बनाया था. गिल ने उनके घरवालों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल किया. 5 सालों में पंजाब पुलिस की संख्या 35 हजार से बढ़कर 60 हजार हो गई. उन्होंने काफी विवादास्पद स्पेशल पुलिस ऑफिसर की भर्तियां शुरू कीं. जिनमें बेरोजगार लोगों को मौका मिला. इससे लोग आतंकवाद से विमुख होकर पुलिस के साथ आने लगे. 4. गिल ने इंडिया टुडे को ही बताया था कि 14 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने पिताजी की ह्विस्की चुरा ली थी. जब दो दिन तक ये चोरी हुई तो उनके पिता दो गिलास लेकर बैठने लगे. ताकि बेटा साथ में ड्रिंक कर सके, चोरी ना करे. 5. गिल ने हमेशा कहा था कि उनको पैसे की ज्यादा जरूरत नहीं है. लेकिन उनके मित्र के टी एस तुलसी कहते थे कि गिल को एक बार पैसे की बहुत जरूरत पड़ती थी, जब वो किताबों की दुकान पर जाते थे. 6. असम कैडर के गिल डेप्युटेशन पर पंजाब लाये गये थे. करियर में इनके साथ कुछ विवादास्पद बातें भी जुड़ी थीं: # एक असमी प्रदर्शनकारी की पिटाई के बाद मौत का मामला था जिसमें गिल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से छूटे थे. # अकाली नेता संत लोंगोवाल की हत्या को ये नहीं रोक पाये. लोंगोवाल डेमोक्रेसी के लिए बेहद जरूरी थे. राजीव गांधी के साथ पैक्ट भी तैयार किया था. # एक सीनियर आईएएस रुपन देओल के साथ शराब पीकर झगड़ा करने के आरोप लगे थे. 7. गिल बढ़िया लाइफ-स्टाइल मेनटेन करते थे. उनके यहां श्रीदेवी और सलमान खान भी नब्बे के दशक में आया करते थे. फिल्म प्रोड्यूसर सावन कुमार को गिल ने इस चीज के लिए मजाक में ए के 47 गिफ्ट करने की बात कही थी. Also Read:
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