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खुफिया जानकारी मिली कि परमाणु हमला हो सकता है... सीजफायर पर विदेशी मीडिया ने क्या लिखा?

Newyork Times समेत अधिकतर विदेशी अखबारों ने India और Pakistan के बीच सीजफायर कराने में Donald Trump की कथित भूमिका का जिक्र किया है. वही चाइनीज अखबार Global Times ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए XI Jinping सरकार की पीठ थपथपाई है.

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विदेशी मीडिया में मध्यस्थता के अमेरिकी दावे को प्रमुखता से जगह मिली है. (इंडिया टुडे)

भारत और पाकिस्तान (India Pakistan conflict) के बीच सीजफायर (Ceasefire) कराने के ट्रंप के दावे को विदेशी मीडिया ने खूब प्रमुखता से जगह दी है. वहीं चीनी आउटलेट ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का श्रेय अपनी सरकार को दिया है. सीजफायर को लेकर विदेशी मीडिया की कवरेज पर एक नजर डाल लेते हैं.

अमेरिकी मीडिया प्लेटफॉर्म न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का क्रेडिट डॉनल्ड ट्रंप को दिया है. उन्होंने लिखा, 

राष्ट्रपति ट्रंप ने एलान किया कि दोनों देश अमेरिकी मध्यस्थता की मदद से सीजफायर पर सहमत हुए हैं.

NYT ने आगे दावा किया है कि पाकिस्तान ने भारत के दो एडवांस्ड फाइटर जेट गिरा दिए हैं. हालांकि 11 मई को DGMO लेवल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है.

ब्रिटिश आउटलेट ‘द गार्डियन’ ने सीजफायर को लेकर एक नया खुलासा किया है. उनका दावा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भारत-पाकिस्तान के बीच न्यूक्लियर वॉर छिड़ने की आशंका जताई थी. इसके बाद ही अमेरिका ने इसमें हस्तक्षेप किया. बता दें कि पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा था कि उनका इस टकराव से कोई लेना-देना नहीं है.

गार्डियन ने इंडियन आर्मी की प्रेस ब्रीफिंग का भी जिक्र किया है. जिसमें सेना की ओर से कहा गया था कि बॉर्डर पार से किसी भी तरह के सीजफायर उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.

पाकिस्तानी सरकार की तरह उनके अखबार भी सीजफायर रुकवाने में कथित अमेरिकी भूमिका का बखान करते नहीं थक रहे. डॉन न्यूज ने लिखा, 

7 मई की सुबह भारत द्वारा पाकिस्तान पर किए गए हमले के बाद कई दिनों तक चला संघर्ष, अमेरिकी हस्तक्षेप से शांत हुआ.

पाकिस्तानी मीडिया प्लेटफॉर्म को अब सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) की चिंता भी सता रही है. उन्होंने पाकिस्तानी हुक्मरानों को भारत से इस मुद्दे पर स्पष्ट जानकारी लेने की सलाह दी है. डॉन न्यूज ने इस समझौते को पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा और पानी की जरूरतों के लिए बेहद जरूरी बताया है.

चाइनीज अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सीजफायर के लिए अपनी सरकार की पीठ थपथपाई है. अखबार ने दावा किया, 

भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान चीन लगातार दोनों पक्षों के संपर्क में था. और शांतिपूर्ण ढंग से राजनीतिक समाधान का अनुरोध कर रहा था.

ग्लोबल टाइम्स ने एक भारतीय मीडिया आउटलेट को कोट करते हुए लिखा कि पाकिस्तान ने सीजफायर एग्रीमेंट पर सहमत होने की बात मानी है. लेकिन भारत ने इसे एग्रीमेंट की जगह अंडरस्टैंडिंग करार दिया है.

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अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सीजफायर को लेकर भारत और पाकिस्तान के स्टैंड का जिक्र किया है. रॉयटर्स ने लिखा, 

पाकिस्तान कथित मध्यस्थता के लिए ट्रंप का धन्यवाद करते नहीं थक रहा. वहीं भारत ने सीजफायर में किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका से इनकार किया है.

रॉयटर्स ने कश्मीर मुद्दे पर भारत के स्टैंड के बारे में भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा कि भारत कश्मीर को अपना अभिन्न अंग मानता है. और इस मद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सिरे से खारिज करता है.

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