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दंगे रोके, नक्सलियों से भिड़े... कोलकाता के नए पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा के बारे में जान लीजिए

पश्चिम बंगाल सरकार ने आईपीएस मनोज वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है. कमिश्नर विनीत गोयल को उनके पद से हटाया जाने की मांग पिछले कुछ हफ्तों से की जा रही थी.

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कौन है पश्चिम बंगाल के नए पुलिस कमिश्नर मनोज कुमार वर्मा. (तस्वीर:सोशल मीडिया)

कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप और मर्डर (Kolkata RG Kar Rape Murder) मामले में ममता सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने आईपीएस मनोज वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है. कमिश्नर विनीत गोयल को उनके पद से हटाया जाने की मांग पिछले कुछ हफ्तों से की जा रही थी. ममता बनर्जी ने यह फैसला 16 सितंबर को प्रदर्शनकारियों के साथ हुई बैठक में लिया. गोयल को अब पश्चिम बंगाल STF का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) बनाया गया है. 

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ममता के खास अधिकारियों में हैं मनोज

30 सिंतबर, 1968 को राजस्थान के सवाई माधोपुर में जन्मे वर्मा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. साल 1998 में उन्होंने UPSC की परीक्षा क्वालिफाई की. आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, मनोज वर्मा को अपने तेजतर्रार स्वाभव के लिए ममता बनर्जी के पसंदीदा अधिकारियों में से एक माना जाता है. वर्मा साल 2019 तक दार्जिलिंग के आईजी थे. एंटी करप्शन ब्रांच में ADG रह चुके मनोज वर्मा को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी काम करने का काफी अनुभव है. करीब डेढ़ दशक पहले जंगलमहल में माओवादी एक्टिविटी चरम पर थी. राज्य में वामोर्चा यानी लेफ्ट की सरकार थी. मनोज वर्मा को पश्चिम मेदिनीपुर का पुलिस अधीक्षक बनाकर भेजा गया. उस दौरान इन गतिविधियों को रोकने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण कदम उठाए.

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कठिन परिस्थितियों में एक्शन लेने को मशहूर

ये उन दिनों की बात है जब पश्चिम बंगाल का भाटीपारा और कांकीनाडा दंगों की आग में झुलस रहा था. कोलकाता से 33 किलोमीटर दूर नॉर्थ 24 परगना जिले के भाटीपारा में लगातार हिंसक घटनाएं हो रही थीं. सीएम बनर्जी ने मनोज को बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट का प्रभारी बनाकर भेजा. ‘आनंद बाजार पत्रिका’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने स्थिति को नियंत्रण करने का भरसक प्रयास किया. कई बार वे इमरजेंसी सिचुएशन में 'एक्शन में' देखे गए. 

भाटपाड़ा में हुई हिंसा के दौरान एक तरफ से ईंटें और पत्थर बरसाए जा रहे थे. मनोज वर्मा बिना हेलमेट पहने कार से उतर गए थे. उन्होंने बिना कोई परवाह करते हुए नंगे हाथों से पत्थरों को रोकने की कोशिश की. फोर्स और खुद की सुरक्षा के बारे में सोचे बिना यह कार्रवाई करने के लिए उनकी भूमिका की आलोचना की गई थी. लेकिन उन्होंने इन आलोचनाओं को ज्यादा महत्व नहीं दिया. मनोज वर्मा को भाटपारा में शांति कायम करने के लिए 2019 में मुख्यमंत्री पुलिस पदक मिला. उस साल स्वतंत्रता दिवस पर सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें इससे सम्मानित किया था. इससे पहले उन्हें साल 2017 में राज्य सरकार का पुलिस मेडल भी मिला है. 

मनोज वर्मा पुलिस कमिश्नर बनाए जाने से पहले पश्चिम बंगाल पुलिस में ADG (लॉ एंड ऑर्डर) का पद संभाल रहे थे. अब ये पद  1995 बैच के IPS अधिकारी जावेद शमीम संभालेंगे.

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