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ट्रांसफर की धमकी मिली तो हाईकोर्ट के जस्टिस बोले- 'डरता नहीं, किसान का बेटा हूं, खेत जोत लूंगा'

कर्नाटक में एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी को करप्ट कहने पर जस्टिस को मिली थी ट्रांसफर की धमकी

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जस्टिस संदेश (बाएं) बोले- मुझे धमकियों से डर नहीं लगता | फोटो : कर्नाटक हाईकोर्ट/आजतक

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के जस्टिस एचपी संदेश ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है. उन्होंने सोमवार, 4 जुलाई को बताया कि उन्हें धमकी मिली है कि अगर वे बेंगलुरु के डिप्टी कमिश्नर से जुड़े मामले की जांच पर निगरानी रखेंगे तो उनका ट्रांसफर करवा दिया जाएगा. एनडीटीवी के मुताबिक जस्टिस संदेश ने कहा कि इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को फटकार लगाए जाने के बाद उन्हें ये धमकी मिली है. उन्होंने ये भी कहा कि वे हमेशा ईमानदारी से अपना काम करेंगे और अगर उनका पद चला भी जाता है तो वे गांव जाकर खेती कर लेंगे.

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डिप्टी कमिश्नर से जुड़ा मामला क्या है?

पिछले दिनों बेंगलुरु शहर के डिप्टी कमिश्नर जे मंजूनाथ के कार्यकाल में एक डिप्टी तहसीलदार पीएस महेश को 5 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. महेश के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. इसके बाद उनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई. 30 जून को इस याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान जस्टिस संदेश की बेंच ने कहा कि आरोपी महेश बेंगलुरु के डिप्टी कमिश्नर मंजूनाथ का नाम ले रहे हैं, और कह रहे हैं कि मंजूनाथ के कहने पर ही उन्होंने रिश्वत ली थी.  फिर भी ACB की FIR में मंजूनाथ का नाम नहीं है.

बेंच ने ACB से सवाल किया कि वह मंजूनाथ को क्यों गिरफ्तार नहीं कर रही है. इस दौरान जस्टिस संदेश ने ACB को भ्रष्टाचार का केंद्र और कलेक्शन सेंटर तक कह दिया. उन्होंने ये भी कहा कि ACB अभी एक दागी ADGP सीमांत कुमार सिंह के नेतृत्व में काम कर रही है.

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जस्टिस संदेश ने कहा- नौकरी गई तो खेती करूंगा

लाइव लॉ के मुताबिक सोमवार, 4 जुलाई को हाईकोर्ट में फिर इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए जस्टिस संदेश ने ACB के वकील को खूब खरी-खरी सुनाई. उन्होंने कहा,

'मुझे बताया गया कि एंटी करप्शन ब्यूरो के ADGP एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं. मुझे इसके बारे में एक जज ने बताया है कि मुझे ट्रांसफर की धमकी दी जाएगी. लोगों की भलाई के लिए अगर मेरा ट्रांसफर किया जाएगा तो मैं इसके लिए तैयार हूं. मैं किसी से नहीं डरता. मैंने जज बनने के बाद कोई भी संपत्ति जमा नहीं की है. अगर मैं पद खो देता हूं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं किसान का बेटा हूं. मैं जमीन जोतने के लिए तैयार हूं.'

कहा जा रहा है कि जस्टिस एचपी संदेश ने इस दौरान इशारों-इशारों में कर्नाटक के नेताओं को भी संदेश दे दिया. उन्होंने कहा कि उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है. और वे किसी राजनीतिक विचारधारा का पालन नहीं करते हैं.

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