सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और स्पेसएक्स जैसी कंपनी के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. दरअसल, पिछले कुछ समय से अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के साथ उनकी तल्खी चल रही है. दोनों के बीच जुबानी जंग भी जारी है. जंग भी ऐसी कि ट्रंप ने मस्क को अमेरिका से बाहर निकालने की खुली धमकी दे दी. इसके बाद मस्क ने ट्रंप की तारीफ करनी शुरू कर दी है.
ट्रंप ने दी देश से निकालने की धमकी तो बदल गए मस्क, अब तारीफ कर रहे हैं
Donald Trump ने जिस DOGE की जिम्मेदारी Elon Musk को दी थी, अब वो उसी को मस्क के खिलाफ काम पर लगाने की धमकी दे रहे हैं. इसके बाद अब मस्क के तेवर में भी थोड़ी नरमी दिख रही है.

2 जुलाई को अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने लिखा है,
जहां क्रेडिट बनता है, वहां क्रेडिट दिया जाना चाहिए. डॉनल्ड ट्रंप ने दुनिया भर में कई गंभीर संघर्षों का सफलतापूर्वक समाधान निकाला है.

दरअसल, ट्रंप ने 1 जुलाई को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर मस्क के लिए लिखा था,
राष्ट्रपति के तौर पर मेरी मदद करने से पहले से मस्क को पता था कि मैं इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी मेन्डेट) के सख्त खिलाफ हूं. ये बकवास है. और हमेशा मेरे प्रचार अभियान का हिस्सा रहा था. इलेक्ट्रिक कार ठीक है. लेकिन हर किसी को इन्हें खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. एलन को मानव इतिहास में किसी भी व्यक्ति से ज्यादा सब्सिडी मिल सकती है. लेकिन बगैर सब्सिडी के उन्हें शायद अपनी दुकान बंद करके वापस साउथ अफ्रीका लौटना पड़ सकता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे लिखा,
अब कोई रॉकेट लॉन्चर, सैटेलाइट या इलेक्ट्रिक कारों का प्रोडक्शन नहीं. इससे हमारे देश का काफी पैसा बचेगा. शायद DOGE को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. बहुत पैसा बचेगा.

एलन मस्क मूल रूप से साउथ अफ्रीका के ही रहने वाले हैं. उनका जन्म साउथ अफ्रीका में हुआ था. साल 1989 में 17 साल की उम्र में मस्क साउथ अफ्रीका से कनाडा चले गए थे. और फिर वहां से अमेरिका शिफ्ट हो गए. अमेरिका में उन्होंने अपने कारोबार का विस्तार किया. और आज दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं.
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कैसी टूटी दोस्ती?अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मस्क ने ट्रंप का खूब साथ दिया था. उनके एजेंडे को अपने सोशल मीडिया की ताकत के जरिए आगे बढ़ाया. जीत के बाद ट्रंप ने उनको इसका इनाम भी दिया. सर-आंखों पर बैठाया. खूब तारीफें कीं. साथ ही उनके लिए एक नया डिपार्टमेंट बना दिया, डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE). इसका उद्देश्य है, अमेरिकी सरकार के पैसे बचाना. मस्क को इसकी अध्यक्षता सौंपी गई. उन्होंने खूब उलटे-पुलटे फैसले लिए. आंखें मूंदकर लोगों को नौकरी से निकाला, कई जरूरी फंड्स पर रोक लगा दी और कई सरकारी विभाग भी बंद कर दिए.
मामला तब बिगड़ा जब ट्रंप ने रेसीप्रोकल टैरिफ और बिग ब्यूटीफुल बिल को लेकर अहम फैसला लिया. मस्क को अपने बिजनेस के लिए ये ठीक नहीं लगा, तो उन्होंने विरोध का सुर पकड़ लिया. जिस सोशल मीडिया का इस्तेमाल उन्होंने ट्रंप के लिए समर्थन जुटाने में किया था, उसी पर अब वो उनके खिलाफ माहौल बनाने लगे. मामला इतना बिगड़ा कि ट्रंप ने जिस DOGE की अध्यक्षता मस्क को दी थी, उसी को उनके खिलाफ काम पर लगाने की धमकी दे दी. लेकिन ट्रंप की इस चेतावनी के बाद अब मस्क के तेवर में थोड़ी नरमी देखी जा रही है.
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