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BJP नेता की स्पीच के बीच मस्जिद से अज़ान की आवाज़ आई, तो पता है माइक से क्या बोले?

ये वही विधायक हैं, जिन्होंने टीपू सुल्तान को मुस्लिम गुंडा कहा था.

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भाजपा की विजय संकल्प यात्रा चल रही है (तस्वीर - ट्विटर)

कर्नाटक के पूर्व डिप्टी CM और भाजपा के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) फिर अपने विवादित बयान के चलते ख़बरों में है. एक जनसभा को संबोधित करते हुए ईश्वरप्पा ने ये पूछ लिया कि क्या अल्लाह बहरा है?

न्यूज़ एजेंसी ANI की जानकारी के मुताबिक़, सत्ताधारी पार्टी की विजय संकल्प यात्रा चल रही थी. ईश्वरप्पा एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. तभी पास की मस्जिद से अज़ान शुरू हो गई. इसी पर ईश्वरप्पा ने कहा,

"मैं जहां भी जाता हूं, ये अज़ान मुझे सिरदर्द देती है. सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने वाला है. आज नहीं तो कल अज़ान का ये आह्वान ख़्तम हो जाएगा."

आगे ईश्वरप्पा ने नरेंद्र मोदी की बातें याद कीं. कहा कि PM मोदी ने सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए कहा है, लेकिन हमें पूछना चाहिए कि क्या अल्लाह केवल तभी सुन सकता है जब आप माइक पर चिल्लाते हैं?

आगे कहा,

"हिंदू भी मंदिरों में भजन और प्रार्थना करते हैं. हम उनसे ज़्यादा धार्मिक हैं और ये भारत माता हैं, जो धर्मों की रक्षा करती हैं. लेकिन अगर आप कहेंगे कि अल्लाह केवल तभी सुनता है जब आप माइक का इस्तेमाल करते हैं तो मैं ये ज़रूर पूछूंगा कि क्या अल्लाह बहरा है?"

ये बयान पब्लिक डोमेन में आया और ईश्वरप्पा की आलोचना होने लगी. फिर कुछ ही देर बाद ईश्वरप्पा ने सफ़ाई दी. अपने बयान को डिफ़ेंड करते हुए 'आम आदमी का दुख' बता दिया. कहा कि राज्य में अभी परीक्षाएं चल रही हैं, छात्र और उनके माता-पिता शिकायत कर रहे हैं कि अज़ान और लाउडस्पीकर के कारण छात्र ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.

ईश्वरप्पा ने पहले भी विवादास्पद बयान दिए हैं. एक बार उन्होंने टीपू सुल्तान को मुस्लिम गुंडा कह दिया था. तब भी बहुत बवाल हुआ था. पिछले साल उन्हें अपना मंत्री पद छोड़ना पड़ा था क्योंकि उन्हें सूसाइड के एक मामले में नामज़द किया गया था.

क्या कहता है लाउडस्पीकर क़ानून?

अज़ान और लाउडस्पीकर लंबे समय से गहन बहस का मुद्दा रहा है. एक वर्ग का तर्क है कि अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बाक़ी धर्मों के लोगों को परेशान कर सकता है.

जुलाई 2005 में ही ध्वनि प्रदूषण का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था. आपातकालीन स्थितियों को छोड़कर. फिर उसी साल के अक्टूबर में अदालत ने कहा कि लाउडस्पीकरों को साल में 15 दिनों के लिए उत्सव पर आधी रात तक इस्तेमाल किया जा सकता है.

बीते साल इसी मामले में एक जनहित याचिका दायर की गई. दावा किया गया था कि अज़ान से बाक़ी धर्मों के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया और मस्जिदों को कोई निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया. साथ ही कहा कि सहिष्णुता संविधान की विशेषता है.

इससे जुड़ा एक मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है, लेकिन उस पर अभी फ़ैसला नहीं आया है.

वीडियो: ज़ावेद अख्तर ने लाउडस्पीकर से अज़ान पर ऐसा क्या कहा कि फैन्स नाराज़ हो गए?