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बकरीद के दिन त्रिपुरा में खुलेआम काटी गई गाय, कई इलाकों में ऐसा हुआ, दो लोग पकड़े गए

त्रिपुरा के कई इलाकों से गौहत्या की खबरें सामने आई हैं. पहला मामला गोमती जिले का है. यहां बकरीद के मौके पर सार्वजनिक रूप से गाय की हत्या करने के आरोप में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. क्या है पूरा मामला?

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त्रिपुरा के कई इलाकों से गौहत्या की खबरें सामने आई हैं (सांकेतिक फोटो: आजतक)

त्रिपुरा में बकरीद के मौके पर गौहत्या करने के आरोप में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. हिंसा से बचने के लिए इलाके में भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें. इसके अलावा भी त्रिपुरा के कई इलाकों से गौहत्या की खबरें सामने आई हैं (Cow Slaughtered on Bakrid).

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पहला मामला त्रिपुरा के गोमती जिले के अंतर्गत उदयपुर के छनबन क्षेत्र का है. यहां बकरीद के मौके पर सार्वजनिक रूप से गाय की हत्या करने के आरोप में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने बताया कि इलाके में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि खुले में गौहत्या न हो. जिले के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा,

हमने दो लोगों को हिरासत में लिया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. मैं सभी से अपील करता हूं कि वे अफवाह न फैलाएं. किसी भी तरह की हिंसा से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा तैनात की गई है. कानून और व्यवस्था बनाए रखी जानी चाहिए.

एक दूसरे मामले में पुलिस को सूचना मिली कि उदयपुर के राजनगर क्षेत्र में एक अल्पसंख्यक परिवार ने कथित तौर पर खुलेआम गाय की हत्या की. खबर मिलते ही पुलिस की एक टुकड़ी मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में किया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 

हमने कानून के मुताबिक कार्रवाई की है. दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है.

खबर लिखे जाने तक, इस मामले में किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है.

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मवेशियों से भरा वाहन पकड़ा

एक अलग मामले में, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के कुछ सदस्यों ने मवेशियों से भरे एक वाहन को रोक लिया. जिसे उन्होंने शुक्रवार, 6 जून को पश्चिम अगरतला पुलिस थाने को सौंप दिया. इसके बाद मवेशियों के मालिक पुलिस थाने के बाहर एकत्र हो गए और मवेशियों को छोड़ने की मांग करने लगे. उन्होंने कहा, 

हमने ईद के लिए बिशालगढ़ से गायें खरीदी थीं. उन्होंने (VHP) हमारे ड्राइवर को धमकाया और गाड़ी को पश्चिम पुलिस को सौंप दिया. क्या हम अपना त्यौहार नहीं मना सकते?

उन्होंने दावा किया कि उनके पास सारे दस्तावेज थे. फिर भी उन्हें पुलिस स्टेशन के बाहर कम से कम 12 घंटे तक इंतजार कराया गया. 

बताते चलें कि फरवरी 2022 में, त्रिपुरा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि सार्वजनिक स्थानों पर मांस उत्पादों की बिक्री पर बैन लगाया जाए और कहा कि अगरतला नगर निगम को बूचड़खाने बनाने की योजना तैयार करनी चाहिए.

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