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जस्टिस मार्कंडेय काटजू सोशल मीडिया पर लोगों के रिश्ते क्यों करा रहे हैं?

जस्टिस काटजू के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर लोगों के कमेंट्स की बाढ़ आ गई है.

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बाईं तरफ जस्टिस काटजू, दाईं तरफ उनकी एक फेसबुक पोस्ट.
जस्टिस मार्कंडेय काटजू. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रह चुके हैं. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन भी रहे. 2012 में इन्होंने एक बयान दिया था. कि कम से कम 90 फीसदी भारतीय बेवकूफ हैं, जिन्हें धर्म के नाम पर शरारती तत्वों द्वारा आसानी से बहकाया जा सकता है. इस पर बहुत विवाद हुआ था. पर ये तो एक बानगी भर है. काटजू ऐसे कई बयान दे चुके हैं, जिसे आप 'विवादास्पद' कह सकते हैं.
हम इनकी बात क्यों कर रहे हैं? क्योंकि पिछले कुछ घंटों में जस्टिस काटजू के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर लोगों के कमेंट्स की बाढ़ आ गई है.  क्योंकि जस्टिस काटजू मैचमेकिंग करा रहे हैं. कुछ पोस्ट्स की बानगी ये रही:
Katju Fb Post काटजू अपने पोस्ट में लड़की के बारे में थोड़ी जानकारी देते हैं. उसके बाद अपनी ईमेल आईडी.


इन पोस्ट्स में जस्टिस काटजू ने कुछ लड़कियों की प्रोफाइल पोस्ट की है, जो शादी करना चाहती हैं. उनकी प्रेफरेंस भी पोस्ट में बताई है.
हमने बात की जस्टिस काटजू से. उनसे पूछा कि इसके पीछे की वजह क्या है.
जस्टिस काटजू ने बताया-
ऐसे कई मामले हैं, जहां लड़कियां शादी करना चाहती हैं, लेकिन उन्हें सही मैच नहीं मिल रहे. देश में बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है, ऊपर से जाति और धर्म के इतने विभाजन हैं. इस वजह से सही मैच ढूंढना बहुत मुश्किल होता है. ये बहुत बड़ी दिक्कत है. इतनी बढ़ती हुई बेरोजगारी की वजह से शादी करने की इच्छा रखने वाली लड़कियां भी शादी नहीं कर पा रहीं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.
इसी वजह से जस्टिस काटजू उनकी मदद करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि उनके फेसबुक पेज पर काफी फॉलोअर्स हैं. हो सकता है कि इस स्टेप से किसी की मदद हो जाए.
ये मैचमेकिंग कैसे काम करती है
जस्टिस काटजू ने बताया कि उनके पास फेसबुक पर मैसेज आते हैं. लड़की उनसे रिक्वेस्ट करती है, तो वो उससे पूछकर, जानकारी लेकर पोस्ट कर देते हैं. नाम नहीं बताते. लेकिन उसकी ईमेल आईडी रख लेते हैं. फिर उनका पोस्ट देखकर जो लोग इंटरेस्टेड होते हैं, वो जस्टिस काटजू को ईमेल करते हैं. जस्टिस काटजू फिर उन ईमेल्स को उस लड़की को फॉरवर्ड कर देते हैं, जिसके लिए रिक्वेस्ट आती है. उसके बाद जिम्मेदारी उन दोनों की.
अभी ये पोस्ट्स सिर्फ लड़कियों के लिए हैं.
Katju Fb एक और पोस्ट की बानगी.


कैसा रिस्पॉन्स रहा है
जस्टिस काटजू ने बताया कि उनके पास ईमेल्स और मैसेजेस की बाढ़ आ गई है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इससे कैसे डील करें. उन्होंने बताया कि उन्हें आइडिया भी नहीं था कि ये इतना बड़ा काम होगा.
अगर जस्टिस काटजू की मदद से किसी की सच में शादी हो जाती है, तो क्या वो शादी अटेंड करेंगे? इस सवाल पर जस्टिस काटजू ने हंसते हुए कहा-
अगर दिल्ली या आस-पास शादी हुई, तो जाएंगे. वरना स्काइप या ज़ूम से भी आशीर्वाद दे देंगे.
जस्टिस काटजू ने बताया कि वो इसे सिर्फ सोशल सर्विस की तरह कर रहे हैं, ताकि वो किसी की मदद कर सकें. लेकिन इस पर लोगों को भी ध्यान देना चाहिए. ये एक ज़रूरी मुद्दा है. शादी की उम्र हो जाने के बावजूद लड़कियों को मैच नहीं मिल पा रहे. जो लड़कियां शादी करके सेटल होना चाहती हैं, उनको भी ये परेशानी है.