The Lallantop

"मुस्लिम लड़कियों का जबरन धर्मांतरण, इसलिए..."- मदनी ने मुसलमानों से क्या करने को कह दिया?

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी 7 दिसंबर को लखनऊ में एक बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे. उन्होंने यहां मुस्लिम समुदाय से जुड़े कई मद्दों पर बात की. लड़कियों की शिक्षा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 8वीं के बाद उनके लिए अलग स्कूल बनाए जाने चाहिए.

post-main-image
मौलाना अरशद मदनी लखनऊ में हुई जमीयत उलेमा की बैठक में अपनी बात रख रहे थे. (फोटो क्रेडिट- आजतक)

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Jamiat Ulema-e-Hind Arshad Madni) ने लड़कियों के लिए अलग स्कूल बनाने की वकालत की है. दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 7 दिसंबर को जमीयत उलेमा की एक बड़ी बैठक हुई. इसमें राज्य के 37 जिलों से उलेमा के हजारों सदस्य शामिल हुए. साथ ही, जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष अरशद मदनी भी यहां पहुंचे. उन्होंने मुसलमान समाज के लोगों से कई सारी अपील कीं.

इंडिया टुडे से जुड़े सत्यम मिश्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार, मदनी ने कहा कि लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है. इसे रोकने की जरूरत है. इसके लिए उन्होंने लड़कियों को अलग स्कूलों में पढ़ाने की सलाह दी. अरशद मदनी ने कहा,

"देश के तत्कालीन हालात देखते हुए, खासतौर पर मुस्लिम लड़कियों के लिए 8वीं के बाद अलग स्कूल बनाए जाएं. ऐसा इसलिए ताकि उनपर गलत असर न पड़े. लड़कियों का धर्म बदलवाया जा रहा है. इसे रोकना बेहद जरूरी है. इस घिनौनी हरकत की वजह से पूरे खानदान बर्बाद हो जाते हैं. इसके चलते मुस्लिम बहुल इलाकों में लड़कियों के लिए अलग शिक्षण संस्थान बनाए जाएं, ताकि दीन और ईमान से धर्म की रक्षा की जा सके. ये बहुत जरूरी काम है."

ये भी पढ़ें- मौलाना अरशद मदनी की पूरी कहानी

मौलान मदनी ने आगे ये भी कहा,

"ऐसे मुस्लिम शिक्षण संस्थान बनाए जाने चाहिए, जहां नर्सरी से मिडिल और हाई स्कूल तक इस्लामी माहौल में पढ़ाई कराई जाए. इस पर जमीयत से जुड़े उलेमा खासतौर पर ध्यान दें. वे अपनी देखरेख में ऐसे आधुनिक शिक्षण संस्थान बनवाएं."

चुनावी मुद्दों पर भी रखी राय

मौलान मदनी ने अरेबिया मदरसों से भी एक अपील की. वे बोले,

“अरेबिया मदरसों को सरकारी नियमों के अनुसार चलाया जाए. किसी ट्रस्ट या सोसायटी से पंजीकरण कराकर मदरसे को कानूनी रूप से मजबूत किया जाए.”

मदनी ने चुनावी मुद्दों पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा,

"चुनावों से पहले जागरुकता अभियानों के जरिए मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं को मतदान के लिए जागरुक किया जाना चाहिए. साथ ही नए मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाना चाहिए. इसके अलावा मतदान के दिन भी उन्हें सही मार्गदर्शन देना चाहिए, ताकि वे अपने मनमुताबिक सरकार चुन सकें."

'साम्प्रदायिकता के बहकावे में न आएं'

मौलाना मदनी ने कहा कि देश में बदलते हुए समय को देखते हुए मुसलमानों का आत्मनिर्भर बनना बहुत जरूरी हो गया है. उन्होंने अपील की कि मुस्लिम समुदाय आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करे. किसी और का सहारा न ले. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में सुधार के लिए संघर्ष की जरूरत है. साथ ही दूसरों के बहकावे में आने से बचने की भी.

ये भी पढ़ें- मदनी बोले- सोशल डिस्टेन्सिंग न मानना कत्ल के बराबर

मदनी बोले कि साम्प्रदायिकता ने हमारे देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है. हर स्तर पर इसका विरोध करना चाहिए. यदि साम्प्रदायिक लोग मुसलमानों को भड़काने की कोशिश करें तो अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की कोशिश करें. अपने आसपास के सभी मुसलमानों को भी उनकी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की सलाह दें क्योंकि सत्ता में रहने के लिए लोग माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं. 

वीडियो: मौलाना अरशद मदनी कौन हैं, जिनके 'ओम-अल्लाह एक हैं' वाले बयान पर भयंकर बवाल मच गया!