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वॉशिंगटन में इजरायली दूतावास कर्मियों की हत्या में बड़ा खुलासा, हमलावर से जुड़ी जानकारी चौंका देगी

Israel Embassy Staff Killed: हमलावर का हमले से पहले का एक कथित मैनिफेस्टो सामने आया है. साथ ही जांच में ये भी पता चला है कि उसने सोशल मीडिया पर गाजा के समर्थन में पोस्ट किया था.

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गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने कथित तौर पर ‘फ्री फिलीस्तीन’ के नारे लगाए थे (फोटो: इंडिया टुडे)

अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है (Israel Embassy Staff Killed). गिरफ्तारी के दौरान हमलावर ने कथित तौर पर ‘फ्री फिलीस्तीन’ के नारे लगाए थे. इन सबके बीच हमलावर का हमले से पहले का एक कथित मैनिफेस्टो सामने आया है. साथ ही जांच में ये भी पता चला है कि उसने सोशल मीडिया पर गाजा के समर्थन में पोस्ट किया था.

क्या है पूरा मामला?

हमलावर की पहचान एलियास रॉड्रिगेज (Elias Rodriguez) के तौर पर हुई है, जो शिकागो का रहने वाला है. बुधवार, 21 मई की रात वाशिंगटन डीसी में यहूदी म्यूजियम के बाहर उसने इजरायल दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या कर दी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वारदात में मारे गए यारोन लिस्चिंस्की (30) और सारा लिन मिलग्रिम (26) एक-दूसरे के साथ रिलेशनशिप में थे और जल्द ही सगाई करने वाले थे.

Israel Hamas Conflict
इजरायली दूतावास कर्मचारी यारोन लिस्चिंस्की और सारा लिन मिलग्रिम, जिनकी हत्या कर दी गई (फोटो: इंडिया टुडे)

विकिलीक्स की ओर से शेयर किए गए हमलावर रॉड्रिगेज के कथित मैनिफेस्टो से पता चला है कि वह फिलिस्तीन पर इजरायल के हमले से दुखी था. वह गाजापट्टी को निशाना बनाए जाने और वहां बड़े पैमाने पर हुए नरसंहार को लेकर इजरायल से खफा था. आरोप है कि उसने बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया.

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हमलावर रॉड्रिगेज का यह कथित मैनिफेस्टो 20 मई का बताया जा रहा है. जिसमें उसने लिखा,

कुछ महीनों में तेजी से बढ़ती मौतों के बाद इजरायल ने मृतकों की गिनती करने की क्षमता भी खो दी. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस लेख के लिखे जाने तक 53,000 लोगों के मारे जाने की बात दर्ज की है. कम से कम दस हजार लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं. और कौन जानता है कि कितने हजार लोग रोके जा सकने वाली बीमारी, भूख से मरे हैं. और हजारों लोग अब इजरायली नाकाबंदी के कारण अकाल के जोखिम में हैं. यह सब पश्चिमी और अरब सरकार की मिलीभगत से हो रहा है. 

इससे पहले हमलावर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर “अमेरिका की मौत” और "इजराइल की मौत" जैसे मैसेज पोस्ट किए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, रॉड्रिगेज शिकागो में ‘पार्टी फॉर सोशलिज्म एंड लिबरेशन’ (PSL) नाम के एक वामपंथी समूह से भी जुड़ा हुआ है. हालांकि, गोलीबारी के बाद, समूह ने खुद को उससे दूर कर लिया और कहा कि उसने 2017 में उसके साथ संबंध तोड़ लिए थे.

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