कौन हैं अभिषेक शर्मा
पंजाब के अमृतसर से आने वाला ये क्रिकेटर आईपीएल में डेब्यू करने वाला 5वां सबसे युवा खिलाड़ी है. अभिषेक ने 17 साल 251 दिन की उम्र में डेब्यू किया है. जनवरी 2018 में दिल्ली ने 55 लाख रुपए में खरीदा था. इस बार इंडिया की अंडर-19 वर्ल्ड कप विजेता टीम में से दिल्ली ने तीन प्लेयर लिए थे. पृथ्वी शॉ, मंजोत कालरा के साथ तीसरा नाम अभिषेक शर्मा का है. अभी उम्र 17 साल है मगर डेल्ही डेयरडेविल्स के साथ अभिषेक का रिश्ता दो साल पुराना है. वो इस टीम के ट्रायल्स और ट्रेनिंग टीम का 2016 से हिस्सा हैं.

पहले आईपीएल में खेलने का मौका इसलिए नहीं मिला क्योंकि साल 2012 में पंजाब क्रिकेट असोसिएशन (PCA) ने ये फैसला किया था कि वो अपने अंडर 21 क्रिकेटरों को टी 20 फॉरमेट से दूर रखेगा. असोसिएशन का मानना है कि जब कम उम्र में क्रिकेटर ये फॉरमेट खेलना शुरू कर देते हैं तो वो अपने क्रिकेट करियर में लंबी रेस का घोड़ा नहीं बन पाते हैं. इसी के चलते अभिषेक भी आईपीएल में इस साल खेल पाए.
शॉर्ट कट से नहीं आया
लंबी और क्लीन हिट करने के लिए मशहूर अभिषेक बैटिंग ऑर्डर में निचले पायदान पर रहते हैं और लेफ्ट आर्म स्पिन भी करवाते हैं. 2016 में ये ऑलराउंडर इंडिया की अंडर-19 टीम का कप्तान था जो एशिया कप जीती थी. अभिषेक के बाद 2018 में वर्ल्ड कप के लिए पृथ्वी शॉ को कप्तानी दी गई है. जनवरी 2018 में न्यूजीलैंड में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में अभिषेक ने अपना स्पिन बॉलिंग का हुनर दिखाया था. 6 मैचों में 3.91 की इकॉनमी से 6 विकेट लिए थे. मगर जब बांग्लादेश के खिलाफ ऊपर के बैट्समैन नहीं चल पाए तो अभिषेक ने फिफ्टी मारकर इंडिया को जिताया था.
One of the best moment of my life, getting my first class debut cap from the legend himself @harbhajan_singh
— Abhishek Sharma (@IamAbhiSharma4) April 23, 2018
#Memories
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ये वीडियो पंजाब रणजी टीम का हिस्सा बनने का है. हरभजन सिंह ने 16 साल के अभिषेक को कैप देकर डेब्यू करवाया. अंडर-19 वर्ल्ड कप के पहले अभिषेक ने 2017-18 सीजन में पंजाब रणजी में भी पसीना बहाया है. अपने रणजी डेब्यू में हिमाचल के खिलाफ 94 रनों की पारी खेली थी. टीम के लिए अभी तक 4 फर्स्ट क्लास मैच खेल लिए हैं जिनकी 6 पारियों में 202 रन मारे हैं. इसके अलावा अभिषेक ने 10 लिस्ट A मैच भी खेले हैं. साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक का खेल इनको सबसे ज्यादा भाता है. 2015-16 में विजय मर्चेंट ट्रॉफी में सबसे ज्यादा 1200 रन बनाने और सबसे ज्यादा 57 विकेट लेने के लिए BCCI से दो अलग-अलग 'राज सिंह डूंगरपुर अवॉर्ड' लेने वाला इकलौता क्रिकेटर है अभिषेक.
प्रैक्टिस का वीडियो:
असफल क्रिकेटर का सफल बेटा
पिता राजकुमार शर्मा ही अभिषेक के कोच हैं. युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह की तरह राजकुमार ने भी अपने बेटे में अपने क्रिकेट के सपनों को साकार करने में अपनी लाइफ लगा दी है. राजकुमार ने भी पंजाब के लिए घरेलू क्रिकेट खेला है.अमृतसर में बैंक ऑफ इंडिया में काम करते हैं. 1985-86 में वो बतौर लेफ्ट आर्म स्पिनर पंजाब से नॉर्थ जोन अंडर 22 में खेलते हुए विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में खेले थे. इसके बाद उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. राजकुमार पंजाब में मनिंदर सिंह के साथ टीम में थे, मनिंदर को आगे खेलने का मौका मिला मगर राजकुमार इससे आगे नहीं बढ़ पाए.

राजकुमार शर्मा ने बेटे को क्रिकेटर बनाने को ही जिंदगी का मकसद बना रखा है.
वो निराश होकर दुबई चले गए. वहां की इंटरनेशनल टीम में खेलने की संभावनाएं तलाशने लगे. मगर जब वहां भी कुछ नहीं बना तो वापिस आए और फिर बैंक ऑफ इंडिया के लिए ही खेलते रहे. 1996 में राजकुमार को अमृतसर गेम्स एसोसिएशन ने फुल टाइम कोच बना दिया. तब से वो वहां के गांधी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स ग्राउंड में कोचिंग दे रहे हैं.
तीन बच्चों में सबसे छोटे अभिषेक का जन्म 4 सितंबर 2000 को हुआ और तीन साल की उम्र में पहली बार वो पिता के साथ हाथ में प्लास्टिक बैट लिए ग्राउंड पर पहुंचा था. तब से लगातार बाप-बेटे ने क्रिकेट को अपना मिशन बना लिया. पहली बार जब अंडर 14 टीम में अभिषेक श्रीनगर गए थे, उस वक्त वहां जम्मू कश्मीर सीनियर टीम के कोच बिशन सिंह बेदी थे और उन्होंने अभिषेक की स्पिन की तारीफ की थी. उसी दौरान अभिषेक ने एक सेंचुरी भी मारी थी जिसे देखकर बेदी ने कहा था कि वो एक अच्छा ऑलराउंडर बनेगा. अभिषेक को सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण समेत तमाम क्रिकेटरों की कहानियां सुनना पसंद हैं. रात को सोने से पहले पिता से इन्हीं के किस्से सुनकर बड़े हुए हैं अभिषेक.
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