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मंदिर में चोरी के वीडियो को झूठा बताने के चक्कर में हाथरस पुलिस ने ये बातें दबा ही दीं

पहले पुलिस ने चोरी की बात को झूठा कहा, फिर खुद ही केस दर्ज़ कर दिया

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CCTV में लोग दिखे. पहले कहा गया कि चोर थे. फिर हाथरस पुलिस ने झुठला दिया. फिर दाहिनी ओर की शिकायत सामने आयी. फिर पता चला कि हाथरस पुलिस ने आधी बात बताई ही नहीं.
हाथरस जिले के सहपऊ थाना क्षेत्र का गांव खोंडा. यहां स्थित महादेव मंदिर से कुछ दिनों पहले चोरी की ख़बर सामने आयी थी. मंदिर के भीतर CCTV कैमरा लगा हुआ था. एक वीडियो में तीन लोग साइकिल से आए. ताला तोड़ दिया. मंदिर में घुसकर प्रतिमाओं को हाथ जोड़ा. फिर दूसरे वीडियो में यही लोग मंदिर से वाशिंग मशीन, कपड़ा और दूसरा सामान बाहर ले जाते हुए दिखे. 
इस आधार पर ख़बर चली कि मंदिर में चोरों ने चोरी करने के पहले भगवान को प्रणाम किया, फिर सामान पार लगाया. हाथरस पुलिस ने सोशल मीडिया पर खंडन कर दिया. लल्लनटॉप को ट्विटर पर जानकारी देते हुए हाथरस पुलिस ने कहा कि ख़बर असत्य और भ्रामक है. मंदिर में चोरी की कोई घटना नहीं हुई है. मंदिर के पुजारी द्वारा अपनी वाशिंग मशीन को गांव के ही कुछ लोगों की मदद से शिफ़्ट कराया गया है, जिसका CCTV फ़ुटेज वायरल किया जा रहा है. वाशिंग मशीन पुजारी के पास है.  इसके साथ ही हाथरस पुलिस ने एक वीडियो बयान भी जारी किया है, जिसमें दावा किया है कि ये धरमवीर नाम का व्यक्ति मंदिर का पुजारी है.
अब पुलिस ने तो बता दिया कि ख़बर असत्य है. भ्रामक है. दावा कर दिया कि मंदिर में चोरी की कोई घटना हुई ही नहीं. लेकिन यहां पर ये तथ्य भी है कि धरमवीर ने कथित तौर पर जिन तीन लोगों की मदद से अपना सामान शिफ़्ट करवाया था, पुजारी को उन तीन लोगों का नाम याद ही नहीं है. और ये और कहीं नहीं, पुलिस द्वारा जारी किए गए वीडियो में ही शामिल है. ऊपर एम्बेड वीडियो में देख लीजिए. साथ ही सहपऊ पुलिस ने वाशिंग मशीन ‘शिफ़्ट करने वाले’ तीन लोगों के खिलाफ़ IPC की धारा 151 (यानी शांति भंग करना) के तहत मुक़दमा दर्ज कर दिया. अब इन तीनों के अलावा पुलिस के पास इस कथित चोरी की शिकायत करने वाले जयप्रकाश के खिलाफ़ भी धारा 151 के तहत मुक़दमा दर्ज कर दिया.
हमसे बातचीत में जयप्रकाश बताते हैं,
“हां. हमने थाने में शिकायत की थी. लेकिन FIR नहीं था, केवल एक अप्लिकेशन था. फिर पुलिस ने हमारे ऊपर ही मुक़दमा दर्ज कर दिया.”
अब बात आगे बढ़ती है. जयप्रकाश और गांव के बाक़ी लोग कहते हैं कि मंदिर में चोरी हुई है. आजतक के रिपोर्टर राजेश सिंघल से बातचीत में जयप्रकाश बताते हैं कि मंदिर में ताला तोड़कर कोई अपना ही सामान नहीं शिफ़्ट कराता है. चोरी हुई है. लेकिन लोगों को आइडिया नहीं है कि पुलिस इस घटना से क्यों नकार रही है. लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि जिस धरमवीर को पुलिस पुजारी कह रही है, वो कोई पुजारी नहीं बल्कि तांत्रिक है. पुजारी तो कोई और है. साथ ही चोरी उसके कहने पर ही हुई है. गांव के धीरेंद्र कुमार बताते हैं,
“वो(धरमवीर) लोगों का इलाज वग़ैरह करने का दावा करते थे. गांव के ही एक आदमी का इलाज करने के नाम पर रीढ़ की हड्डी से नीचे का पूरा शरीर ख़राब कर दिया. गांव में चोरी तो हुई है. सरासर हुई है.”
chitragupt Hathras temple case चित्रगुप्त जो कहते हैं कि वो 15 सालों से मंदिर के पुजारी हैं और धरमवीर अभी मंदिर में आए थे.

चित्रगुप्त पिछले 15 सालों से मंदिर के पुजारी हैं. वो आज तक से बातचीत में कहते हैं, 
“बाबा (धरमवीर) यहां सितंबर में आए. लोगों का इलाज वग़ैरह करने लगे. हमने उन्हें रोका भी कि ऐसा न करें क्योंकि ये सिद्ध स्थान है. लेकिन वो नहीं माने. झूठसच बोलकर अपना पैसा ऐंठते रहे.”
पुजारी चित्रगुप्त भी दावा करते हैं कि मंदिर में चोरी हुई है. जिस व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी में धरमवीर के कथित इलाज से ख़राबी पैदा हुई, वो शिकायतकर्ता जयप्रकाश के भाई सुनील हैं. जयप्रकाश बताते हैं कि उन्होंने धरमवीर के खिलाफ़ FIR भी करायी थी, जिसके बाद वो गांव छोड़कर चले गए थे. उनके जाने के बाद जयप्रकाश ने मंदिर पर अपना ताला मार दिया. अब मंदिर में से सामान चोरी करने के लिए ताला तोड़ा गया. जयप्रकाश दावा करते हैं कि मंदिर में चोरी हुई है, और चोरी सामने आने के बाद पुलिस ने धरमवीर को लाकर सामने रख दिया और कहने लगे कि सामान शिफ़्ट हो रहा है. 
अब इस मामले में पुलिस का क्या कहना है? 
हमने सहपऊ थानाध्यक्ष सत्य प्रकाश से बात की. उन्होंने कहा, 
“हां, जयप्रकाश ने चोरी की शिकायत की थी. चोरी की शिकायत पर हमने तहक़ीक़ात की. पता चला कि चोरी जैसी कोई घटना ही नहीं हुई थी. बाबा ने अपना सामान शिफ़्ट करवाया था. लिहाज़ा ग़लत सूचना देने और भ्रामक जानकारी देने के लिए जयप्रकाश और ताला तोड़कर सामान शिफ़्ट करने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ़ 151 के तहत केस दर्ज किया.”
Jayprakash Complaint चोरी के संदर्भ में दी गयी जयप्रकाश की शिकायत

पुलिस की बात से अलग सहपऊ गांव के लोग अभी भी कहते हैं कि चोरी हुई है. लेकिन पुलिस नहीं मान रही है. इन आरोपों को थानाध्यक्ष सत्य प्रकाश के सामने रखने पर वो हमसे पूछने लगते हैं, "आप कहना क्या चाहते हैं?” हम कहते हैं कि हम सवालों पर आपका जवाब चाहते हैं. सवाल ये कि सोशल मीडिया पर पुलिस ने ख़ुद वीडियो डाला. और ख़ुद उसी वीडियो में कथित बाबा अपने सहयोगियों का नाम नहीं बता पा रहा है, जिनकी मदद से उन्होंने अपना सामान 'शिफ़्ट करवाया'.
धानाध्यक्ष सत्य प्रकाश बताते हैं,
“अब ये तो मुझे नहीं पता. जिस समय वीडियो शूट हुआ, उस समय मैं वहां था नहीं. कोर्ट गया हुआ था. लेकिन मुझसे अलग से बातचीत में बाबा ने नाम लिया था.”
बात का मतलब ये निकलता है कि हाथरस पुलिस ने ख़बर को झूठा कहने में देर नहीं लगाई, लेकिन पुलिस ने पूरा सच ख़ुद भी नहीं बताया. पुलिस के पास इस केस से जुड़े कुछ दूसरे अहम सवालों के जवाब लगभग नहीं हैं. पुलिस को ये बताना चाहिए था कि प्रारम्भिक जानकारी चोरी की थी, लेकिन जांच में कुछ और निकला. आरोपों और संदेह की फ़ेहरिस्त साफबयानी के अभाव में और बड़ी होती जाती है.

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