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अधीर रंजन चौधरी अब पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष हैं या नहीं हैं?

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'मुझे कल हुई मीटिंग में पता चला...'

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अधीर रंजन चौधरी 2024 का लोकसभा चुनाव हार गए थे. (फाइल फोटो: PTI)

खबर है कि अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (AICC) के जनरल सेक्रेटरी और पश्चिम बंगाल में पार्टी प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने 30 जुलाई को ये जानकारी दी. वहीं इस सिलसिले में अधीर रंजन चौधरी का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि 29 जुलाई को दिल्ली में कांग्रेस हेडक्वार्टर पर हुई मीटिंग के दौरान उन्हें पश्चिम बंगाल कांग्रेस का पूर्व प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया गया.

'मीटिंग में पता चला कि पूर्व अध्यक्ष बन चुका हूं'

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में अधीर रंजन चौधरी बोले,

"कल (29 जुलाई को) AICC हेडक्वार्टर में अचानक गुलाम अली मीर बोलने लगे कि हम सब एक के बाद एक केसी वेणुगोपाल जी से मुलाकात करेंगे. उन्होंने पहले ही कह दिया कि (पश्चिम बंगाल के) पूर्व (प्रदेश) अध्यक्ष भी हैं यहां...उस समय मुझे पता चला कि मैं पूर्व अध्यक्ष बन चुका हूं."

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अधीर रंजन चौधरी ने ये भी बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 में पश्चिम बंगाल के नतीजों की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने की बात कही थी. अधीर ने कहा,

"लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल से अच्छे नतीजे नहीं आए. इसकी जिम्मेदारी लेते हुए मैंने खबर भेजी कि मुझे किसी दूसरे से बदल दिया जाए...बाद में खरगे जी ने फोन कर कहा था कि आप दिल्ली आना और साथ बैठकर बंगाल के संदर्भ में चर्चा की जाएगी."

वहीं सोमवार, 29 जुलाई को दिल्ली में पश्चिम बंगाल के सीनियर पार्टी नेताओं के साथ कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल की एक मीटिंग हुई. इस मीटिंग में अधीर रंजन चौधरी, पश्चिम बंगाल प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदीप भट्टाचार्य सहित अन्य लोग शामिल हुए थे.

अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि वो इस मीटिंग में पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर शामिल हुए थे, लेकिन मीटिंग में उन्हें ‘पूर्व अध्यक्ष’ कहा गया. वहीं कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी गुलाम अहमद मीर के मुताबिक चौधरी ने चुनाव के बाद इस्तीफा दे दिया था.

'नया प्रदेश अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया चल रही है'

गुलाम अहमद मीर ने मंगलवार, 30 जुलाई को कहा कि राज्य इकाई के नए प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने न्यूज एजेंसी PTI से कहा,

"वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा हुई. वो (चौधरी) उस मीटिंग में थे, इसलिए मैंने सभी को सूचित किया कि आपको पता होना चाहिए कि चुनाव के बाद अधीर रंजन जी ने अपना इस्तीफा दे दिया था और आपको 2026 के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर अपने विचार रखने चाहिए."

ये पूछे जाने पर कि क्या अधीर रंजन चौधरी का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है, मीर ने कहा कि केवल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का ऑफिस ही इसकी पुष्टि कर सकता है.

बता दें कि मुर्शिदाबाद जिले की बरहमपुर लोकसभा सीट से लगातार पांच बार (1999 से) सांसद रहे अधीर रंजन चौधरी इस सीट पर 2024 का चुनाव हार गए थे. उन्हें TMC के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान से हार का सामना करना पड़ा.

लोकसभा चुनाव के पहले से ही अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस आलाकमान के बीच मतभेद सामने आने लगे थे. अधीर लगातार पश्चिम बंगाल की सीएम और TMC मुखिया ममता बनर्जी पर हमलावर रहे. वहीं कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय स्तर पर INDIA गठबंधन के तहत ममता के प्रति नरम दिखा. 

TMC ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा का चुनाव भले ही अकेले लड़ा, लेकिन नेशनल लेवल पर INDIA गठबंधन को समर्थन देने की बात कही थी. अधीर रंजन ने इस पर भी ममता पर निशाना साधा था. कहा था कि ममता बनर्जी 'INDIA' ब्लॉक से भागकर BJP से हाथ मिला सकती हैं. अधीर रंजन चौधरी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि ममता INDIA गठबंधन के साथ हैं. वहीं अधीर रंजन चौधरी के लिए खरगे ने ‘बाहर जाने’ की बात तक कह दी थी. 

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