
फोटोशॉप ने लोगों के लिए अपना अजेंडा पूरा करने का काम कितना आसान कर दिया है. देखिए, कैसे इसकी मदद से हार्दिक के गले में माला डाल दी गई है. आप गौर कीजिएगा तो आपको अलग से डाली गई माला का खेल दिख जाएगा.
वायरल पोस्ट में क्या है? एक तस्वीर है. इसमें हार्दिक पटेल बिस्तर पर पड़े हैं. देखकर लगता है कि हार्दिक किसी अस्पताल के बेड पर हैं. उनके पास एक महिला डॉक्टर है. अगल-बगल में अस्पताल के कुछ और लोग भी हैं. हार्दिक की आंखें बंद हैं. उनकी जीभ बाहर की ओर निकली दिखाई दे रही है. तस्वीर के साथ जो मेसेज है, उसके मुताबिक हार्दिक पटेल का निधन हो गया है. 8 सितंबर को दोपहर 2.45 पर उन्होंने आखिरी सांस ली. एक पोस्ट तो ऐसी दिखी, जिसमें किसी न्यूज चैनल का स्क्रीनशॉट लगाया गया है. इसमें हार्दिक पटेल की जगह 'हार्पिक' लिखा हुआ है. कौन सा न्यूज चैनल है, ये भी पता नहीं चल रहा. बस ऊपर लाइव लिखा दिख रहा है. खबर के नीचे जो टिकर है, उसमें रात 11.04 का वक्त है.

ऐसा दिखाया गया है जैसे किसी न्यूज चैनल ने हार्दिक के मरने की खबर चलाई हो. तस्वीर हार्दिक की है, लेकिन नाम में हार्दिक की जगह 'हार्पिक' लिखा है.
सच क्या है? इस खबर से पहले जो आखिरी बात हमने हार्दिक के बारे में सुनी-पढ़ी थी, वो उनकी भूख हड़ताल के बारे में थी. हार्दिक अनशन पर बैठे हैं. पाटीदारों के लिए शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में रिजर्वेशन की मांग लेकर वो अनशन कर रहे हैं. भूख हड़ताल के दौरान उनका वजन घटने-बढ़ने से जुड़ी खबरें भी आईं. फिर ये हुआ कि हार्दिक ने पानी पीना भी छोड़ दिया. डॉक्टरों का कहना था कि उनकी सेहत तेजी से गिर रही है. बेहतर होगा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाए. अब ये उनकी मौत से जुड़ी वायरल खबर नजर आई. खबर कोरी अफवाह है. हार्दिक जिंदा हैं. अभी भी भूख हड़ताल पर ही हैं. पानी पीना छोड़ने के बाद उनकी हालत और खराब हो गई थी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. वहां दो दिन उन्हें भर्ती रखा गया. ये जो वायरल पोस्ट के साथ उनकी तस्वीर घूम रही है, वो अस्पताल की ही है. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बारे में खुद हार्दिक ने भी ट्वीट किया है.
हार्दिक पटेल बिल्कुल ठीक हैं. भूख हड़ताल की वजह से उनकी सेहत खराब है, लेकिन वो ठीक हैं. उन्हें दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रखा गया. 9 सितंबर को वो डिस्चार्ज कर दिए गए. उनका घर मेन सड़क से करीब चार किलोमीटर दूर है. पुलिस ने उनकी ऐम्बुलेंस को वहीं सड़क पर रोक दिया. फिर उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाकर चार किलोमीटर दूर उनके घर ले जाया गया. उनके निधन की खबर जान-बूझकर फैलाई जा रही है. हमें ऐसी अफवाहों को नजरंदाज करना चाहिए. ताकि ऐसा करने वालों को तूल न मिले.

हार्दिक पटेल 7 सितंबर को अहमदाबाद के सोला अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. अस्पताल में उनसे मिलने जो लोग पहुंचे, उनमें शरद यादव भी थे. शरद यादव ने हार्दिक को पानी पिलाया. इसके बाद हार्दिक पानी तो पी रहे हैं, लेकिन भूख हड़ताल अब भी जारी है.
हार्दिक की स्थिति बिगड़ने के बाद कई लोग उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे. इनमें शरद यादव भी शामिल थे. शरद यादव ने पानी पिलाया उनको. उसके बाद हार्दिक पानी तो पी रहे हैं, लेकिन खाना नहीं खा रहे. फिलहाल वो अहमदाबाद स्थित अपने घर पर हैं. हार्दिक के समर्थकों का कहना है कि पुलिस किसी को भी हार्दिक से मिलने नहीं जाने दे रही है. उनके परिवार के करीबी लोगों के अलावा बाकी किसी को भी, यहां तक कि सहयोगियों और मीडियावालों को भी वहां नहीं जाने दिया जा रहा है.
हार्दिक पटेल की रैली में असल में कितनी भीड़ आती है?