देश भर में एयरलाइंस और हेलीकॉप्टर पायलटों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था ALPA-India ने एयर इंडिया क्रैश(Air India Crash) मामले में शुरुआती जांच रिपोर्ट पर एतराज जताया है. संस्था का मानना है कि जांच को एक तय दिशा में ले जाने की कोशिश हो रही है. उसने मांग की है कि जांच पैनल में उसके सदस्यों को भी रखा जाए ताकि जांच पारदर्शी तरीके से हो सके. इसके लिए संस्था कानूनी रास्ते अपनाने पर भी विचार कर रही है.
'पहले ही मान लिया गलती पायलटों की... ' ALPA इंडिया ने पूरी जांच पर ही सवाल उठा दिए
Air India Crash Probe Report: AAIB की तरफ से जारी 15 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि उड़ान भरने कुछ देर के अंदर ही फ्यूल कंट्रोल स्विच 'रन' से बदलकर 'कटऑफ मोड' में ला दिए गए थे. अब पायलटों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था ALPA-India ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं. कई आरोप लगाए हैं.

एयर इंडिया बोइंग 787 प्लेन के क्रैश होने के कारणों का पता लगाने से जुड़ी जांच का जिम्मा Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) को दिया गया है. संस्था ने इस मामले में 15 पन्नों की शुरुआती रिपोर्ट(Air India Crash Preliminary Report) अपनी वेबसाइट पर जारी की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना से कुछ समय पहले ही विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘रन’ स्थिति से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे. स्विच के कटऑफ मोड में जाने का मतलब है इंजन को ईंधन मिलना बंद हो गया है. रिपोर्ट में कॉकपिट में रिकॉर्ड हुई आवाजों का भी जिक्र है.
उसके मुताबिक एक पायलट पूछता है तुमने फ्यूल क्यों बंद किया. इस पर दूसरा पायलट जवाब देता है, मैंने नहीं किया है. हालांकि रिपोर्ट में किसी भी पायलट का नाम नहीं लिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक स्विच को दोबारा चालू भी किया गया, लेकिन सिर्फ एक ही इंजन चालू हो पाया. इतनी देर में प्लेन जमीन पर आ गया और आग में जलकर खाक हो गया.
इस रिपोर्ट के आने के बाद से हल्ला मच गया है. ALPA इंडिया के प्रेसिडेंट सैम थॉमस ने पीटीआई से कहा, ‘AAIB की शुरुआती रिपोर्ट पर किसी के भी दस्तखत नहीं है. हम पारदर्शिता चाहते हैं. हमारी मांग है कि जांच पैनल में हमारे भी सदस्य हों.’
उन्होंने कहा कि उसके सभी सदस्य अपने क्षेत्र के अनुभवी हैं. एयर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच में अहम योगदान दे सकते हैं. जांच पैनल में इसके सदस्यों को भी रखा जाए ये सुनिश्चित करने के लिए संस्था कानूनी रास्ता अपनाने पर भी विचार कर रही है.
ALPA इंडिया ने 12 जुलाई को इस बारे में एक बयान में जारी किया. इसमें कहा गया है, ‘हम एक बार फिर जांच को लेकर बरती जा रही गोपनीयता को देखकर आश्चर्यचकित हैं. हम बार-बार कह रहे हैं कि इस किस्म की बड़ी जांच में दक्ष लोगों को शामिल नहीं किया गया है. हमें लगता है कि पहले ही मान लिया गया है कि गलती पायलटों की रही होगी. इसी राय के साथ जांच हो रही है, जिस पर हमें सख्त एतराज है.’
एयरलाइन पायलट्स असोसिएशन ऑफ इंडिया(ALPA-India) देश में एयरलाइंस और हेलीकॉप्टर कंपनियों के करीबन 800 पायलटों का प्रतिनिधित्व करती है. ये संस्था पायलटों की अंतरराष्ट्रीय संस्था (IFAPLA) का भी हिस्सा है.
ALPA-इंडिया ने 13 जुलाई को कहा कि AAIB की शुरुआती रिपोर्ट से ऐसा लग रहा है जैसे पायलट की गलती रही हो. इस बाबत संस्था के कुछ अधिकारी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से 14 जुलाई को मुलाकात करेंगे.
12 जून की दोपहर करीब डेढ़ बजे एयर इंडिया का विमान 230 यात्रियों, 10 केबिन क्रू और दो पायलटों के साथ अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुआ. कुछ देर की उड़ाने भरने के बाद करीब 40 सेकेंड के अंदर विमान के दोनों इंजन बंद हो गए.
लिहाजा विमान रनवे से लगभग 1.85 किमी की दूरी पर मौजूद बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से जा टकराया. विमान टकराते ही टूट गया और आग लग गई. इस हादसे में एक विमान सवार को छोड़कर कुल 260 लोगों की जान चली गई थी.
वीडियो: एयर इंडिया क्रैश की जांच रिपोर्ट पर क्या बोले नागरिक उड्डयन मंत्री?