समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी की सियासी तकदीर का फैसला 29 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगा. उनकी संसद सदस्यता बची रहेगी या चली जाएगी. यह इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से तय होगा. बीजेपी नेता कृष्णानंद राय हत्याकांड में गैंगस्टर एक्ट के तहत गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट उन्हें पहले ही चार साल की सजा सुना चुकी है. अब अगर हाईकोर्ट सजा बरकरार रखता है तो अफजाल की संसद सदस्यता चली जाएगी. इस मामले में जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच अपना फैसला सुनाएगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर टिका अफजाल अंसारी का सियासी भविष्य, फैसला आने वाला है
Ghazipur से समाजवादी पार्टी के सांसद Afzal Ansari की सजा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट 29 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगी. अगर कोर्ट उनकी सजा बरकरार रखती है तो उनकी संसद सदस्यता रद्द हो जाएगी. और उन्हें सलाखों के पीछे भी जाना पड़ेगा.
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला इसलिए भी अहम है कि अगर अफजाल अंसारी को राहत नहीं मिलती है तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी. और गाजीपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा. जिसमें अफजाल अंसारी खुद हिस्सा नहीं ले सकते. क्योंकि पीपल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत 2 साल से ज्यादा की सजा पाया हुआ कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता. यह उनके लिए दोहरा झटका साबित होगा.
MP/MLA कोर्ट से मिली थी 4 साल की सजा
गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मामले में 29 अप्रैल 2023 को अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी. और एक लाख का जुर्माना लगाया था. जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई. और उन्हें जेल जाना पड़ा. इस फैसले को उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली. लेकिन सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. जिसके बाद अफजाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाते हुए उनकी सांसदी भी बहाल कर दी. और इलाहाबाद हाईकोर्ट को 30 जून से पहले उनकी अपील पर फैसला सुनाने का निर्देश दिया. इसके बाद अफजाल अंसारी गाजीपुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और बीजेपी के पारसनाथ राय को हरा कर जीत दर्ज की. वहीं इस मामले में यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दायर की गई थी. जिसमें उनकी सजा 4 साल से बढ़ाकर 10 साल किए जाने की मांग की गई थी.
29 तारीख का अफजाल अंसारी कनेक्शन
29 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. जिससे अफजाल अंसारी का सियासी भविष्य तय होगा. 29 तारीख पहले भी अफजाल की जिंदगी में कई बड़े बदलावों का गवाह रहा है. अफजाल की जिंदगी का 29 नंबर कनेक्शन जानते हैं.
29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय की हत्या हुई थी. इस हत्याकांड में अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ. गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने इस मामले में उन्हें 29 अप्रैल 2023 को सजा सुनाई थी. उनके छोटे भाई मुख्तार अंसारी जिनकी बांदा जेल में मौत हो गई थी. उनको 29 मार्च 2024 को सुपुर्द-ए-खाक किया गया. और अब गैंगस्टर एक्ट मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला भी 29 जुलाई को आना है.
इसके साथ ही अफजाल अंसारी के साथ एक और इत्तेफाक जुड़ा है. वो पांच बार विधायक और तीन बार सांसद बने हैं. और अफजाल जब-जब सांसद बने हैं उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा.
2004 में पहली बार बने सांसद
अफजाल अंसारी पहली बार 2004 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर से सांसद बने. और 29 नवंबर 2005 को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हो गई. दिसंबर 2005 को अफजाल अंसारी को इस हत्याकांड में साजिश रचने के आरोप में जेल जाना पड़ा.
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2019 में दूसरी बार बने सांसद
2009 में अफजाल अंसारी बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े. लेकिन हार गए. 2014 में कौमी एकता दल के टिकट पर बलिया से चुनाव लड़ें. और फिर से हारे. 2019 में सपा बसपा का गठजोड़ हुआ. और अफजाल अंसारी गाजीपुर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े. और मनोज सिन्हा को हराकर गाजीपुर से दूसरी बार सांसद बनें. दूसरी बार सांसद बनने के 4 साल बाद अप्रैल 2023 में गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 4 साल की सजा सुनाई और अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा.
2024 में अफजाल अंसारी गाजीपुर से तीसरी बार सांसद बने हैं. और अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई तो एक बार फिर से उनको सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है.
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