पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की चार साल बाद पाकिस्तान में वापसी हुई है. 21 अक्टूबर की दोपहर नवाज शरीफ पाकिस्तान लौटे. उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में जनवरी 2024 में चुनाव हो सकते हैं. इससे पहले पाकिस्तान में नवाज शरीफ की वापसी को उनकी पार्टी पाकिस्तान के लिए एक नई उम्मीद बता रही है.
नवाज शरीफ चार साल बाद पाकिस्तान क्यों लौटे हैं?
पाकिस्तान के पूर्व PM नवाज शरीफ साल 2019 में इलाज के लिए पाकिस्तान से लंदन गए थे. उस दौरान उन्हें जेल की सजा मिली हुई थी. मेडिकल ग्राउंड पर जमानत लिया था. तबसे अब जाकर 2023 में उनकी वापसी हुई है.

PML-N के वरिष्ठ नेता ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा,
"यह उम्मीद और जश्न का समय है. उनकी (नवाज शरीफ) वापसी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और उसके लोगों के लिए अच्छा संकेत है."
नवाज शरीफ ने 21 अक्टूबर को 'उम्मीद-ए-पाकिस्तान' चार्टर्ड विमान से दुबई से इस्लामाबाद के लिए दोपहर डेढ़ बजे उड़ान भरी. दुबई एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि उनकी पार्टी आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को मौजूदा हालात से बाहर निकालने में सक्षम है.
नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के आरोपबता दें कि नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने जा चुके हैं. वो 2013 में तीसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए थे. हालांकि, 2016 में पनामा पेपर लीक मामले से उनकी मुश्किलें बढ़ गईं. 2017 में उनका PM पद चला गया. अल-अजीजिया चीनी मिल और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार के मामलों में नवाज शरीफ का नाम आया.
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शरीफ नवंबर 2019 में अल-अजीजिया शुगर मिल भ्रष्टाचार केस में अपनी 7 साल जेल की सजा के बीच 'मेडिकल ग्राउंड' पर लंदन गए. कोर्ट ने उन्हें इलाज के लिए कुछ हफ्ते की जमानत दी थी, इसके बाद उन्हें वापस पाकिस्तान आना था. हालांकि, वो कोर्ट के दिए समय पर वापस नहीं आए. नवाज शरीफ को अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराया गया था. वहीं तोशाखाना वाहन मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था.
वापसी से पहले मांगी प्रोटेक्टिव बेलअब 2023 में पाकिस्तान वापसी से पहले नवाज शरीफ के वकीलों ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में प्रोटेक्टिव जमानत याचिका दायर की. याचिका में अपील की गई कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट अधिकारियों को निर्देश दे कि उन्हें एयरपोर्ट पर गिरफ्तार ना किया जाए. इसमें कहा गया था कि नवाज स्वास्थ्य समस्याओं के कारण समय पर नहीं आ सके थे और कोविड-19 महामारी के कारण उनकी सेहत से जुड़ी समस्या और बढ़ गई थी.
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने शरीफ को 24 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षात्मक जमानत दी है, जिससे देश में वापस आने पर तुरंत उनकी गिरफ्तारी का खतरा खत्म हो गया. इस्लामाबाद पहुंचने पर नवाज शरीफ की लीगल टीम ने उनसे मुलाकात की और 19 अक्टूबर को कोर्ट से मिली जमानत प्रक्रिया के तहत कुछ डॉक्यूमेंट पर उनके साइन लिए.
नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी को फौज से समझौते का नतीजा बताया जा रहा है. न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक राजनीतिक विश्लेषक जाहिद हुसैन ने कहा कि फौज और नवाज की पार्टी के बीच समझौते के तहत ही नवाज शरीफ की वापसी संभव हो पाई है.