The Lallantop

'ईसाई खतरे में हैं...', किस देश के मुसलमानों पर ट्रंप ने नरसंहार का आरोप लगा दिया?

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वह दुनियाभर में ईसाई आबादी को बचाने के लिए सक्षम हैं.

Advertisement
post-main-image
डॉनल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट ट्रुथ पर पोस्ट लिख मुद्दा उठाया. (फोटो- AP)

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का दावा है कि नाइजीरिया में ईसाई 'अस्तित्व के खतरे' का सामना कर रहे हैं. उन्होंने इस देश के मुसलमानों पर ‘सामूहिक नरसंहार’ करने का आरोप लगाया. साथ ही, अमेरिकी सांसदों से इसकी जांच करने की अपील भी कर दी. ट्रंप ने ये भी कहा कि वो दुनियाभर में ‘अपनी महान ईसाई आबादी को बचाने के लिए तैयार, इच्छुक और सक्षम हैं.’

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार, 31 अक्तूबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट में नाइजीरिया को ‘विशेष परिस्थिति वाला देश’ (COUNTRY OF PARTICULAR CONCERN) करार दिया. पोस्ट में मुस्लिम और ईसाई समुदायों के बीच हिंसा को उजागर किया गया. साथ ही, नाइजीरिया में ईसाई अल्पसंख्यकों के ‘उत्पीड़न के लिए कट्टरपंथी मुसलमानों’ को जिम्मेदार ठहराया. ट्रंप ने पोस्ट में आगे लिखा,

जब ईसाइयों या ऐसे किसी भी समूह का (नाइजीरिया में) कत्लेआम हो रहा है, तो कुछ तो करना ही होगा!… मैं कांग्रेस सदस्य रिले मूर, चेयरमैन टॉम कोल और सदन की विनियोग समिति से अपील करता हूं कि वे तुरंत इस मामले की जांच करें और मुझे रिपोर्ट करें.

Advertisement

ट्रंप की इस बात से शक जताया गया कि अफ्रीकी राष्ट्र को विदेश विभाग की ‘स्पेशल कन्सर्न वाले देशों’ की लिस्ट में जोड़ा जाएगा. आलोचकों ने चेतावनी दी कि इससे भविष्य में प्रतिबंधों का रास्ता खुल सकता है.

अलजज़ीरा की खबर के मुताबिक, 1998 में अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए एक एक्ट लाया गया था. इसके तहत धार्मिक उत्पीड़न की निगरानी करने और इसको खत्म की वकालत करने के लिए ‘स्पेशल कन्सर्न वाले देश’ की कैटिगरी बनाई. लेकिन ये लेबल आमतौर पर अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग और विदेश विभाग के जानकारों की सिफारिश पर दिया जाता है.

ट्रंप ने अपने पोस्ट में जोर देकर कहा कि नाइजीरिया और अन्य देशों में इस तरह के ‘अत्याचार’ होते हुए भी अमेरिका चुप नहीं बैठेगा. उन्होंने कहा,

Advertisement

हम दुनिया भर में अपनी महान ईसाई आबादी को बचाने के लिए तैयार, इच्छुक और सक्षम हैं!

बताते चलें, नाइजीरिया अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. महाद्वीप के पश्चिमी तट पर बसे इस देश की दक्षिणी सीमा ‘गिनी की खाड़ी’ से लगती है. इसके पड़ोसियों में बेनिन, चाड, कैमरून और नाइजर का नाम आता है. नाइजीरिया की आबादी लगभग 22 करोड़ है. वहां दो धर्मों का दबदबा है. लगभग 53 प्रतिशत आबादी इस्लाम (ज्यादातर उत्तरी इलाके में), जबकि 46 प्रतिशत के आसपास लोग ईसाई धर्म (दक्षिणी इलाके में) को मानते हैं. उनके बीच दशकों से जातीय संघर्ष चलता आया है.

ये भी पढ़ें- नाइजीरिया में अपराध इतना फलता-फूलता क्यों है?

हालांकि, जानकार इसे कहानी का सिर्फ एक पक्ष मानते हैं. उनका कहना है कि देश में संघर्ष का कारण केवल धार्मिक मतभेद नहीं है. इसका पूर्वोत्तर क्षेत्र 15 सालों से ज्यादा समय से इस्लामी बोको हराम ग्रुप की हिंसा की चपेट में है, जिसने 40,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और 20 लाख लोगों को विस्थापित कर दिया है.

वीडियो: दुनियादारी: बोको हराम वाले नाइजीरिया में नौजवान लोग अपहरण के धंधे में क्यों शामिल हो रहे हैं?

Advertisement