क्या हुआ? कब हुआ? क्यों हुआ? ये हादसा हुआ डॉक्टर आतिफ रब्बानी के साथ. आतिफ लखनऊ के रहने वाले हैं. फिलवक़्त बी आर आंबेडकर यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर में डेप्युटी रजिस्ट्रार की पोस्ट पर हैं. इकॉनमिक्स के प्रफेसर भी हैं. आतिफ के साथ 9 फरवरी को यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर ये घटना हुई. सुबह के तकरीबन 10 बजे वो यूनिवर्सिटी के अंदर अपने ऑफिस जा रहे थे. उनका आरोप है कि वहां कुछ लड़के सरस्वती पूजा के नाम पर आने-जाने वालों से चंदा इकट्ठा कर रहे थे. इन लड़कों ने आतिफ को भी रोका. आतिफ पहले ही चंदा दे चुके थे. मगर ये लड़के और चंदा मांग रहे थे. आतिफ ने इनकार किया, तो उन्होंने आतिफ को गालियां दीं. फिर दौड़ाकर पीटा.
पूर्व JNU स्कॉलर और वर्तमान में बी.आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय मुज़फ्फ़रपुर (बिहार) के Deputy Registrar प्रोफेसर आतिफ़...
Posted by Tara Shanker
on Saturday, February 9, 2019
मैंने उनको बताया कि मैंने पूर्व में ही चंदा दे दिया है. तो वे लोग धमकी देते हुए अभद्र गाली-गलौज करने लगे. मेरे द्वारा बार-बार आग्रह करने पर भी वो नहीं माने और उन्होंने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी. उनसे किसी तरह बचकर मैं ऑडिटोरियम गेट के रास्ते बाहर निकलने की कोशिश करने लगा, परंतु ऑडिटोरियम स्थित पार्किंग एरिया में इन्होंने मुझे पकड़कर मेरे साथ पुन: मारपीट शुरू कर दी.
वहां से किसी तरह निकलकर मैं कुलचसिव आवास की तरफ भागने लगा. वे लड़के मुझे कुलचसिव आवास की मोड़ तक खदेड़ते रहे. संयोगवश उसी वक्त कुलसचिव महोदल अपने आवास से कार्यालय की ओर आ रहे थे. कुलसचिव महोदय ने जब लड़कों को मुझे खदेड़ते हुए देखा, तो वे लड़कों की ओर दौड़ पड़े. उनको अपनी ओर आता देख सभी लड़के छात्रावास की ओर भाग खड़े हुए.

ये प्रफेसर आतिफ रब्बानी की वो शिकायत है, जिसके आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज़ की. इसमें प्रफेसर रब्बानी ने पूरा घटनाक्रम बताया है.
यूनिवर्सिटी ने भी FIR लिखवाई है आतिफ ने लिखा है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में लगे CCTV फुटेज से इन लड़कों की पहचान की जा सकती है. इसके अलावा वो खुद भी उनकी पहचान कर सकते हैं. आतिफ की शिकायत पर यूनिवर्सिटी थाने में FIR लिख ली गई है. आतिफ के अलावा एक FIR यूनिवर्सिटी की तरफ से भी दर्ज़ करवाई गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने आतिफ को आश्वासन दिया है. कि दोषी लड़कों की पहचान के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस ने क्या बताया? यूनिवर्सिटी कैंपस थाने के प्रभारी राम नाथ प्रसाद से हमारी बात हुई. उन्होंने बताया कि चंदे की वजह से मारपीट या तनाव की पहली घटना नहीं है ये. पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस फिलहाल आरोपियों की पहचान में जुटी है. घटना के बारे में पूछे जाने पर थाना प्रभारी ने बताया. कि मारपीट से पहले आतिफ रब्बानी की उन लड़कों के साथ बहस हुई थी. आतिफ ने उन लड़कों के बार-बार चंदा मांगने पर आपत्ति जताई थी. इससे लड़के तैश में आ गए. और उन्होंने अपनी ही यूनिवर्सिटी के डेप्युटी रजिस्ट्रार को दौड़ा-दौड़ाकर पीट दिया.
रसीद बुक में पहले ही आपके चंदे की रकम भर दी जाती है अगर आप किसी बड़े शहर के रहने वाले हों, तो शायद नहीं जानते होंगे. छोटे शहरों, खासतौर पर हिंदी पट्टी में कई त्योहार होते हैं जहां लड़के ग्रुप बनाकर चंदा इकट्ठा करते हैं. घर-घर जाकर. कौन क्या करता है, किस पोस्ट पर है, अंदाजन कितना कमाता होगा, ये सारा अनुमान अपनी तरफ से लगा लेते हैं. फिर रसीद बुक में अपनी मर्ज़ी से एक रकम भर देते हैं. आपको पर्ची थमा दी जाती है. और फिर लड़कों के खौफ से लोगों को उतना चंदा देना पड़ता है. आप चंदा देना चाहते हैं कि नहीं, कितना देना चाहते हैं, इस बात से कोई मतलब नहीं रहता उन्हें.
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