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उदयपुर हत्याकांड पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने अशोक गहलोत को ही घेर लिया!

राजस्थान के उदयपुर ज़िले में कन्हैयालाल नाम के व्यक्ति की हत्या पर बीजेपी नेताओं ने क्या कहा?

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बाएं से दाएं- आचार्य प्रमोद, मृतक कन्हैयालाल, अशोक गहलोत. (फोटो- इंडिया टुडे)

राजस्थान के उदयपुर ज़िले का कन्हैयालाल हत्याकांड बड़ा सियासी रूप लेता जा रहा है. नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गए हैं. लेकिन कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने तो अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री को सवालों के घेरे में ले लिया. हत्या की खबर सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर घटना की निंदा की थी. उसके जवाब में आचार्य प्रमोद ने उन्हें ट्वीट कर लिखा,

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‘धमकी मिलने के बावजूद भी कन्हैया को सुरक्षा उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई, क़ातिलों के साथ साथ पुलिस प्रशासन भी बराबर का दोषी है. SSP, DIG के ख़िलाफ़ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई, क्या राजस्थान में सरकार का इक़बाल बिल्कुल ख़त्म हो गया है?’

बीजेपी नेताओं ने क्या कहा?

वहीं राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की बात करें तो बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर हत्यारों को सख्त सजा देने की मांग की है. उन्होंने लिखा,

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‘उदयपुर के एक सीधे-सादे नागरिक की बर्बरता से हत्या और आरोपियों द्वारा वीडियो बनाकर अपराध स्वीकारना बताता है कि तुष्टिकरण सीमाएं लांघ जाएं तो वातावरण खूनी वैमनस्य का शिकार हो जाता है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत को अनदेखा किया, जिसका वीभत्स परिणाम सामने है. ये वारदात सभ्य समाज को भयग्रस्त करने की साजिश का हिस्सा है, गहलोतजी सपाटबयानी कर पल्ला नहीं झाड़ सकते. उनकी जिम्मेदारी है प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित महसूस कराना और उन कारणों पर रोक लगाना जिनसे इस तर्ज के अपराध और अपराधी पनप रहे हैं. अपनी एकांगी नीतियों की वजह से राज्य सरकार वैसे भी कटघरे में खड़ी है.’

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत सरकार पर मृतक को सुरक्षा न देने का आरोप लगाया है. उन्होंने एक बयान में कहा, 

‘17 जून को वीडियो में दिखने वाले लोगों ने कन्हैया लाल को धमकी दी थी, जिसके बाद उसने पुलिस से सुरक्षा भी मांगी थी. लेकिन उसे सुरक्षा न मिलना सरकार की लापरवाही को दर्शाता है. राजस्थान में हिन्दुओं पर हमले और हत्याएं अशोक गहलोत की तुष्टिकरण की नीति का ही नतीजा है. ये किसी एक व्यक्ति के बस की बात नहीं है, प्रदेश में PFI और कुछ आतंकी गुटों को कांग्रेस का संरक्षण मिला है. वो सही नहीं है. अब देखना है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है.’

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इसके अलावा सतीश पूनिया ने ट्वीट कर लिखा, 

‘उदयपुर में आज की घटना ये प्रमाणित करती है कि कांग्रेस के अशोक गहलोत के शासन में हिंदू कहीं भी सुरक्षित नहीं है. मुख्यमंत्री और कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति का ही परिणाम है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और क़ानून का भय समाप्त हो गया है.’

राजस्थान में बीजेपी के एक और बड़े नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि ये किसी एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता है, इसके पीछे कोई बड़ा संगठन हो सकता है. कटारिया ने कहा कि एक विचारधारा के तहत ये मर्डर किया गया है. एक ट्वीट में कटारिया ने कहा कि वे जल्दी ही उदयपुर पहुंचने वाले हैं.

चलते-चलते बता दें कि इस निर्मम हत्या के बाद उदयपुर में माहौल तनावपूर्ण हो गया है. इसके चलते पूरे राजस्थान में धारा 144 लगा दी गई है.

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