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बेटे की चाहत में पत्नी के साथ की शर्मनाक हरकत

उसने दम बाद में तोड़ा, हौसला पहले ही टूट चुका था.

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फोटो - thelallantop
बेटा कुलदीपक होता है. उससे वंश चलता है. बुढ़ापे का सहारा. मां-बाप की लाठी. बेटियां तो पराया धन हैं. उन्हें 'अपने' घर जाना है. ऐसी बातें अपने देश में आम हैं. आज भी दादी-नानियां लड़कियों को आशीर्वाद देती हैं, 'दूधो नहाओ, पूतो फलो'. कितना नॉर्मल लगता है कहना कि 'बच्चा होने वाला है'. क्यों नहीं कहते, 'बच्ची होने वाली है'. बेटे की चाहत में बीवी को छोड़ देना, मार देना, दूसरी शादी, तांत्रिक-बाबाओं के पास चक्कर लगाना, ये सब रोज़ की ख़बरें हैं भारत में. लेकिन ऐसा मानसिक दिवालियापन सिर्फ अपने देश तक सीमित नहीं है. चीन में भी ऐसा 'मर्द' मिला है जिसे बच्चे के तौर पर सिर्फ 'मर्द' चाहिए.
चीन में एक आदमी ने बेटे की चाहत में अपनी बीवी के चार अबॉर्शन कराए. एक साल में. बार-बार अबॉर्शन कराने से बेटा तो होता नहीं. जब बीवी ने बिस्तर पकड़ लिया तो उसे छोड़ दिया. औरत ये सब झेल नहीं पाई. मर गई. अब औरत के घर वाले न्याय मांग रहे हैं.
चीन की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, युयु की एक बेटी है. उसके पति ने कहा कि जब तक प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड में लड़की दिखती रहे तब तक अबॉर्शन कराती रहो. पति का नाम पता नहीं चल सका. जब चार अबॉर्शन के बाद युयु की सेहत बहुत खराब हो गई तो पति ने तलाकनामा भेज दिया.
पति के तलाकनामा भेजने पर युयु परेशान हो गई. सेटेलमेंट और अपना इलाज कराने के लिए उसने पति से 170,000 युआन लिए. लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए. युयु की मां और उसके घरवाले युयु की अस्थियां उसके पति के घर से ले आए हैं और न्याय चाहते हैं. युयु की मां अपनी बेटी की मौत से सदमे में हैं और व्हीलचेयर पर रहने को मजबूर हैं. वो अपने साथ युयु की चार साल की बेटी को भी ले आए हैं. वो आदमी परिवार से मिलने को भी तैयार नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक वो दूसरी शादी करने के लिए नई कार खरीदने वाला है. लोग युयु की मौत के लिए उसे ज़िम्मेदार मान रहे हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है. सोशल साइट पर कई तरह के कमेंट आ रहे हैं.
एक यूज़र ने लिखा है कि क्या वो आदमी कोई राजा है? बेटा होने में ऐसा क्या अच्छा है. दूसरे ने लिखा है कि अगर उस आदमी की 18 शादी भी करा दी जाएं तो भी उसे बेटा नहीं होगा.
युयु के परिवार वाले कर रहे न्याय की मांग. फोटो- डेली मेल.
युयु के परिवार वाले कर रहे न्याय की मांग. फोटो- डेली मेल.

चीन में बर्थ पॉलिसी

2015 तक चीन में एक बेबी ही कर सकते थे. क्योंकि यहां की जनसंख्या बहुत ज़्यादा है. लेकिन इसके बाद दो बच्चों को मंजूरी मिल गई. इसीलिए यहां अबॉर्शन वैध हैं. लेकिन जेंडर को ध्यान में रखते हुए किए गए अबॉर्शन वैध नहीं हैं. 2001 में चीन का सेक्स रेशियो 100 लड़कियों पर 117 लड़के था. इसके बाद चीन सरकार ने सख्ती की और सेक्स-सेलेक्टिव अबॉर्शन पर रोक लगी. इसके लिए कड़ी सजा का भी प्रावधान है लेकिन फिर भी ये काम जारी है. लोग मोटी फ़ीस देकर प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स जानने की कोशिश करते हैं.
समझ नहीं आता लोगों के दिमाग की ये 'बीमारी' कब ख़त्म होगी. क्या है इसका इलाज. लड़कियों ने हर क्षेत्र में ख़ुद को बेहतर साबित किया है. चाहे वो करियर हो या मां-बाप की देखभाल का मामला हो. लेकिन फिर भी लोग बेटे का मोह नहीं छोड़ पा रहे. ये कैसी कुंद सोच है जिसमें किसी तरह की रोशनी काम नहीं कर रही. कुछ दिन पहले एक ख़बर ये भी आई थी कि एक महिला ने गर्भ में बेटा होने पर अबॉर्शन करा लिया था क्योंकि उसे बेटी चाहिए थी. हम इसे भी गलत मानते हैं. भेदभाव किसी भी तरह का हो वो गलत ही होगा. हम आंख के बदले आंख पर भरोसा नहीं करते.


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