The Lallantop

'दलाई लामा... भारत से रिश्तों में कांटा', जयशंकर के दौरे से पहले चीन का तीखा बयान

India और China के बीच साल 2020 के सैन्य टकराव के बाद यह किसी Indian foreign minister का पहला चीनी दौरा है. लेकिन इससे पहले दलाई लामा के उत्तराधिकार पर चीन का बयान आया है.

Advertisement
post-main-image
6 जुलाई को दलाई लामा का जन्मोत्सव मनाया गया. (Reuters)

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) चीन (China) के दौरे पर जाने वाले हैं. साल 2020 में गलवान में हुई झड़प के बाद से ये भारतीय विदेश मंत्री का पहला बीजिंग दौरा है. इस दौरे से ठीक पहले चीन ने दलाई लामा (Dalai Lama) के उत्तराधिकार को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बीजिंग ने इस मुद्दे को भारत-चीन संबंधों के बीच एक 'कांटा' करार दिया है.

Advertisement

नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी कर कहा,

भारत को शिजांग (तिब्बत) से जुड़ी संवेदनशीलता को गंभीरता से समझना चाहिए. कुछ रक्षा विशेषज्ञों और एकेडमिक लोगों ने दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर गलत बयान दिए हैं. इन लोगों ने भारत सरकार से विपरीत स्टैंड लिया है. दलाई लामा का उत्तराधिकार और पुनर्जन्म का विषय पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है, इसमें किसी भी बाहरी हस्तक्षेप की कोई जगह नहीं है.

Advertisement

यू जिंग ने आगे लिखा कि तिब्बत से जुड़ा यह मुद्दा भारत-चीन संबंधों में एक 'कांटे' जैसा है. और भारत के लिए यह बोझ बन गया है. अगर भारत 'तिब्बत कार्ड' खेलेगा तो खुद का ही नुकसान करेगा.

दलाई लामा का जन्मोत्सव और बयान

इसी महीने 6 जुलाई को भारत के धर्मशाला में दलाई लामा का 90वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया. इसमें उनके हजारों अनुयायियों और दुनिया के कई नामी सेलिब्रिटीज के अलावा भारत सरकार के वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में दलाई लामा ने कहा,

 उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, यह तय करने में चीन की कोई भूमिका नहीं है. तिब्बती बौद्ध मानते हैं कि किसी भी वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु की आत्मा मरने के बाद दोबारा जन्म लेती है. 

Advertisement

दूसरी तरफ चीन इस बात पर अड़ा है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी वही तय करेगा.

किरेन रिजिजू के बयान से भड़का चीन

दलाई लामा के जन्मोत्सव में उनके साथ भारत के संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी बैठे थे. उन्होंने कहा कि एक बौद्ध अनुयायी होने के नाते वो मानते हैं कि दलाई लामा के पुनर्जन्म पर फैसला करने का अधिकार सिर्फ उन्हें और उनके कार्यालय को है. वहीं दलाई लामा के जन्मदिन से दो दिन पहले 4 जुलाई को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था,

 आस्था, श्रद्धा या धर्म से जुड़े विषयों पर वह ना तो कोई रुख लेता है और ना ही बोलता है.

दलाई लामा साल 1959 से भारत में रह रहे हैं. उन्हें तिब्बत में चीनी शासन के खिलाफ नाकाम विद्रोह के बाद भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी. भारत में लगभग 70 हजार तिब्बती रहते हैं. औ यहां से उनकी निर्वासित सरकार भी काम करती है.

ये भी पढ़ें - दलाई लामा विवाद पर अब भारत ने कहा- 'हम धार्मिक प्रथाओं में पक्ष नहीं लेते', चीन ने आपत्ति जताई थी

जयशंकर का चीन दौरा

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 15 जुलाई को उत्तरी चीन के थियानचिन में शंघाई सहयोग संगठन के तहत क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़ी एक बैठक में हिस्सा लेंगे. इस मौके पर वो द्विपक्षीय बैठकों में भी भाग लेंगे. 

भारत और चीन के बीच साल 2020 के सैन्य टकराव के बाद यह किसी भारतीय विदेश मंत्री का पहला चीनी दौरा है. गलवान घाटी में हुए इस टकराव में भारत के 20 और चीन के कम से कम चार सैनिक मारे गए थे.

पिछले महीने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन में चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात की थी. वह शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने चीन गए थे. हालांकि इस बैठक में भारत ने साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, क्योंकि इसमें पहलगाम हमले का जिक्र नहीं था.

वीडियो: किताबवाला: दलाई लामा की ये कहानी छिपाकर क्यों रखी गई?

Advertisement