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दलाई लामा विवाद पर अब भारत ने कहा- 'हम धार्मिक प्रथाओं में पक्ष नहीं लेते', चीन ने आपत्ति जताई थी

China नहीं चाहता कि Dalai Lama या उनकी संस्था अगले उत्तराधिकारी को खुद चुनें. Tibet पर चीन पर कंट्रोल है. इसलिए चीन ही अगले दलाई लामा का चुनाव करना चाहता है. यही वजह है कि चीन ने India को 'सावधानी' बरतने के लिए कहा था.

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Dalai Lama Kiren Rijiju, Dalai Lama, Kiren Rijiju
दलाई लामा (सबसे बाएं) 6 जुलाई को अपना 90वां जन्मदिन मनाएंगे. (PTI)
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मौ. जिशान
5 जुलाई 2025 (Updated: 5 जुलाई 2025, 08:19 PM IST) कॉमेंट्स
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अगले दलाई लामा के चुनाव को लेकर भारत सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने साफ कर दिया है कि भारत सरकार किसी धर्म से जुड़े मामलों में कोई राय नहीं रखती. यह बयान चीन की आपत्ति के बाद आया, जिसमें उसने भारत के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के दलाई लामा पर दिए बयान की आलोचना की थी. हालांकि, अब भारत ने इस पूरे मामले में अपनी स्थिति को स्पष्ट कर दिया है.

किरेन रिजिजू के बयान के बाद चीन ने आरोप लगाया था कि भारत उसके अंदरूनी मामलों में दखल दे रहा है. विदेश मंत्रालय ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने शुक्रवार, 4 जुलाई को कहा,

"हमने दलाई लामा को लेकर दिए गए बयान की खबरें देखी हैं. भारत सरकार आस्था और धर्म से जुड़ी मान्यताओं और प्रथाओं के मामलों में कोई पक्ष नहीं लेती और ना ही इन पर कोई टिप्पणी करती है. सरकार भारत में सभी के लिए धर्म की स्वतंत्रता का हमेशा समर्थन करती रही है और आगे भी करती रहेगी."

चीन को क्या दिक्कत है?

चीन नहीं चाहता कि दलाई लामा या उनकी बनाई संस्था अगले उत्तराधिकारी को खुद चुनें. तिब्बत पर चीन का कंट्रोल है. इसलिए चीन ही अगले दलाई लामा का चुनाव करना चाहता है. यही वजह है कि चीन ने भारत को 'सावधानी' बरतने के लिए कहा था.

शुक्रवार, 4 जुलाई को बीजिंग में मीडिया से बात करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा,

"भारत को 14वें दलाई लामा के चीन विरोधी रवैये को समझना चाहिए और तिब्बत (जिसे चीन 'शिजांग' कहता है) से जुड़े मामलों में अपने वादों का सम्मान करना चाहिए. भारत को अपने शब्दों और कामों में सावधानी बरतनी चाहिए ताकि दोनों देशों के रिश्तों पर असर न पड़े."

किरेन रिजिजू ने क्या कहा था?

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू खुद बौद्ध धर्म को मानते हैं. उन्होंने गुरुवार, 3 जुलाई को कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर फैसला सिर्फ उन्हीं की मान्यता प्राप्त संस्था और स्वयं दलाई लामा द्वारा लिया जाएगा, किसी और को यह अधिकार नहीं है.

जब शुक्रवार, 4 जुलाई को केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू से मीडिया ने चीन की आपत्ति पर सवाल किया, तो उन्होंने कहा,

"दलाई लामा मुद्दे को लेकर हमें कंफ्यूजन में रहने का जरुरत नहीं है. दलाई लामा जी, पूरे विश्व में जितना बौद्ध धर्म मानने वाले लोग हैं और जो दलाई लामा जी को जो मानते हैं, उन सबकी इच्छा है कि दलाई लामा जी अपना तय करेंगे. भारत सरकार या मुझे अलग से कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है. चीन के स्टेटमेंट पर मुझे कोई रिएक्शन नहीं देना है. मैं एक अनुयायी के तौर पर बोल रहा हूं, मैं एक डिवोटी (भक्त) हूं.”

दलाई लामा का 90वां जन्मदिन

मौजूदा दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो 6 जुलाई को अपना 90वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं. ये कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में होगा, जहां तिब्बत की निर्वासित सरकार का मुख्यालय है. इस मौके पर भारत सरकार की तरफ से किरेन रिजिजू और राजीव रंजन सिंह इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.

भारत और चीन के बीच कूटनीतिक गतिविधियां भी तेज होने वाली हैं. दी हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर 13 जुलाई को चीन जाएंगे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेंगे. वहीं, चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी इस महीने भारत आ सकते हैं. यहां उनकी सीमा विवाद पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत होगी.

वीडियो: 'चीन ने पाकिस्तान को लाइव इनपुट दिए...', सेना के बड़े अधिकारी ने सब बता दिया

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