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PM ट्रूडो के लोग भारत में कमरे के लिए लड़े थे? G20 के दौरान ये कांड भी हुआ था

G20 में शामिल होने जिस दिन कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत आये थे, उस दिन दिल्ली के होटल में बड़ा ड्रामा हुआ था. आखिर हुआ क्या था?

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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो भी G20 समिट में आए थे और दिल्ली के ललित होटल में रुके थे | फाइल फोटो: आजतक

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत और कनाडा के बीच टेंशन हो गई है. जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या का आरोप भारत सरकार पर लगा दिया. दो हफ्ते पहले ही जस्टिन ट्रूडो इंडिया आए थे. उनका आना हुआ था G20 समिट के चलते. अब G20 से जुड़ी एक ऐसी जानकारी सामने आई है, जो काफी चौंकाने वाली है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक G20 समिट में आए राष्ट्राध्यक्षों के ठहरने के लिए भारत सरकार ने फाइव स्टार होटल में स्पेशल सुइट्स (कमरों) की व्यवस्था की थी. लेकिन, जस्टिन ट्रूडो ने स्पेशल सुइट में रुकने से मना कर दिया. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली आए ट्रूडो पांच दिन तक फाइव स्टार होटल के साधारण रूम में रुके.

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उस दिन होटल में क्या हुआ था?

G20 समिट में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली टीम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल दिल्ली के ललित होटल में जस्टिन ट्रूडो को ठहरना था. वहां पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक की मोटी परत के साथ बुलेटप्रूफ ग्लास लगाया गया था. ये एक ऐसा सुरक्षा कवच था जिसे स्नाइपर की गोलियां भी भेद नहीं सकती थीं. सुरक्षा से जुड़े कई और भी अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए थे. कुल मिलाकर जस्टिन ट्रूडो की सुरक्षा फुलप्रूफ थी.

सूत्रों के मुताबिक बढ़िया सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी कनाडा के अधिकारियों ने स्पेशल सुइट में अपने पीएम को ठहराने से इंकार कर दिया. इसके बजाय उन्होंने उसी होटल के एक सामान्य कमरे का चयन किया. बताया जाता है कि कनाडा के अधिकारियों के इस फैसले से भारतीय सुरक्षा अधिकारी सन्न रह गए. अगले कुछ घंटों तक भारत और कनाडा के अधिकारियों के बीच इस मसले पर काफी बातचीत हुई. भारतीय अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि जस्टिन ट्रूडो की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए. हालांकि, कनाडाई पक्ष के न मानने के बाद उन्हें पीछे हटना पड़ा और फिर ट्रूडो को एक सामान्य कमरे में ही ठहराया गया. बताते हैं कि भारतीय पक्ष को ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि ऐसे मामलों में अंतिम फैसला बाहर से आए मेहमान और उनके दूतावास को ही लेना होता है.

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दिल्ली का ललित होटल

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक सूत्रों का ऐसा अनुमान है कि उस समय जस्टिन ट्रूडो अपनी सुरक्षा टीम के निर्देशों का पालन कर रहे थे. शायद उनकी टीम को दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के चलते उनकी सुरक्षा को लेकर ज्यादा ही चिंता सता रही थी. जबकि चिंता करने की कोई बात नहीं थी.

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा जाते ही बम फोड़ दिया! 

ऐसा कहा जाता है कि G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने भारत आए जस्टिन ट्रूडो को दूसरे नेताओं की तरह खास तवज्जो नहीं मिली थी. वो 8 सितंबर को भारत आए थे और 10 सितंबर को उनकी कनाडा वापसी थी. लेकिन उनका प्लेन खराब होने की वजह से ट्रूडो को 2 दिन और भारत में रुकना पड़ा था. ट्रूडो 12 सितंबर को वापस लौटे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्लेन खराब होने की वजह से ट्रूडो काफी असहज हो गए थे, वो 11 सितंबर को ललित होटल के अपने कमरे से बाहर तक नहीं निकले.

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फिर यहां से जाने के कुछ रोज बाद ही उन्होंने भारत पर काफी बड़े इल्जाम लगा दिए. इसी साल 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कनाडा के सरे इलाके में हुई थी. इसे लेकर बीते सोमवार (18 सितंबर) को जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या को भारत सरकार से जोड़ दिया. कहा कि कनाडा की एजेंसी को निज्जर की हत्या में भारत की संभावित भूमिका के बारे में पता चला है. यही नहीं, इसके बाद कनाडा की विदेश मंत्री ने जानकारी दी कि इस मुद्दे पर उनकी सरकार ने एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित भी कर दिया है.

इधर भारत ने कनाडाई प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के इन बयानों को पूरी तरह खारिज किया. भारत सरकार ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए एक कनाडाई डिप्लोमैट को अगले 5 दिन के अंदर भारत से निकल जाने का आदेश दे दिया.

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