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हिंदुजा ग्रुप के मालिक को जेल की सजा, घर में काम करने वालों का शोषण करने का आरोप

ब्रिटेन के हिंदुजा परिवार को घर में काम करने वालो के शोषण के आरोप में सजा सुनाई गई है. स्विट्जरलैंड की एक अदालत ने प्रकाश हिंदुजा और उनकी पत्नी कमल हिंदुजा और उनके बेटे अजय और बहू नम्रता हिंदुजा को शोषण और अवैध तरीके से रोजगार देने का दोषी पाया है.

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हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को जेल की सजा हुई है.

ब्रिटेन के सबसे अमीर हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को स्विट्जरलैंड की एक अदालत ने जेल की सजा सुनाई है. अदालत ने इन्हें अपने घर में काम करने वाले सहायकों के शोषण के मामले में दोषी पाया गया है. ये लोग जेनेवा स्थित अपने विला में काम करने के लिए भारत से कुछ कर्मचारियों को लाए थे.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने प्रकाश हिंदुजा और उनकी पत्नी कमल हिंदुजा और उनके बेटे अजय और बहू नम्रता हिंदुजा को शोषण और अवैध तरीके से रोजगार देने का दोषी पाया है. स्विस कोर्ट ने प्रकाश और कमल हिंदुजा को साढ़े चार साल और अजय और नम्रता हिंदुजा को चार-चार साल की सजा सुनाई है. इन पर मानव तस्करी का भी आरोप लगाया गया था. जिससे कोर्ट ने इनको बरी कर दिया है.

हिंदुजा परिवार की तरफ से कोर्ट में केस लड़ रहे वकीलों का कहना है कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे. इस फैसले के वक्त हिंदुजा परिवार का कोई भी सदस्य कोर्ट में मौजूद नहीं था. नम्रता हिंदुजा के वकील रोमेन जॉर्डन ने कोर्ट को बताया कि कमल हिंदुजा गंभीर रूप से बीमार हैं. इसलिए अजय और नम्रता को उनके पास रहना होगा.

भारत से ले जाए गए लोगों का आरोप था कि हिंदुजा परिवार उनसे दिन में 18 घंटे काम लेता है. और बदले में सिर्फ सात पाउंड का भुगतान करता है. जबकि स्विस कानून के मुताबिक इसके लिए कर्मचारियों को कम-से कम 70 पाउंड का भुगतान किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पासपोर्ट रख लिए गए थे. और उनके कहीं भी आने-जाने पर पाबंदी लगी थी.

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सहायकों से ज्यादा कुत्तों पर खर्च करने का आरोप

हिंदुजा परिवार पर अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने सहायकों से ज्यादा पैसे अपने कुत्तों पर खर्च किया. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी वकील य्वेस बेरतोसा ने कोर्ट को बताया, उन्होंने अपने एक कुत्ते पर एक सहायक से ज्यादा खर्च किया. सरकारी वकील ने बताया कि एक ‘आया’ ने एक दिन में 18 घंटे काम किया और उन्हें सिर्फ 7.84 डॉलर मिले. जबकि दस्तावेज बताते हैं कि इस परिवार ने अपने एक कुत्ते के खाने और रखरखाव पर सलाना 10 हजार अमेरिकी डॉलर खर्च किए. उन्होंने आगे बताया कि कई काम करने वालों को तो हफ्ते के सातों दिन काम करना होता था. और उन्हें सैलरी भी स्विस फ्रैंक के बजाए भारतीय रुपये में मिलती थी. 

वहीं बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि हिंदुजा परिवार ने अपने घर में काम करने के लिए लाए गए लोगों को पर्याप्त सुविधाएं दी थी.और उनके कहीं आने-जाने पर कोई रोक नहीं थी.

हिंदुजा परिवार की जड़े भारत से जुड़ी हुई हैं.  हिंदुजा ग्रुप का बिजनेस कई सेक्टर में फैला हुआ है. इसमें कंस्ट्रक्शन, कपड़ा, ऑटोमोबाइल, ऑयल, बैंकिंग और फाइनेंस जैसे सेक्टर शामिल हैं. हिंदुजा ग्रुप के फाउंडर परमानंद दीपचंद हिंदुजा अविभाजित भारत के सिंध प्रांत के शिकारपुर शहर में पैदा हुए थे.

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