तिहाड़ जेल का कैदी नंबर 1784. ये कैदी न तो ठीक से खा रहा है और न ही ठीक से… अब जेल प्रशासन से उसने अपने लिए एक वेस्टर्न टॉयलेट की मांग की है. ये कोई आम कैदी नहीं है. बल्कि ये 2008 में हुए 26/11 आतंकी हमले की साजिश में शामिल होने का आरोपी है. लगभग 175 लोगों की हत्या की आतंकी साजिश में शामिल इस आरोपी का नाम है- तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Rana).
बोलता अंग्रेजी, न सही से खा पा रहा और न... आतंकी तहव्वुर राणा ने जेल में मांगा इंग्लिश पाखाना
Tahawwur Rana मुंबई आतंकी हमले में शामिल ‘डेविड हेडली का करीबी सहयोगी है. गिरफ्तारी के लगभग 16 साल बाद, अमेरिका ने उसे 10 अप्रैल को भारत को प्रत्यर्पित किया था. अब उसकी जेल से खबर आई है.

कई सालों के इंतजार के बाद ये भारत की गिरफ्त में है. न्यायिक हिरासत के तहत उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है. इस जेल में उसके दिन-रात कैसे कट रहे हैं?
6 कंबल और 1 पंखा मिला हैराणा को जेल के उस वार्ड में रखा गया है जिसमें हाई रिस्क वाले कैदियों को रखा जाता है. उसके पड़ोस में कई हाई रिस्क वाले कैदी रह भी रहे हैं. इनमें खूंखार गैंगस्टर भी हैं. लेकिन हर कोई अलग-अलग सेल में है, इसलिए उनके बीच कोई बातचीत नहीं हो पाती.
इंडियन एक्सप्रेस ने तिहाड़ जेल के सूत्रों के हवाले से इस मामले को रिपोर्ट किया है. उन्होंने बताया है कि इस वार्ड में किसी भी अन्य कैदी को जाने की अनुमति नहीं है. तहव्वुर राणा को जिस ब्लॉक में रखा गया है, वहां जेल के दूसरे ब्लॉक की तुलना में कम भीड़-भाड़ होती है.
सूत्र ने आगे कहा कि राणा केवल अंग्रेजी में बात करता है. उसने दो चीजें मांगी हैं- किताबें और वेस्टर्न टॉयलेट. राणा को छह कंबल दिए गए हैं. तीन खाट पर बिछाने के लिए. एक पंखा भी दिया गया है.

सुबह करीब 7 बजे उसे नाश्ते में चाय, बिस्किट, ब्रेड और दलिया दिया जाता है. दोपहर और रात के खाने में दाल, चावल और सब्जी होता है. राणा को शाम के नाश्ते के साथ चाय दी जाती है. लेकिन वो ज्यादा कुछ खा नहीं रहा है.
उसकी सेल में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिससे उसकी हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा सके. और आत्महत्या का प्रयास ना कर सके. उसके सेल के लिए अलग से रसोइए हैं. खाना तैयार होने के बाद, राणा को देने से पहले जेल कर्मचारी उसे चखकर जांचते हैं.
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तहव्वुर राणा 26/11 आतंकी हमले में शामिल ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के जासूस डेविड हेडली का करीबी सहयोगी है. गिरफ्तारी के लगभग 16 साल बाद, अमेरिका ने उसे 10 अप्रैल को भारत को प्रत्यर्पित किया था. 26/11 हमले की साजिश के लिए वो हेडली के साथ पाकिस्तान के एक स्कूल में गया था. आरोप है कि राणा ने जासूसी (टोही) के लिए हेडली की मदद की थी. साथ ही उस पर आतंकवादियों को रसद प्रदान करने का भी आरोप है.
पिछले सप्ताह राणा को 6 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. हिरासत खत्म होने से एक दिन पहले ही NIA ने उसे कोर्ट में पेश किया था. एजेंसी ने जज के सामने राणा की आवाज और लिखावट के नमूने लिए.
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