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सिंधु जल संधि पर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती बुरा भिड़ गए, बात बाप-दादा तक पहुंच गई

CM उमर अब्दुल्ला वुलर झील का हवाई सर्वे करने गए थे. झील की एक वीडिया शेयर करते हुए उन्होंने सिंधु जल संधि का जिक्र किया. इसी पर महबूबा उनसे लड़ गईं.

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पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है. (फाइल फोटो- PTI)

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बीच शुक्रवार, 16 मई को सोशल मीडिया पर तीखी बहस हो गई. महबूबा ने उमर पर भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के वक्त 'उकसाने वाली' बातें करने का आरोप लगाया. जवाब में उमर ने कहा कि महबूबा ‘सीमा पार कुछ लोगों को खुश करने में जुटी’ हुई हैं.

दोनों के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब उमर ने बांदीपोरा में वुलर झील का हवाई सर्वेक्षण करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,

तुलबुल नेविगेशन बैराज की योजना 1980 के दशक में शुरू हुई थी लेकिन पाकिस्तान के दबाव में रोक दी गई. अब जब सिंधु जल संधि (IWT) अस्थायी रूप से निलंबित है, तो क्या यह प्रोजेक्ट फिर से शुरू हो सकता है?

दरअसल, पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है. 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच यह जल संधि हुई थी, जिसमें विश्व बैंक ने भी मध्यस्थता की थी. संधि के तहत पश्चिम की तीन बड़ी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को दिया जाना तय हुआ. अब भारत ने इस जलसंधि को निलंबित कर इन नदियों का पानी भारत में ही रोकने का एलान किया है. हालांकि, अभी ऐसा किया नहीं गया है. इसी के संदर्भ में उमर अब्दुल्ला में तुलबुल नेविगेशन बैराज प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही. जिस पर महबूबा भड़क गईं.

महबूबा मुफ्ती ने उमर के इस बयान को “खतरनाक और उकसाने वाला” बताया. पूर्व मुख्यमंत्री ने X पर लिखा,

जब भारत-पाकिस्तान युद्ध के मुहाने से लौटे हैं, तब ऐसी बातें गैर-जिम्मेदाराना हैं. पानी जैसे जरूरी संसाधन को हथियार बनाना अमानवीय है और यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने जैसा है, जो सिर्फ भारत-पाकिस्तान का आपसी मामला है.

महबूबा ने बात छेड़ी तो उमर ने पलटवार किया. सीएम ने कहा कि महबूबा सिर्फ लोकप्रियता के लिए ऐसी बातें कर रही हैं. उन्होंने सिंधु जल संधि को जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ एक बड़ा ऐतिहासिक धोखा बताया और कहा कि इसका विरोध करना जंग की भाषा नहीं है, बल्कि न्याय की मांग है.

दोनों नेताओं की यहां तक की बात में वो एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे थे. लेकिन अब महबूबा ने मामले को थोड़ा एस्कलेट किया. उन्होंने उमर के दादा शेख अब्दुल्ला पर तंज कस दिया. महबूबा ने शेख अब्दुल्ला को ‘पाकिस्तान का पक्षकार’ बता दिया. उन्होंने कहा, 

शेख साहब दो दशकों तक पाकिस्तान के पक्ष में रहने के बाद सत्ता में लौटते ही भारत का साथ देने लगे. जबकि पीडीपी ने हमेशा अपने विचारों और वादों पर कायम रहते हुए शांति की बात की है.

महबूबा ने उमर के दादा को घसीटा तो उन्होंने भी महबूबा के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को लपेट लिया. उमर ने पूर्व मुख्यमंत्री सईद का जिक्र करते हुए जवाब दिया,

जिस इंसान को आपने खुद कश्मीर का सबसे बड़ा नेता कहा है, उसी पर अब आप ओछी बातें कर रही हैं. मैं इस बहस को उस गटर में नहीं ले जाऊंगा जहां आप ले जाना चाहती हैं. इसलिए मैं मरहूम मुफ्ती साहब और ‘नॉर्थ पोल साउथ पोल’ जैसी बातें नहीं करूंगा.

आप जिसे चाहें उसके हितों की वकालत करती रहिए, मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों के हक में ये कहता रहूंगा कि हमें अपनी नदियों का इस्तेमाल अपने भले के लिए करना चाहिए. मैं पानी रोकने नहीं जा रहा, बस उसे अपने फायदे के लिए थोड़ा ज़्यादा इस्तेमाल करना चाहता हूं.

यहां उमर महबूबा पर एक बार फिर पाकिस्तान परस्ती का आरोप लगाते दिखे.

इस बहस में पीडीपी नेता वहीद पारा भी कूद पड़े. उन्होंने सीएम उमर अब्दुल्ला पर भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे शांति प्रयासों को खराब करने का आरोप लगाया. वहीद ने कहा कि उमर हमेशा कश्मीरियों को दिल्ली से अलग-थलग रखने की कोशिश करते हैं और जो भी शांति की बात करता है, उसे देशद्रोही कह देते हैं.

गौरतलब है कि हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) दोनों ने तनाव कम करने की अपील की थी. हालांकि, महबूबा मुफ्ती का स्टैंड है कि भारत को पाकिस्तान से बात करते रहना चाहिए, जबकि उमर ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे जिम्मेदार ठहराया है.

वीडियो: सिंधु जल समझौता सस्पेंड, पाकिस्तान का पानी रोकने में इंडिया को कितना समय लगेगा?