पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ (Shehbaz Sharif) ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस (Nur Khan airbase) और अन्य जगहों पर भारत के सटीक मिसाइल हमले की बात मान ली है. उन्होंने खुलासा किया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर (Asim Munir) ने 9 और 10 मई को देर रात 2:30 बजे यानी ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान उन्हें कॉल किया, फिर हमले के बारे में जानकारी दी.
'रात ढाई बजे मिसाइल आई, जनरल ने फोन पर कहा... ' अब पाकिस्तान के PM धीरे-धीरे सब उगल रहे
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif के मुताबिक़, पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल Asim Munir ने उन्हें रात को 2.30 बजे उठाया और पूरी कहानी सुनाई. शहबाज शरीफ ने आगे क्या-क्या बताया?

शहबाज़ शरीफ़ शुक्रवार, 16 मई को इस्लामाबाद में पाकिस्तान स्मारक पर 'यौम-ए-तशकूर' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा,
9-10 मई की दरम्यानी रात तकरीबन 2.30 बजे सेना प्रमुख असीम मुनीर ने मुझे फ़ोन किया. बताया कि हिंदुस्तानी बैलिस्टिक मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस और अन्य इलाक़ों पर हमला किया है. मैं आपको ऊपर वाले की कसम खाकर बता सकता हूं कि जनरल की आवाज़ में आत्म-विश्वास और देशभक्ति थी. हमारी वायुसेना ने अपने देश को बचाने के लिए स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया. जबकि उन्होंने चीनी लड़ाकू विमानों पर आधुनिक गैजेट और तकनीक का भी इस्तेमाल किया.
आमतौर पर पाकिस्तान भारतीय सैन्य कार्रवाई से हुए नुक़सान को नकारता रहा है. लेकिन इसे शहबाज़ शरीफ़ की स्वीकारोक्ति माना जा रहा है. शहबाज़ के इस बयान पर भारत में पक्ष-विपक्ष ने ख़ूब मज़े लिए हैं. शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शहबाज़ शरीफ़ पर निशाना साधा. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा,
भारत ने इनके नियंत्रण वाले आतंकी एयरबेसों को नष्ट किया. अब इनके पास कहने को कुछ नहीं है. इन्हें इस तरह से देखना बहुत सुखद है.
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वहीं, BJP के सीनियर नेता विजय गोयल ने लिखा,
लो विपक्षियों, जिनको सबूत चाहिए… पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने मान लिया है.

बताते चलें, भारत की ये कार्रवाई यानी ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जवाब था. जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. भारतीय अधिकारियों ने हमले के लिए पाकिस्तान में मौजूद आंतकवादियों को दोषी ठहराया था.
6-7 मई की दरम्यानी रात को ये कार्रवाई शुरू हुई. फिर अगले तीन दिनों में, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमलों से भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की. लेकिन भारतीय सेना ने इसका जवाब दिया और उन्हें मार गिराया.
बाद में भारत ने फिर कार्रवाई की, जिसकी जद में कई पाकिस्तानी एयरबेस आए. जिसे "नपी-तुली लेकिन निर्णायक जवाबी कार्रवाई" कहा गया. और फिर अगले दिन 10 मई को दोनों देशों के बीच सीज़फ़ायर हुआ.
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