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आंबेडकर की प्रतिमा के पास ममता बनर्जी ने दिया धरना, BJP विधायकों ने 'गंगाजल' से धोया

पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने TMC विधायकों के साथ पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना दिया था. उनका धरना खत्म हुआ, तो BJP विधायक शुभेंदु अधिकारी आंबेडकर की प्रतिमा को 'गंगाजल से साफ करने' पहुंच गए.

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धरना देतीं CM ममता बनर्जी और TMC के अन्य नेता (बाएं), प्रतिमा का कथित शुद्धिकरण करते BJP के नेता (दाएं)
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सूर्याग्नि रॉय

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में BJP विधायक राज्य के विधानसभा परिसर में 1 दिसंबर को ‘गंगाजल’ लेकर पहुंचे. शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के नेतृत्व में BJP विधायकों ने परिसर में स्थित भीमराव आंबेडकर (BR Ambedkar) की प्रतिमा को ‘गंगाजल' से साफ किया. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि 'चोरों के एक समूह' ने 'चोरों की रानी' के नेतृत्व में यहां धरना दिया था. इसलिए प्रतिमा को ‘शुद्ध’ करना पड़ा. TMC ने इस कथित शुद्धिकरण को 'आदिवासियों का अपमान' बताया है.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने 29 नवंबर और 30 नवंबर को विधानसभा परिसर में धरना दिया था. TMC विधायक परिसर में भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे थे. ये विरोध प्रदर्शन केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ था. TMC ने आरोप लगाया था कि केंद्र की भाजपा सरकार, पश्चिम बंगाल में केंद्रीय निधि जारी करने और केंद्र की परियोजनाओं के काम में भेदभाव कर रही है. 

TMC का धरना खत्म हुआ तो इसके जवाब में 1 दिसंबर को BJP विधायक शुभेंदु अधिकारी उस जगह गंगाजल लेकर पहुंच गए. शुभेंदु अधिकारी के मुताबिक उन्होंने गंगाजल से आंबेडकर की प्रतिमा को ‘शुद्ध’ किया है. शुभेंदु ने X (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर किया है. इसमें शुभेंदु अधिकारी की अगुआई में कई BJP विधायक, सिर पर बर्तन रखकर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इन सभी ने आंबेडकर की प्रतिमा पर 'गंगाजल' से साफ-सफाई की और फूल चढ़ाए. शुभेंदु अधिकारी ने पोस्ट में लिखा,

"आज मैंने साथी विधायकों के साथ, पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में डॉ. बीआर आंबेडकर की प्रतिमा को 'गंगाजल' से धोया. चोरों का एक समूह ‘चोरों की रानी’ की अगुआई में मूर्ति के चारों ओर पिछले 3 दिनों से धरने पर बैठा था. इसलिए इस पवित्र स्थल को उनके अपवित्र निशानों से शुद्ध करना पड़ा."

पश्चिम बंगाल में BJP के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने भी कहा कि आंबेडकर की प्रतिमा इसलिए साफ की गई क्योंकि ममता बनर्जी वहां बैठी थीं, और वो भ्रष्टाचार के सभी कामों में शामिल हैं. उन्होंने कहा,

"ममता बनर्जी ने ये कहते हुए यहां प्रोटेस्ट किया कि केंद्र, राज्य सरकार को योजनाओं के लिए पैसे नहीं देता है. जबकि वो सब कुछ जानती हैं. वो राज्य में हर तरीके के भ्रष्टाचार में शामिल हैं. इसीलिए हमने उस जगह को गंगाजल से साफ किया है, जहां वो बैठी थीं."

क्या बोली TMC?

शुभेंदु अधिकारी और BJP के दूसरे विधायकों के इस काम पर TMC सरकार में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्जी ने इंडिया टुडे से बात की. चंद्रिमा भट्टाचार्जी ने कहा कि BJP, आंबेडकर से जुड़ी किसी बहस में हिस्सा नहीं लेती. लेकिन दिखावे के लिए ऐसे काम करती है. उन्होंने ये भी कहा कि विधानसभा के अंदर कोई भी आंदोलन विधानसभा के स्पीकर की अनुमति से किया जा सकता है. BJP के पास स्पीकर की अनुमति नहीं थी.

चंद्रिमा ने शुभेंदु के इस काम को नाटक करार देते हुए कहा,

“केंद्र में मौजूद पार्टी (BJP) न तो संविधान का सम्मान करती है और न ही बीआर अंबेडकर का. हमने आंबेडकर का अपमान कहां किया है? बीजेपी के विधायक संविधान पर बहस में भाग नहीं लेते. ये एक नाटक था.”

TMC ने अपने X अकाउंट पर लिखा है कि उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में उन्हें या तो हिंसक दमन या फिर BJP की तरफ से उपेक्षा और उदासीनता का सामना करना पड़ता है. आगे लिखा है,

"आदिवासी और जनजातीय समुदाय को 'अपवित्र' करार देना, डॉ. आंबेडकर की मूर्ति का 'शुद्धिकरण' न केवल अपमानजनक है बल्कि निंदनीय है. हम वंचितों और हाशिये के लोगों के अधिकारों के लिए खड़े होने की प्रतिज्ञा करते हैं. और उनके साथ न्याय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

TMC की तरफ से ये भी कहा गया है कि 2 दिसंबर से पार्टी पूरे राज्य में हर जगह, शुभेंदु अधिकारी और BJP के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी.

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