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दिल्ली में चल रही 'पुजारी पॉलिटिक्स', AAP और BJP क्या-क्या दावे कर रहीं?

केजरीवाल ने घोषणा की थी कि वे 'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना' की शुरुआत कनॉट प्लेस में मौजूद हनुमान मंदिर से करेंगे. लेकिन पुजारियों के एक समूह ने कनॉट प्लेस मंदिर के बाहर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया.

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'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना' के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने के दौरान अरविंद केजरीवाल. (फोटो- पीटीआई)

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आम आदमी पार्टी ने 31 दिसंबर को 'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना' की शुरुआत की है. इस योजना के तहत दिल्ली सरकार सभी हिंदू मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रुपये देगी. एक दिन पहले, 30 दिसंबर को पार्टी ने इसकी घोषणा की थी कि सत्ता में लौटने पर इसे शुरू किया जाएगा. इस योजना की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी विपक्ष के निशाने पर है. भारतीय जनता पार्टी ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताया है. वहीं, AIMIM ने कहा कि ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुसलमानों से दुश्मनी निभाने का इरादा कर लिया है.

31 दिसंबर को AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कश्मीरी गेट में मरघट वाले बाबा मंदिर के पुजारी का रजिस्ट्रेशन करवाया और योजना की शुरुआत कर दी. इस मौके पर उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने आज रजिस्ट्रेशन रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन भक्त को अपने भगवान से मिलने से कोई नहीं रोक सकता.

पुजारियों और इमामों का विरोध प्रदर्शन

केजरीवाल ने घोषणा की थी कि वे 'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना' की शुरुआत कनॉट प्लेस में मौजूद हनुमान मंदिर से करेंगे. लेकिन पुजारियों के एक समूह ने कनॉट प्लेस मंदिर के बाहर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया. विरोध कर रहे पुजारियों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को ये स्पष्ट करना चाहिए कि पिछले 10 सालों में उन्हें कोई वित्तीय सहायता क्यों नहीं दी गई.

इससे पहले, 30 दिसंबर को अलग-अलग मस्जिदों के इमामों ने केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (AIIA) ने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने कई अनुरोधों के बावजूद 17 महीनों से इमामों और मौलवियों को वेतन नहीं दिया है. दिल्ली सरकार दिल्ली वक्फ बोर्ड से रजिस्टर्ड मस्जिदों के इमामों को हर महीने 18,000 रुपये और मुअज्जिनों को 16,000 रुपये वेतन देती है.

इधर, 31 दिसंबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने करोलबाग पहुंचकर एक गुरुद्वारे के ग्रंथियों का रजिस्ट्रेशन किया. उन्होंने संत सुजान सिंह महाराज गुरुद्वारा में मत्था टेका. आम आदमी पार्टी ने कहा है कि पार्टी कार्यकर्ता पूरी दिल्ली में दूसरे मंदिरों और गुरुद्वारों में भी रजिस्ट्रेशन करवाएंगे.

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इस योजना का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है. हालांकि इसके लिए कौन पात्र होंगे, पार्टी ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया. दिल्ली में रजिस्टर्ड मंदिर पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों की कोई आधिकारिक संख्या नहीं है. लाभार्थियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा था कि रजिस्ट्रेश पूरा होने के बाद उनकी संख्या पता चलेगी. उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए फंड की कमी नहीं होगी.

विपक्ष ने क्या आरोप लगाया?

AIMIM ने आम आदमी पार्टी की इस घोषणा पर कई सवाल उठाए हैं. पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष डॉ शोएब जमई ने एक्स पर लिखा, 

"क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली में हुए सिखों के खिलाफ दंगे पर SIT की जांच गठित करेंगे? क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली दंगों में मारे गए 36 मुसलमानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देंगे? अगर 18000 की सैलरी पुजारी और ग्रंथि को मिल सकती है तो मौलवी और पादरी को क्यों नहीं?"

शोएब जमई ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि वे केजरीवाल की इस 'मुसलमान विरोधी' नीति की निंदा करते हैं.

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसे ‘राजनीतिक स्टंट’ बताया है. 31 दिसंबर को पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल को 'चुनावी हिंदू' बताते हुए उनके पुराने बयानों को मीडिया के सामने दिखाया. बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि चुनाव सामने आते ही केजरीवाल को पुजारियों की याद आ रही है, दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल के धोखे में नहीं आने वाली है.

बीजेपी ने केजरीवाल के कनॉट प्लेस वाले मंदिर में नहीं जाने पर भी दावा किया कि जनता गुस्से में है, इसलिए वे आज दूसरे मंदिर में गए. सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सनातन और देश की सुरक्षा के दुश्मन हैं.

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