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Arundhati Roy को मिलेगा ब्रिटेन का PEN पिंटर अवॉर्ड, 'साहसी लेखिका' बताया गया

अरुंधति रॉय के लिए इस अवॉर्ड की घोषणा तब हुई है, जब कुछ दिन पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उनके खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी.

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अरुंधति रॉय को ये अवॉर्ड अक्टूबर में दिया जाएगा. (फोटो- AFP)

लेखिका अरुंधति रॉय को ब्रिटेन के चर्चित 'पेन पिंटर अवॉर्ड' 2024 (PEN Pinter Prize 2024) से सम्मानित किया जाएगा. ये अवॉर्ड ब्रिटिश नाटककार हेरोल्ड पिंटर की याद में दिया जाता है. अरुंधति रॉय के लिए इस अवॉर्ड की घोषणा तब हुई है, जब कुछ दिन पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उनके खिलाफ UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी. रॉय को ये अवॉर्ड इस साल 10 अक्टूबर को ब्रिटिश लाइब्रेरी की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में दिया जाएगा.

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पेन पिंटर अवॉर्ड हर साल ऐसे साहसी लेखकों को दिया जाता है, जो अपनी सुरक्षा और आजादी को जोखिम में डालकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बचाने के लिए सक्रिय हैं. ये अवॉर्ड ब्रिटिश मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और लेखकों की एक गैर-सरकारी संस्था इंग्लिश पेन (English PEN) देती है. दुनियावी मुद्दों पर बिना डरे बेधड़क विचार रखने वाले लेखकों को इसके लिए चुना जाता है. साल 2009 में हेरोल्ड पिंटर की याद में इसे शुरू किया गया था. पिंटर नोबल पुरस्कार विजेता नाटककार, स्क्रीन राइटर, डायरेक्टर और एक्टर थे.

अरुंधति रॉय को साल 1997 में उनके उपन्यास 'द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स' के लिए बुकर प्राइज से सम्मानित किया गया था. रॉय को मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार का आलोचक माना जाता है. वो लगातार भारत सहित दुनियाभर में मानवाधिकार हनन की घटनाओं पर लिखती रहती हैं.

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इस अवॉर्ड के लिए तीन जजों की एक जूरी ने अरुंधति रॉय को चुना है. जूरी में English PEN की अध्यक्ष रुथ बॉर्थविक, ब्रिटिश एक्टर खालिद अब्दल्ला और ब्रिटिश लेखक और संगीतकार रोजर रॉबिनसन शामिल थे.

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रुथ बॉर्थविक ने रॉय की तारीफ करते हुए कहा है कि वे अन्याय की कहानियां पूरी समझदारी और सुंदरता से लिखती हैं. रॉय को उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय चिंतक बताया और कहा कि उनकी प्रभावशाली आवाज को शांत नहीं कराया जा सकता है. वहीं, खालिद अबदल्ला ने अरुंधति रॉय को आजादी और न्याय की एक स्पष्ट आवाज बताया.

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अवॉर्ड की घोषणा के बाद अरुंधति रॉय का भी बयान आया है. English PEN के मुताबिक रॉय ने कहा है, 

"PEN Pinter Prize स्वीकार कर मुझे खुशी हो रही है. काश आज हमारे साथ हेरोल्ड पिंटर भी होते और इस बदलती दुनिया के बारे में लिखते, जिसे समझना असंभव हो रहा है. चूंकि वे हमारे साथ नहीं, तो हममें से कुछ को उनकी जगह लेनी पड़ेगी."

रॉय के खिलाफ 14 साल पुराना मुकदमा

इसी महीने दिल्ली के उपराज्यपाल ने अरुंधति रॉय के खिलाफ UAPA के तहत केस चलाने की मंजूरी दी थी. ये मामला साल 2010 का है, जब रॉय ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कश्मीर पर अपनी राय रखी थी. उसी राय को भड़काऊ बताया गया. रॉय के साथ कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ भी UAPA केस चलाने की मंजूरी दी गई.

21 अक्टूबर 2010 को दिल्ली के एलटीजी ऑडिटोरियम में हुए इस कार्यक्रम का नाम था ‘आज़ादी - द ओनली वे’. दिल्ली के उपराज्यपाल ने 14 जून को जो बयान जारी किया, उसमें आरोप लगाया गया कि अरुंधति रॉय ने इस बात का प्रचार किया कि कश्मीर कभी भारत का हिस्सा नहीं था और उस पर भारत के आर्म्ड फोर्स ने जबरन कब्जा किया था.

कार्यक्रम में उनके भाषण को लेकर कश्मीर के सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने 28 अक्टूबर, 2010 को पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई. नवंबर 2010 में दिल्ली की एक कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया था. और अब उनके खिलाफ इसी मामले में UAPA के तहत केस चलेगा.

वीडियो: लेखिका अरुंधति रॉय पर चलेगा UAPA के तहत मुकदमा, उपराज्यपाल ने दी मंजूरी

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