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धोनी ने खत्म कर दिया इरफान पठान का करियर? अंदर की कहानी अब पता लगी है

Irfan Pathan को साल 2009 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज में ड्रॉप कर दिया गया था. इरफान ने बताया कि इसके पीछे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बड़ा रोल था.

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इरफान पठान लंबे समय तक महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेले. (Photo-PTI)

इरफान पठान (Irfan Pathan) ने महज 19 साल की उम्र में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था. उनकी शुरुआत जितनी शानदार थी, करियर का अंत उतना अच्छा नहीं रहा. पठान को कई बार टीम से ड्रॉप किया गया. साल 2009 में उन्हें अपने भाई के कारण भी टीम से बाहर होना पड़ा. हालांकि पठान ने अब बताया है कि उनके टीम से बाहर होने में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) का भी बड़ा रोल था.

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 2009 में न्यूजीलैंड के खिलाफ जिस वनडे सीरीज में इरफान को ड्रॉप किया गया, उससे पहले उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. इरफान ने लल्लनटॉप के शो 'गेस्ट इन द न्यूजरूम' में कहा,

2009 की बात है. तब हम न्यूजीलैंड में थे. इससे पहले मैंने और भाई (युसूफ पठान) ने श्रीलंका में मैच जिताए थे. हमने जिस स्थिति में मैच जिताया था, अगर हमारी जगह कोई और होता तो एक साल तक ड्रॉप नहीं होता. श्रीलंका के खिलाफ उस मैच में हमको 60 रन चाहिए थे, और केवल 27-28 गेंद थी. हमने वहां से मैच जिताया.

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इरफान ने कोच गैरी कस्टर्न से पूछी ड्रॉप होने की सजा

श्रीलंका के खिलाफ उस सीरीज के बाद जब इरफान न्यूजीलैंड पहुंचे तो उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया. ऐसे में उन्होंने टीम के कोच गैरी कस्टर्न से इसकी वजह पूछी. इरफान ने बताया,

न्यूजीलैंड में पहले मैच में बाहर बैठा था, दूसरे मैच में बाहर, तीसरे मैच में बाहर, चौथा मैच बारिश के कारण ड्रॉ रहा. आखिरी मैच में भी मैं नहीं था. फिर मैंने गैरी साहब से पूछा कि मुझे क्यों ड्रॉप किया गया है. अगर कुछ सुधार करना है तो बताएं. लेकिन मैं ड्रॉप होने का कारण जानना चाहता हूं.

धोनी नहीं चाहते थे टीम में हो इरफान पठान

गैरी कस्टर्न ने उन्हें दो कारण बताए थे. पहली वजह महेंद्र सिंह धोनी ही थे. इरफान ने कहा,

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कस्टर्न ने मुझे दो कारण दिए. उन्होंने कहा कि There are things that are not in my hand (कुछ चीजें हैं जो उनके हाथ में नहीं है), मैं नहीं बता सकता. ये गैरी के अल्फाज थे. मैंने पूछा कि किसके हाथ में है लेकिन उन्होंने नहीं बताया. मैं जानता था कि किसके हाथ में है. जो प्लेइंग होती है, वो कप्तान की मर्जी होती है. कप्तान, कोच और मैनेजमेंट के हाथों में फैसला होता है. धोनी उस समय कप्तान थे. मैं इस बात पर नहीं जाऊंगा कि वो फैसला सही था या गलत. क्योंकि हर कप्तान को अपने हिसाब से टीम चलानी चाहिए.

ये पूछे जाने पर कि क्या ये धोनी का कॉल था कि उस समय उन्हें टीम में इरफान पठान नहीं चाहिए. इरफान ने सहमति जाते हुए कहा,

हां. उस वक्त ये कॉल उनका था.

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कस्टर्न ने दूसरी वजह का भी किया खुलासा

कस्टर्न ने इसके बाद कहा कि दूसरा कारण यही है कि टीम में इरफान की जगह नहीं बन रही. उस समय टीम कॉम्बिनेशन में यूसुफ पठान फिट बैठ रहे थे. इरफान ने बताया,

दूसरा जवाब ये था कि वो सातवें नंबर पर बैटिंग ऑलराउंडर देख रहे थे.  अच्छी बात ये थे कि भाई बैटिंग ऑलराउंडर है. मैं बॉलिंग ऑलराउंडर था. दोनों एक दूसरे से अलग थे.  लेकिन टीम में एक की ही जगह थी. आज के जमाने में आप पूछेंगे कि दो ऑलराउंडर चाहिए तो लोग खुशी-खुशी ले लेंगे.

इरफान पठान इस सीरीज के बाद केवल तीन और साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सके. 2012 में वो भारत के लिए टी20 वर्ल्ड कप खेले. इस टूर्नामेंट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच उनके करियर का आखिरी इंटरनेशनल मैच साबित हुआ.

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