उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित संजय गांधी हॉस्पिटल (Sanjay Gandhi Hospital) को बंद करने के आदेश पर रोक लगा दी गई है. 4 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) ने मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी CMO के आदेश पर स्टे लगा दिया. कोर्ट ने प्रदेश सरकार को चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
संजय गांधी हॉस्पिटल को बंद करने के आदेश पर लगी रोक, हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने कहा कि अस्पताल बंद करने और ऑपरेशन की सुविधा बंद करने से इलाके के लोगों का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती.

मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि एक चूक के लिए अस्पताल बंद नहीं किया जा सकता. अस्पताल बंद करने और ऑपरेशन की सुविधा बंद करने से इलाके के लोगों का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई नहीं की जा सकती है. ना ही इसका आकलन किया जा सकता है.
दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 18 सितंबर के दिन प्रदेश सरकार ने संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया था. अस्पताल का लाइसेंस एक महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत होने के बाद रद्द किया गया था. जिसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
हाई कोर्ट के आदेश पर संजय गांधी अस्पताल के मैनेजर सुरेश कुमार ने बताया कि अभी कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली है. कॉपी मिलने के बाद 5 अक्टूबर को अस्पताल को खोला जाएगा.
ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है अस्पतालबता दें कि संजय गांधी अस्पताल का संचालन दिल्ली स्थित संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं. वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उसके सदस्य हैं.
संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस रद्द होने के बाद मामले में राजनीति भी तेज हो गई. सपा और कांग्रेस ने इसे लेकर आंदोलन शुरू कर दिया. वहीं पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने मामले को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा. यहां तक वरुण ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को एक पत्र भी लिखा था.
(ये भी पढ़ें: 'स्कूल में मुस्लिम बच्चे की पिटाई' पर सुप्रीम कोर्ट भड़का, यूपी सरकार को क्या सुना दिया?)
वीडियो: SDM ने शिकायत करने आए व्यक्ति को ऑफिस में मुर्गा बनाया, अब खुद नप गए, वीडियो वायरल