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आकाश विजयवर्गीय से पिटे अधिकारी ने बदला बयान, कहा- नहीं पता किसने पीटा!

इंदौर में नगर निगम के अधिकारी के पिटने का वीडियो वायरल हुआ था.

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वायरल वीडियो में निगम अधिकारियों को बल्ले से पीटते विधायक आकाश विजयवर्गीय. फोटो- आजतक
इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी ने विधायक आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) पर लगाए आरोपों से अब पल्ला झाड़ लिया है. आकाश विजयवर्गीय, बीजेपी के महासचिव और कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. निगम अधिकारी ने उनके ऊपर बल्ले से पीटने का आरोप लगाया था. हालांकि, अब अधिकारी ने कोर्ट में बयान देते वक्त आकाश को पहचानने से इंकार कर दिया.
अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि घटना के वक्त वो मोबाइल पर बात कर रहे थे. उन्हें नहीं पता कि उन्हें बल्ले से किसने मारा क्योंकि हमला पीछे से हुआ था. उन्होंने विजयवर्गीय को बल्ला चलाते हुए नहीं देखा था. अधिकारी के मुताबिक, उन्होंने आकाश विजयवर्गीय के हाथ में बल्ला देखकर उनके खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दी थी. इस मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी.

ये है मामला

आजतक की खबर के मुताबिक, साल 2019 में इंदौर के गंजी परिसर में एक जर्जर भवन को गिराने को लेकर नगर निगम ने अभियान चलाया था. इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय का निगम के अधिकारियों से विवाद हो गया था. आकाश पर आरोप है कि उन्होंने नगर निगम के तत्कालीन भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस को क्रिकेट के बल्ले से पीटा था. आकाश इस समय इंदौर की एक सीट से विधायक भी हैं.
इस घटना के बाद, 26 जून 2019 को आकाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी भी हुई थी. अभी तक इस मामले की सुनवाई भोपाल की विशेष अदालत में चल रही थी. इंदौर में विशेष न्यायालय गठित होने के बाद 18 फरवरी को विजयवर्गीय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले निगम अधिकारी बायस से सवाल पूछे गए. विजयवर्गीय की ओर से वरिष्ठ वकील अविनाश सिरपुरकर ने कहा कि मामले में शिकायतकर्ता ने अदालत को बताया कि जब वे कार्रवाई के लिए पहुंचे तो घटनास्थल पर सौ से ज्यादा लोग जमा हो गए थे. करीब 15 मिनट बाद आकाश विजयवर्गीय वहां पहुंचे थे.
आकाश विजयवर्गीय, बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं.
आकाश विजयवर्गीय, बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं.

बायस ने मामले की शिकायत एमजी रोड पुलिस थाने में की थी. अपने बयान में बायस ने विधायक और उनके समर्थकों पर मारपीट करने का आरोप लगाया था. मामले का वीडियो वायरल होने के बाद तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. पुलिस ने आकाश विजयवर्गीय और उनके 11 समर्थकों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था. अदालत ने सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. भोपाल की स्पेशल कोर्ट से 29 जून को आकाश को जमानत मिल गई थी.
शिकायतकर्ता अधिकारी भले ही कोर्ट में अपने बयान से पलट गए हों, लेकिन इस घटना को जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें साफ देखा जा सकता है कि आकाश विजयवर्गीय ने अधिकारी को बल्ले से पीटा था. इस दौरान उनके समर्थक भी अधिकारी को धमका रहे थे.