The Lallantop

चिकन खाने के शौकीन हैं तो ये रिपोर्ट जरूर पढ़ लें!

Venky's जो मुर्गियों और चूज़ों का खाना बनाती है. इनमें टाइलोसिन और अमॉक्सिकिलिन जैसे एंटीबायोटिक्स होते हैं. जो उनके ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं. इसे हाल ही में ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म ने एक रिसर्च में बहुत ही हानिकारक बताया है.

post-main-image
ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म ने वेंकी के कई प्रोडक्ट्स को मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकार बताया है. (तस्वीर-सोशल मीडिया)

जानवरों या पक्षियों से इंसानों में संक्रमण का फैलना काफी भयावह होता है. बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू का उदाहरण हमने देखा है. अब पता चला है कि पोल्ट्री यानी मुर्गी पालन के बिजनेस से जुड़ी एक बड़ी कंपनी इस तरह के दवाओं का इस्तेमाल कर रही है जो इंसानों के लिए खतरनाक है. कंपनी का नाम है वेंकीस, ये चूजों के लिए खाना, उनका तेजी से विकास हो इसके लिए प्रोडक्ट बनाती है. इस तरह के प्रोडक्ट्स को ग्रोथ प्रमोटर कहते हैं. यानी चूज़े जल्दी से बड़ेे हो जाएं. अब द ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म (TBIJ) ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक Venky's ऐसे एंटीबायटिक्स की मार्केटिंग कर रही है जो काफी खतरनाक मानी जाती हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी पोल्ट्री प्रोडक्शन में तेजी लाने के लिए कई सारे ऐसे प्रोडक्ट्स बेच रही है जिसमें ऐसी दवाएं मौजूद हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए घातक हैं. कई सारी महत्वपूर्ण एंटीबायटिक्स को प्रीवेंटेटिव यूज के तौर पर बेचा जा रहा है. प्रीवेंटेटिव यूज यानी किसी बीमारी के होने की आशंका से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा. इस प्रैक्टिस को लेकर विवाद भी है क्योंकि इसमें बीमारी होने की आशंका को कम करने के लिए एक दिन के स्वस्थ पक्षियों को भी डोज दिया जाता है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि ये जो एंटीबायटिक दवाएं चूजों को दी जा रही हैं वो इंसान के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक मानी जाती हैं.

दक्षिण तेलंगाना की कम से कम दो पोल्ट्री फार्म्स में इस तरह की दवाओं के इस्तेमाल की खबर सामने आई है. TBIJ के मुताबिक इसमें से एक प्रीवेंटेटिव यूज के लिए था, और इसके लिए Venky's की वेबसाइट ने रिकमंड किया था. चूजों का विकास तेज करने के लिए एंटीबायटिक्स का इस्तेमाल यूरोपियन यूनियन के देशों और अमेरिका में बैन है. जबकि प्रीवेंटेटिव यूज कुछ अपवादों को छोड़कर यूरोपिय यूनियन के देशों में पूरी तरह से बैन है. विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने भी चूजों का तेजी से विकास करने या प्रीटेंटिव यूज में एंटीबायिक्स का इस्तेमाल करने का विरोध किया है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये दवाएं, उन दवाओं के प्रभाव को कम कर सकती हैं जो इंसानों में इंफेक्शन फैल जाने के बाद दी जाती हैं.

2018 में TBIJ ने पता लगाया था कि Venky's कोलिस्टीन को 'ग्रोथ प्रमोटर' के तौर पर बेच रहा था. कोलिस्टीन का इस्तेमाल इंसानों में गंभीर संक्रमण के इलाज में अंतिम उपाय के तौर पर किया जाता है. यानी कि ये अंतिम सहारा होती है. लेकिन इसका इस्तेमाल Venky's की ओर से चूजों में किया जा रहा था, ताकि उनका विकास तेजी से हो सके. जब ये खबर सामने आई तो काफी आलोचना हुई. जिसके बाद भारत सरकार ने दवा के इस तरह इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया. 

ये भी पढ़ें- दुनिया बदल देने वाले पूंजीवाद की शुरुआत कैसे हुई? आज पूरा इतिहास जान लीजिए

दुनियाभर में इसके असर है

साल 2019 में हुई एक स्टडी में क़रीब तेरह लाख लोगों की मौत AMR से जुड़े संक्रमण की वजह से हुई है. जो की HIV/AIDS और मलेरिया से मरने वाले लोगों के आंकड़े से भी ज्यादा है.

AMR क्या है?

रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक समय के साथ बदलते हैं और दवाओं पर प्रतिक्रिया नहीं करते हैं जिससे संक्रमण का इलाज करना कठिन हो जाता है. और बीमारी फैलने, गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है. दवा प्रतिरोध के परिणामस्वरूप, एंटीबायोटिक्स और अन्य रोगाणुरोधी दवाएं अप्रभावी हो जाती हैं और संक्रमण का इलाज करना कठिन या असंभव हो जाता है. इसका परिणाम यह होता है कि दवाइयां इंफेक्शन पर असर नहीं करती, जिससे दूसरों को भी इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ जाता है.

सरकार को पोल्ट्री फार्मिंग में एंटीबायोटिक के अधिक इस्तेमाल को संज्ञान में लेने की ज़रूरत है. ताकि इससे जुड़े रिस्क को कम किया जा सके. सरकार ने इस तरह की एंटीबायोटिक दवाओं को प्रतिबंधों की श्रेणी में रखा है. लेकिन इसके बावजूद भी इसका इस्तेमाल खूब हो रहा है. प्रत्येक साल मुर्गियों की वजह से खूब सारी नई-नई बीमारियां उत्पन्न होती है. मुर्गियों के सेवन मानव शरीर के लिए दिन प्रतिदिन बहुत खतरनाक साबित होता जा रहा है.

वीडियो: ब्लैक फंगस की दवाई पर लगी इम्पोर्ट ड्यूटी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मोदी सरकार को क्या निर्देश दिए हैं?