इतना इंट्रोडक्शन काफी होता है. बॉलीवुड के उस विलेन के लिए जो हीरो पर भारी पड़ जाता था- अमरीश पुरी. 80 और 90 के दशक की फिल्में इनके बिना अधूरी होती थीं. अमरीश पुरी की कई फिल्में जैसे 'मिस्टर इंडिया', 'नगीना', 'दामिनी' और 'कोयला' में उनकी एक्टिंग को भुलाना नामुमकिन है. स्क्रीन पर जितने अच्छे वो एक्टर थे, असल ज़िन्दगी में उतने ही बढ़िया फैमिली मैन भी थे. उनके दो बच्चे हैं, एक बेटा - राजीव पुरी और बेटी नम्रता. अमरीश के बेटे राजीव पुरी भले ही फ़िल्मों में नहीं आए लेकिन उनका पोता फ़िल्मों में आने की तैयारी 5 साल की उम्र से करता रहा है. वो अब बॉलीवुड में डेब्यू करने वाला है. हज़रात का नाम था हर्षवर्धन लेकिन अब ये अपना नाम वर्धन कर चुके हैं. हाल ही में मुंबई मिरर
में छपे एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने बारे में कई बातें बताईं. खासम-खास बातें यहां पढ़ेंः
#1) वर्धन प्रोडूसर जयंतीलाल गड़ा की एक फिल्म से डेब्यू करने जा रहे हैं. ये एक रोमांटिक थ्रिलर होगी लेकिन फिलहाल फिल्म का नाम तय नहीं है. गड़ा ने इससे पहले 'कहानी' और 'शिवाय' जैसी फिल्में प्रोड्यूस की हैं. वर्धन बताते हैं,
" पहले मैं जयंती भाई की एक पीरियड ड्रामा से अपने करियर की शुरुआत करने वाला था लेकिन किन्हीं कारणों के चलते वो फिल्म फंस गई. फिर कुछ वक़्त बाद जयंती भाई ने मुझे इस रोमांटिक थ्रिलर की कहानी सुनाई जिसे सुनते ही मैंने हामी भर दी. ये फिल्म कुछ हद तक हॉलीवुड फिल्म 'गॉन गर्ल' जैसी फील देगी. फ़िलहाल मैं इस रोल के लिए ट्रेनिंग ले रहा हूं. संभवत: फिल्म सितंबर के महीने में फ्लोर पर आ जाएगी. अभी डायरेक्टर साहब फिल्म की हिरोइन ढूंढने और दिल्ली, शिमला की रेकी करने में व्यस्त हैं."

वर्धन पुरी
#2) वैसे एक्टर बनने के लिए वर्धन पुरी बचपन से तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 5 साल की उम्र में उन्होंने थिएटर के जाने-माने नेशनल अवॉर्ड विनर एक्टर, फिल्ममेकर और रायटर सत्यदेव दूबे की छत्रछाया में एक्टर बनने की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी. सत्यदेव दूबे अमरीश पुरी के भी मेंटर थे. एक्टर बनने की ट्रेनिंग की शुरुआत में थिएटर गुरु सत्यदेव, वर्धन से बैकस्टेज वाले काम करवाते थे. जैसे स्टेज साफ़ करना, कास्ट और क्रू को चाय पिलाना. इसके बाद कहीं जाकर उन्हें छोटे-छोटे रोल मिलना शुरू हुए. फिर फाइनली टीनएज में जाकर उनको थिएटर में अपना पहला लीड रोल मिला. आज तक वर्धन 90 थिएटर प्लेज़ का हिस्सा रह चुके हैं.
#3) थिएटर में ट्रेनिंग के बाद वर्धन यशराज फ़िल्म्स में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम करने लगे. उन्होंने अब तक तीन फ़िल्मों 'इश्कज़ादे', 'शुद्ध देशी रोमांस' और 'दावते इश्क़' में कैमरे के पीछे रहकर काम किया है.

वर्धन ने यशराज के लिए जिस भी फिल्म में काम किया, उन सब में परिणीती चोपड़ा हैं.
#4) चार्ली चैपलिन और किशोर कुमार के कायल वर्धन अपने दादा अमरीश पुरी को अपना पहला गुरु मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं. वैसे अमरीश पुरी के बारे में भी यही कहा जाता था कि उनका अपने पोतो-पोतियों से बेहद लगाव था. इसी बात के संबंध में वर्धन ने बताया,
"मैं दादू और दादी के बीच में सोया करता था. जब तक दादू घर नहीं आते थे जगता रहता था. उनकी डेथ के बाद मैंने सोच लिया था कि मैं कुछ करूंगा जो मेरे दादू के लिए होगा. इसलिए ये फिल्म जो मैं करने जा रहा हूं ये उनके लिए है."

अमरीश पुरी के साथ किशोर कुमार और अडोल्फ हिटलर का रोल चैपलिन स्टाइल में करते हुए वर्धन पुरी.
#5) वर्धन ने अपने दादू और खुद के प्यारे रिश्ते के बारे में बताते हुए एक राज़ की बात बताई, "मैं और दादू, रात के 3 बजे तक दिलीप कुमार, हॉलीवुड के दिग्गज अल पचीनो और रोबर्ट डी नीरो की फिल्में देखा करते थे. हमारी कुछ पसंदीदा फिल्मों में से ' द गॉडफादर' और 'द शॉशैंक रिडेम्पशन' हुआ करती थी. मुझे आज भी याद है मैं दादू के साथ रीडिंग सेशंस में बैठा करता था."
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