विराट कोहली (Virat Kohli) 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से अपना रिटायरमेंट अनाउंस कर चुके हैं. लेकिन इसके बाद से लगातार इसको को लेकर चर्चा जारी है. इसे लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. साथ ही कई तरह के दावे भी किए जा रहे हैं. एक दावे के मुताबिक विराट को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी जानी थी, लेकिन अचानक सब कुछ बदल गया.
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विराट को मिलने वाली थी कप्तानी, अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन्हें रिटायरमेंट लेना पड़ा?
Virat Kohli के रिटायरमेंट को लेकर चर्चा जारी है. इसे लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. साथ ही कई तरह के दावे भी किए जा रहे हैं. एक दावे के मुताबिक विराट को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी जानी थी, लेकिन अचानक सब कुछ बदल गया.
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विराट कोहली के जो करीबी लोग हैं, कम से कम उनका तो यही कहना है कि एडिलेड टेस्ट के बाद उन्हें फिर से कप्तानी सौंपे जाने का इशारा किया गया था. लेकिन बाद में चीजें बदल गईं.
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि जब भारत को सीरीज में हार का सामना करना पड़ा, तब टीम मैनेजमेंट का रुख पूरी तरह से बदल गया. उसके बाद भी विराट कोहली कप्तानी मिलने को लेकर पूरी उम्मीद लगाए हुए थे. यही वजह थी कि उन्होंने फरवरी में दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी का एक मैच भी खेला. लेकिन अप्रैल में उन्हें साफ कर दिया गया कि सिर्फ खिलाड़ी के तौर पर ही उनकी भूमिका पर विचार किया जाएगा.
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दिल्ली के कोच ने उठाए सवालइससे पहले दिल्ली के कोच सरनदीप सिंह (Sarandeep Singh) ने भी दावा किया था कि विराट टेस्ट से रिटायरमेंट का बिल्कुल भी विचार नहीं कर रहे थे. उन्होंने कहा था,
विराट कोहली के संन्यास लेने का कोई संकेत नहीं था. वो रेड फॉर्मेट क्रिकेट खेलने आए थे, इसलिए उनका ऐसा कोई विचार नहीं था. उस समय भी, वह आने वाले टेस्ट मैचों के साथ इंग्लैंड सीरीज के बारे में बात कर रहे थे. तो उनके हिसाब से वो इंग्लैंड दौरे पर जाने वाले थे. इस बार, वह इंग्लैंड दौरे के लिए बहुत अच्छी तरह से तैयारी करना चाहते थे.
वहीं हाल ही में इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर नासिर हुसैन ने कहा कि विराट कोई नॉर्मल क्रिकेटर नहीं थे, जिन्होंने 10 हजार रन पूरे होने से ठीक पहले रिटायरमेंट ले लिया. हुसैन ने स्काई स्पोर्ट्स क्रिकेट पॉडकास्ट में कहा,
कोहली का करियरकोहली कोई एक नॉर्मल क्रिकेटर नहीं बनना चाहते कि थोड़े बहुत रन बनाओ और खेलते रहो. उन्होंने भारतीय क्रिकेटर को इतना पावरफुल टीम बनाया है. वो एक मैच विनर हैं, जिसका अंतिम लक्ष्य को जीतते देखना है और वो इसके लिए बेताब दिखते हैं. कोहली के लिए सब कुछ जीत ही है. वह रन चेज में इतने अच्छे क्यों हैं? वो कभी ये कह ही नहीं सकते कि वो मैदान पर जाकर अपना 100 फीसदी नहीं दे सकते. यह उनके रिटायरमेंट के फैसले का हिस्सा हो सकता है.
कोहली की बात करे तो उनका टेस्ट डेब्यू जून 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन में हुआ था. कोहली ने तब पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 15 रन बनाए थे. वहीं उनका आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में था, जो जनवरी 2025 में खेला गया था. इस आखिरी टेस्ट में कोहली ने पहली पारी में 17 तो दूसरी पारी में 6 रन बनाए थे. किंग कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले हैं. इस दौरान उन्होंने 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए. कोहली ने टेस्ट में 30 शतक और 31 अर्धशतक जड़े हैं.
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